बेलन का आयतन : बेलन जिसे की अंग्रेजी में Cylinder भी कहा जाता है, सामान्य गणित में एक विषय हैं जो कि बीजगणित के अंतर्गत आता है और अन्य ज्यामितीय आकृतियों के समान ही इसके भी आयतन का सूत्र एवं विभिन्न प्रकार के फार्मूले होते हैं
यह बेलन एक तीन भुजाओं से घिरी हुई ज्यामितीय आकृति होती हैं जो कि एक सिरे से दूसरे सिरे तक एक बेलनाकार आकृति में लिप्त होती हैं
इस आकृति का संबंध आयत से भी हैं क्योंकि जिस प्रकार से आयत में उसकी आमने सामने वाली भुजाएं समान होती हैं, उसी प्रकार से इस आकृति में उसकी उच्चतम और उसकी निचली भुजाओं का माप लगभग समान होता है
जब किसी समान क्षेत्रफल तथा समान भुजाओं वाले आयत को एक गोलाकार आकृति में मोड़ा जाता है तो इस ज्यामितीय आकृति बेलन का निर्माण होता है और यह बीजगणित में आने वाले ज्यामिति यानि कि Mensuration का एक महत्वपूर्ण विषय भी माना जाता है
आज के इस लेख में हम इसी बेलन से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रश्नों को हल करते हुए इससे संबंधित विभिन्न सूत्रों को जानेंगे
और साथ ही आज के हमारे इस लेख का मुख्य विषय रहेगा बेलन का आयतन क्योंकि यह आयतन इसके संपूर्ण क्षेत्रफल का मापक भी होता है और इसकी धारिता को भी दर्शाता है
इस लेख में हम इस बेलन की परिभाषा को भी समझेंगे और किस प्रकार से इस का संपूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल निकाला जाता है तथा किस प्रकार से इस के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल निकाला जाता है इससे संबंधित प्रश्नों को भी हल करेंगे
बेलन का आयतन – Belan ka Aayatan
किसी भी ज्यामितीय आकृति के आयतन का तात्पर्य यह होता है कि वह ज्यामितीय आकृति कितना स्थान गिरती है
उदाहरण के तौर, पर यदि एक सिलेंडर 18 सेंटीमीटर की जगह गिरता है तो इसका तात्पर्य है कि वह 18 सेंटीमीटर का आयतन रखता है
अगर यही आयतन किसी शंक्वाकार आकृति या किसी गिलास के लिए प्रयुक्त किया जाए तो इसे आयतन के स्थान पर उसकी धारिता कहा जाता है यानी कि धारण करने की क्षमता को ही आयतन मान लिया जाता है
बेलन के आयतन का सूत्र (Formula) = πr2h
यहां पर पाई का मान 22/7 होगा
यहां दिए गए r का तात्पर्य उस बेलन के दोनों सिरों पर जो वार्ताकार वृत दिए हुए हैं उनकी त्रिज्या से हैं, जब उन दोनों वृत के व्यास को आधा कर दिया जाएगा तो हमें इसकी त्रिज्या प्राप्त होगी क्योंकि व्यास की आधी हमेशा त्रिज्या होती हैं
यहां दिए गए h का तात्पर्य उस बेलनाकार आकृति की ऊंचाई से हैं जो कि सदैव एक दिशा में लंबवत होती हैं और इसी ऊंचाई की सहायता से उसके आयतन को प्राप्त किया जा सकता है
अगर हमें किसी भी बेलनाकार वस्तु का आयतन प्राप्त करना है तो हम इस सूत्र का प्रयोग करते हुए उसके आयतन को प्राप्त करेंगे जोकि हैं : आधार में उपस्थित वृत्त का क्षेत्रफल × उस बेलन की लंबवत ऊंचाई
उदाहरण के लिए, एक बेलन की त्रिज्या 7 सेंटीमीटर है और उसी बेलन की ऊंचाई 10 सेंटीमीटर है तो उस बेलन का आयतन ज्ञात कीजिए?
उस बेलन की त्रिज्या : 7 सेंटीमीटर
उस बेलन की ऊंचाई : 10 सेंटीमीटर
अब हमें इस बेलन की ऊंचाई तथा त्रिज्या प्राप्त हो गई है तो हम आसानी से इसका आयतन प्राप्त कर सकते हैं
बेलन के आयतन का सूत्र : πr2h
सूत्र संख्या डालने पर प्राप्त परिणाम : 22/7 × 7 × 10 सेंटीमीटर
इन सभी संख्याओं को आपस में गुणा करने पर प्राप्त परिणाम : 22 × 7 × 10 सेंटीमीटर
अंतिम परिणाम : 1540 सेंटीमीटर
अतः यदि एक बेलन की ऊंचाई 10 सेंटीमीटर तथा उसकी त्रिज्या 7 सेंटीमीटर है तो उस बेलन का आयतन 1540 सेंटीमीटर होगा
बेलन के आयतन संबंधित प्रश्न
अब आप इस बेलन के आयतन के सूत्र को जान गए होंगे तो अब हम कुछ प्रश्नों को हल करेंगे, जिससे आप इस सूत्र को किस प्रकार से लागू किया जाता है यह बहुत आसानी से समझ पाएंगे
प्रश्न संख्या 1 : एक बेलनाकार आकृति है जिसके दोनों सिरों पर अर्ध गोलाकार दो छोटे-छोटे गोले लगे हुए हैं,अगर पूरी बेलनाकार आकृति की लंबाई 14 मिली मीटर है और इस आकृति का व्यास 5 मिलीमीटर है तो इसका पृष्ठ क्षेत्रफल क्या होगा इसके आयतन की सहायता से ज्ञात कीजिए?
उत्तर : यहां दी हुई बेलनाकार आकृति का व्यास इसके दोनों सिरों पर जो अर्धगोले दिए हैं वह हैं उनके व्यास के बराबर हैं
अर्ध गोले का व्यास D = 5mm
अर्ध गोले की त्रिज्या = D/2
क्योंकि हम जानते हैं कि त्रिज्या सदैव व्यास की आधी होती हैं इसलिए हमने इस सूत्र का प्रयोग अर्ध गोले की त्रिज्या निकालने के लिए किया है
अर्ध गोले की त्रिज्या = r 5/2
इस बेलनाकार आकृति की ऊंचाई h = इस संपूर्ण आकृति की लंबाई – 2r
h = 14 – 5
= 9 mm
अब इस आकृति का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल : 2 ( अर्ध गोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल ) – पूर्ण बेलन का वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल
= 2 × 2 πr2 + 2πrh
= 2πr ( 2r + h )
= 2 × 22/7 × 5/2 × 14
= 220mm
इस प्रकार से इस संपूर्ण बेलनाकार आकृति का पृष्ठीय क्षेत्रफल 220 मिली मीटर स्क्वायर होगा
प्रश्न संख्या 2 : एक बेलनाकार आकृति है जिसके दोनों सिरों पर अर्ध गोलाकार दो छोटे गोले अध्यारोपित हैं अंदर की तरफ, अगर उस बेलन की ऊंचाई 10 सेंटीमीटर है और उसके आधार की त्रिज्या 3.5 सेंटीमीटर है तो इस पूरी आकृति का पृष्ठ क्षेत्रफल क्या होगा?
उत्तर : इस आकृति का पृष्ठीय क्षेत्रफल निम्नलिखित होगा
इस आकृति की ऊंचाई = 10 cm
इस आकृति के आधार की त्रिज्या = 3.5 cm
जो छोटे-छोटे दो अर्धगोले दिए हुए हैं, उनकी त्रिज्या क्रमशः 3.5 सेंटीमीटर है
अतः इस पूरी आकृति का संपूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल ज्ञात करने का सूत्र =
बेलनाकार आकृति का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + ऊपरी और गोले का वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल + अर्ध गोले का वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल
= 2πrh + 2πr2 + 2πr2
= 2πr ( h + r + r )
= 2πr ( h + 2r )
= 2 × 22/7 × 3.5 ( 10 + 2 × 3.5 )
= 2 × 110/10 ( 10 + 7 )
= 110 ×34 / 10
= 3740 / 10
= 374 cm
अतः इस प्रकार इस संपूर्ण बेलनाकार आकृति का पृष्ठ क्षेत्रफल 374 सेंटीमीटर होगा
प्रश्न संख्या 3 : एक बेलनाकार आकृति के कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल और उसके वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल का अनुपात क्या होगा अगर उसकी कुल त्रिज्या 40 सेंटीमीटर और उसकी कुल लंबाई 160 सेंटीमीटर है?
उत्तर : मान निम्नानुसार है
आकृति की कुल त्रिज्या 40 सेंटीमीटर है
आकृति की कुल ऊंचाई 160 सेंटीमीटर है
प्रयुक्त सूत्र होगा :
इस बेलनाकर आकृति का कुल पृष्ठ क्षेत्रफल = 2 π r ( r + h )
इस बेलनाकार आकृति का कुल वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल = 2πrh
2× π × 40 ( 40 + 160 )
16000 वर्ग किलोमीटर
यह इस बेलनाकार आकृति का कुल पृष्ठ क्षेत्रफल है
2 × π × 40 × 160
12800 वर्ग किलोमीटर
यह इस बेलनाकार आकृति का कुल वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल है
अतः इस प्रकार से जब हम इसके कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल और वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल के अनुपात को ज्ञात करेंगे तो सूत्र होगा : 16000 : 12800
इस प्रकार से इन दोनों का अनुपात 5:4 होगा
बेलन का वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल – Area of Cylinder in Hindi
यह बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल उसके संपूर्ण क्षेत्रफल के विपरीत होता है जिसे ज्ञात करने का सूत्र भी अलग है हैं
बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात करने का सूत्र : 2 π r × h
हिंदी में इसका वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल निकालने का सूत्र : किसी भी बेलनाकार आकृति के परिधि की लंबाई × किसी भी बेलनाकर आकृति की ऊंचाई
इसमें भी पाई का मान 22/7 ही रखा जाता है
इस सूत्र का प्रयोग किसी भी बेलनाकार आकृति के वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल को निकालने के लिए किया जाता है
बेलन का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल
इस सूत्र के द्वारा किसी भी बेलनाकर आकृति के संपूर्ण क्षेत्रफल को निकाला जाता है, जिसमें कि उस का वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल भी सम्मिलित होता है, इस सूत्र द्वारा हम ऐसा कर सकते हैं
बेलन का संपूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल ज्ञात करने का सूत्र : 2πr2 + 2πrh
हिंदी में किसी बेलनाकार आकृति का संपूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल ज्ञात करने का सूत्र : तो समान वृत्ताकार तलो का क्षेत्रफल + बेलनाकार आकृति का वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल
ऐसे सूत्र का प्रयोग करके किसी भी बेलनाकार आकृति के वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल की मदद से उसका संपूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल निकाला जा सकता है
बेलनाकार आकृति के गुणधर्म एंव विशेषताएं
आमतौर पर किसी भी बेलनाकार आकृति का निर्माण होने के पीछे आयत का ही हाथ होता है और उसी की सहायता से इस आकृति का निर्माण किया जाता है
जब किसी समान भुजाओं वाले तथा समान क्षेत्रफल वाले आयत को एक समान रूप से गोलाकार आकृति में डाला जाता है तो हमें यह बेलन प्राप्त होता है
- किसी भी बेलनाकार आकृति के अंदर एक समान भुजाओं वाला आयत छुपा रहता है, जिसकी आमने-सामने की चारों भुजाएं समान होती हैं परंतु यह एक वर्ग नहीं होता है क्योंकि वर्ग में उसकी चारों भुजाएं समान रहती है और अगर किसी वर्ग को इस प्रकार से गोलाकार आकृति में मोडा जाए तो हमें यह बेलन प्राप्त नहीं होगा
- अगर किसी भी बेलनाकार आकृति की लंबवत ऊंचाई में वृद्धि की जाए तो यह निश्चित है कि उस बेलन के आयतन में भी उतनी ही वर्द्धि होगी जितनी कि उसकी लंबवत ऊंचाई में वृद्धि की गई है, उदाहरण के तौर पर यदि किसी बेलन आकार आकृति की लंबवत ऊंचाई में 18 गुना वृद्धि की गई है तो उसके आयतन में भी 18 गुना वृद्धि हो जाएगी
- किसी भी बेलनकार आकृति का आयतन उसकी धारिता पर निर्भर करता है और यह दर्शाता है कि उस बेलनाकार आकृति में धारण करने की क्षमता कितनी है
- किसी भी बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात करने का 2πrh सूत्र होता है
- किसी भी बेलन का संपूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल ज्ञात करने का सूत्र 2πr( r + h) होता है
- किसी भी आकृति जो कि बेलनाकार है उसकी ऊंचाई ज्ञात करने का सूत्र (बेलन का आयतन / πr2 ) होता है
- किसी भी लंब वृत्तीय बेलन के व्यास के आदि त्रिज्या को ज्ञात करने का सूत्र √(बेलन का आयतन / πh) होता है
- इस बेलन को ज्यामितीय गणित का एक महत्वपूर्ण विषय माना जाता है जो कि शंकु आदि की तरह ही क्षेत्रफल पर निर्भर करता है
बेलन से बनने वाले विभिन्न प्रकार के प्रश्न
अगर आप किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आपको इस विषय से संबंधित निम्नलिखित प्रकार के प्रश्न अपनी परीक्षाओं में देखने के लिए मिल सकते हैं
- किसी बेलनाकर आकृति की ऊंचाई और उसकी त्रिज्या की सहायता से उसका आयतन ज्ञात करना
- किसी बेलन के व्यास की सहायता से और उसकी लंबवत ऊंचाई की सहायता से उस का वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल ज्ञात करना
- किसी बेलनाकार आकृति जिसमें कि केवल उसकी ऊंचाई दी गई है तथा अर्ध गोले चिपकाए गए हैं तो उन का वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल ज्ञात करना
- किसी खोखले बेलन का वक्र पृष्ठीय तथा संपूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल ज्ञात करना
- किसी अर्ध गोले से निर्मित बेलनाकार आकृति का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात करते हुए उसके वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल को भी निकालना
FAQs : Belan ka Aayatan In Hindi
सवाल : बेलन का आयतन ज्ञात करने का Formula क्या है?
इसका सूत्र πr2h है
सवाल : एक बेलनाकार आकृति के संपूर्ण पृष्ठ kshetrafal को ज्ञात करने का सूत्र क्या होगा?
इस आकृति के संपूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल को ज्ञात करने का सूत्र 2πr2 + 2 πrh होगा
सवाल : एक बेलनाकार आकृति के संपूर्ण वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल ज्ञात करने का Formula क्या होगा?
ऐसा करते के संपूर्ण वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल ज्ञात करने का सूत्र 2 π r × h होगा
सवाल : एक आधार वृत्त का क्षेत्रफल × एक बेलनाकार आकृति की लंबवत ऊंचाई, यह किसका सूत्र है?
यह किसी बेलनाकार आकृति के आयतन ज्ञात करने का सूत्र है
सवाल : एक बेलनाकार आकृति के दोनों और के वार्ताकार तलो का क्षेत्रफल + उस आकृति के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल, यह किसका सूत्र है?
यह उस बेलनाकार आकृति के संपूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल को ज्ञात करने का सूत्र हैं
सवाल : एक बेलनाकार आकृति की परिधि की लंबाई × उस बेलनाकर आकृति की ऊंचाई, यह किसका सूत्र है?
यह उस बेलनाकर आकृति के वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात करने का सूत्र है
सवाल : बीजगणित में किसी भी आकृति का आयतन हमें क्या दर्शाता है?
बीजगणित में किसी भी आकृति का आयतन उसके धारण करने की क्षमता या उसके द्वारा घेरे गए स्थान को दर्शाता है
Conclusion
तो पाठको हम आशा करते हैं कि आपको आज का हमारा यह लेख बेलन का आयतन बहुत ज्यादा पसंद आया होगा और इस लेख को पढ़कर आपको इस बीजगणित के विषय के बारे में अच्छी जानकारी प्राप्त हुई होगी और साथ ही इसमें बताए गए प्रश्नों द्वारा आपने अभ्यास भी किया होगा
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आप सभी पाठकों का इस लेख को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत आभार और धन्यवाद