Abhimanyu kiska putra tha | अभिमन्यु किसका पुत्र था ?

Abhimanyu kiska putra tha : आज का हमारा विषय महाभारत काल के एक उस योद्धा के बारे में हैं जिसको आप भली-भांति जानते होंगे, अगर आपने सही ढंग से महाभारत को देखा है तो आप अभिमन्यु के नाम को कैसे भूल सकते हैं।

आज के इस लेख में हम उसी वीर महान योद्धा अभिमन्यु के बारे में वह सभी जानकारियां आपके साथ साझा करने वाले हैं, जो शायद आपको पहले पता ना हो या फिर आपको उनमें किसी प्रकार का संशय हो।

आज के हमारे इस महाभारत कालीन लेख में हम चर्चा करेंगे कि Abhimanyu kiska putra tha, अभिमन्यु की माता का नाम क्या था और अभिमन्यु अपनी वीरगति को कैसे प्राप्त हुआ था।

इसके साथ ही हम जानेंगे अभिमन्यु के बारे में और कुछ जानकारियां जो शायद आपको महाभारत में बहुत ज्यादा देखने को ना मिली हो क्योंकि महाभारत के धारावाहिक में आपको किसी भी अंश के बारे में बहुत ज्यादा नहीं बताया जाता होगा

परंतु आज के इस लेख को पढ़ने के बाद शायद आप अभिमन्यु के बारे में वे सभी जानकारियां जान सकेंगे जो शायद इस लेख को पढ़ने से पहले आपको ना पता हो। तो चले विस्तार में जानते है की महाभारत के अभिमन्यु किसका बेटा था !

 

Abhimanyu kiska putra tha

 

अभिमन्यु किसका पुत्र था | Abhimanyu kiska putra tha

 अगर आपने महाभारत को सही ढंग से देखा है तो आप जानते होंगे कि अभिमन्यु अर्जुन और सुभद्रा का पुत्र था। यह अर्जुन वही है जो पांच पांडवों में शामिल थे 

अभिमन्यु स्वयं भी अर्जुन के प्रकार एक महान योद्धा थे और उनका युद्ध कौशल भी देखने लायक था। अच्छे से अच्छा योद्धा भी अभिमन्यु के आगे हार मान जाता था क्योंकि वे अपने पिता अर्जुन की भांति ही इसमें निपुण थे।

अगर बात की जाए अभिमन्यु की माता की तो उनकी माता का नाम सुबद्रा था ! जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं जो कि श्री कृष्ण और बलराम की बहन थी।

इस प्रकार से देखा जाए तो अभिमन्यु श्री कृष्ण और बलराम के भांजे हैं।अपनी बाल्यकाल की अवस्था के दौरान अभिमन्यु द्वारा अपने मामा बलराम और श्रीकृष्ण से भी कई प्रकार के युद्ध कौशल को सीखा गया था।

 

अभिमन्यु की मृत्यु कैसे हुई | Abhimanyu ki mrityu kaise hui

अगर बात की जाए इस वीर योद्धा अभिमन्यु की तो इनकी मृत्यु महाभारत के युद्ध में हुई थी जब वे अपने पिता के स्थान पर कौरवों से युद्ध लड़ रहे थे तो उनको कौरवों द्वारा अपने एक चक्रव्यूह में फंसा लिया गया था।

 

Mahabharat

 

अभिमन्यु जैसे वीर योद्धा द्वारा यह बिना सोचे समझे ही चक्कर में प्रवेश कर लिया गया कि वह इस से बाहर आ पाएंगे या नहीं।

जैसा कि यह कौरवों की एक सोची समझी साजिश थी कि यदि हम अभिमन्यु को अपने चक्रव्यूह में फंसा ले तो अभिमन्यु केवल इसके अंदर आ सकता है,

परंतु इससे बाहर जाना फिर उसके वश में नहीं होगा और इसी कारण अंतिम दम तक अभिमन्यु कौरवों से लड़ते रहे और अंततः वीरगति को प्राप्त हुए।

 उस समय अभिमन्यु की आयु मात्र 16 वर्ष की थी 

 

अभिमन्यु के बारे में धारणा | Abhimanyu ke bare mein jankari

आप अलग-अलग इतिहासकरो से अभिमन्यु के बारे में अलग-अलग प्रकार की कहानियों को सुनेंगे और उनमें से ही एक धारणा यह है कि अभिमन्यु अर्जुन के पुत्र नहीं थे बल्कि वह असलियत में चंद्र देव के पुत्र थे।

एक बार की बात है जब सभी देवताओं द्वारा यह निश्चय किया गया कि वे सभी अपने पुत्रों को धरती लोक पर भेजेंगे परंतु जैसा कि चंद्र देव के पुत्र अभिमन्यु थे तो चंद्र देव का उनसे बहुत ज्यादा लगाव था,

इसलिए चंद्रदेव ने यह आग्रह किया कि मैं अपने पुत्र को मानव योनि में मात्र 16 वर्ष तक ही रख पाऊंगा अर्थात कि 16 वर्ष बाद मुझे मेरे अभिमन्यु को वापस लौटना होगा।

हम संक्षेप में बात करें तो चंद्रदेव को अभिमन्यु का आध्यात्मिक पिता भी माना जाता है क्योंकि अर्जुन का पुत्र होने से पहले वे चंद्र देव के पुत्र थे।

अगर अब महाभारत युद्ध की बात करें तो जब अभिमन्यु वीरगति को प्राप्त हुए तो उनकी आयु भी मात्र 16 वर्ष थी परंतु इसके बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं मिलती हैं।

 

अभिमन्यु को किसने मारा था | Abhimanyu ko kisne mara tha mahabharat mein

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि महाभारत के युद्ध में अभिमन्यु को कौरवों द्वारा अपने चक्रव्यूह में फंसा कर मारा गया था परंतु क्या आप जानते हैं कि उस चक्रव्यू में भी सबसे पहला बाण अभिमन्यु पर किसने चलाया था, तो उनका नाम था भीष्म पितामह कर्ण है

अभिमन्यु की मृत्यु का मुख्य कारण देखा जाए तो वह जयदर्थ था क्योंकि उसके द्वारा अन्य पांडवों को चक्रव्यूह में आने से रोक दिया गया था, इससे अभिमन्यु चक्रव्यूह में निहत्था पड़ गया था और उसे किसी प्रकार की सहायता प्राप्त ना हो सकी थी।

इन्हीं सब में अभिमन्यु चक्रव्यूह के बीच में अकेला फंसा रह गया और उस महान वीर योद्धा पर इन पापी पांडवों द्वारा बिना सोचे समझे हमला कर दिया गया, जिससे यह वीर बालक मात्र 16 वर्ष की आयु में ही वीरगति को प्राप्त हो गया।

 

अभिमन्यु का पुत्र कौन था | Abhimanyu ke putra ka naam

आप सोच रहे होंगे कि अभिमन्यु की मृत्यु के पश्चात अभिमन्यु के वंश को आगे बढ़ाने का कार्य किसने किया, तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभिमन्यु के पुत्र का नाम परीक्षित था !

जो कि उस समय कुरु वंश के एकमात्र जीवित सदस्य थे जो पुरुष थे और इनके द्वारा ही अपने वंश को आगे बढ़ाया गया था।

अभिमन्यु का विवाह महाराजा विराट की पुत्री उत्तरा से हुआ था अर्थात की परीक्षित की माता का नाम उत्तरा था।

 

FAQ :

सवाल : अभिमन्यु की माता का नाम क्या था

अभिमन्यु के माता का नाम सुभद्रा था ! जिसके बारे में हम ने इस लेख में विस्तार में जानकारी प्रदान की है

सवाल : अभिमन्यु के कितने पुत्र थे

अभिमन्यु मात्र एक पुत्र थे जिनका जन्म अभिमन्यु के मृत्योपरांत हुआ और उनका नाम परीक्षित था

सवाल : महाभारत में अर्जुन के कितने पुत्र थे

महाभारत में अर्जुन के 4 पुत्र थे और इनका नाम अभिमन्यु,ईरावान वभ्रुवाहन और श्रुतकीर्ति थे

सवाल : अभिमन्यु की पत्निया कितने थे

इनकी 2 पत्निया थी जिनका नाम उत्तरा और वत्सला था

 

Conclusion

आज के लेख में हम ने जाना Abhimanyu kiska putra tha और समझा की महाभारत के अभिमन्यु अर्जुन और सुभद्रा का पुत्र थे ! और इनकी मृत्यु महाभारत के युद्ध में हुई और इनके मृत्योपरांत इन्हे एक पुत्र हुआ जिसका नाम परीक्षित था !

तो इस तरह से इतिहास में हुए महाभारत के महँ योद्धा अभिमन्यु के बारे में हम ने विस्तार में जानकारी आप के साथ शेयर करने की कोशिश की है !

और उम्मीद करते है आप को यह लेख बेहद पसंत आया होगा | यदि आप के मन में महाभारत संबंधित कोई भी प्रश्न है तो आप निचे कमेंट में कर सकते है जिसका सटीक जवाब देने की हम पूरी कोशिश करेंगे

वही यह वेबसाइट आप सभी के लिए बिलकुल फ्री में ज्ञानवर्धक लेख रोजाना पब्लिश करती है इसीलिए आप को इसे सब्सक्राइब करना चाहिए और अपने दोस्तपो के साथ भी शेयर करना चाहिए ताकि वर्तमान तथा भविष्य में आप को इसका जरूर फायदा हो !

इस लेख को शुरवात से अंत तक पढ़ने के लिए आप सभी लोगों का तहे दिल से धन्यवाद !

Leave a Comment