Bharat Ki Pahli Mahila Khanan Engineer | भारत की पहली महिला खनन इंजीनियर

Bharat Ki Pahli Mahila Khanan Engineer : आज हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों के बराबर कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है चाहे वह क्षेत्र तकनीकी का हो या कला का, विज्ञान का हो या फिर अंतरिक्ष का हो

आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं बचा है जिसमें महिलाओं ने अपना कोई योगदान नहीं दिया है, पूरे विश्व के साथ-साथ भारत में भी महिलाओं का दबदबा अब लगातार बढ़ता जा रहा है,

भारतीय महिलाओं द्वारा भी पुरुषों के बराबर अपनी कार्य क्षमता को विकसित किया जा रहा है और धीरे-धीरे उनका योगदान भी भारत के विकास में बढ़ता जा रहा है, जैसे भारत की मिताली राज और झूलन गोस्वामी ने क्रिकेट में अपना योगदान दिया तो वहीं दूसरी और कल्पना चावला ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का नाम रोशन किया

इस प्रकार से यदि भारतीय महिलाओं की उपलब्धियों की चर्चा की जाए तो उनके लिए शब्दों की कमी भी पड़ सकती हैं परंतु उनकी उपलब्धियां पूरी नहीं होगी

आज के इस लेख में हम उसी एक महिला की बात करने वाले हैं और यह जानने वाले हैं कि वह महिला इतनी खास क्यों है और आखिर उन्होंने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में ऐसा क्या योगदान दिया कि आज के इस लेख में हम आपक उनके बारे में बता रहे हैं

आज के हमारे इस लेख का मुख्य विषय रहेगा Bharat Ki Pahli Mahila Khanan Engineer और इस लेख को पढ़कर आप भारत की पहली खनन इंजीनियर के बारे में समस्त जानकारी जान जाएंगे

 

Bharat Ki Pahli Mahila Khanan Engineer

 

Bharat Ki Pahli Mahila Khanan Engineer

भारत की पहली महिला खनन इंजीनियर का नाम  आकांक्षा कुमारी  है

और यह झारखंड की रहने वाली हैं और यह झारखंड के हजारीबाग जिले की रहने वाली हैं, आकांक्षा कुमारी कोल इंडिया लिमिटेड कंपनी की दूसरी महिला इंजीनियर भी है जो कि उनके लिए एक और गर्व का विषय है

 

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आकांक्षा कुमारी

कोल इंडिया लिमिटेड में काम करने से पहले आकांक्षा कुमारी ने राजस्थान में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की बदरिया खान में भी 3 साल तक काम किया था और फिर वहां से अनुभव लेने के पश्चात उनका सिलेक्शन कोल इंडिया लिमिटेड कंपनी में किया गया

आकांक्षा कुमारी ने झारखंड में उत्तरी करणपुरा क्षेत्र में पहली बार भूमिगत खदानों मैं अपना काम करना शुरू किया और आज भी भारत की सफल महिला खनन इंजीनियर के रूप में काम कर रही है

आकांक्षा कहती है कि उन्हें यह सफलता इतनी जल्दी नहीं मिली थी और इसे पाने के लिए उन्हें वर्षों तक बहुत कठिन संघर्ष करना पड़ा था जो कि एक सामान्य बात है, क्योंकि यदि आप एक ऐसे काम में जा रहे हो जो कि पुरुष प्रधान माना जाता है तो वहां पर महिलाओं के लिए संघर्ष की मात्रा पुरुषों की तुलना में बहुत ज्यादा होती हैं

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि आकांक्षा कुमारी ने महज 25 साल की उम्र में ही कोल इंडिया लिमिटेड कंपनी में पहली महिला खनन इंजीनियर के रूप में काम करना शुरू किया था, इससे पहले उन्होंने राजस्थान में 2 से 3 वर्षों तक काम किया यानी कि आकांक्षा कुमारी के पास इस क्षेत्र का एक लंबा अनुभव भी रहा है

और इसी अनुभव की बदौलत उन्हें इतनी बड़ी कंपनी यानी कि कोल इंडिया लिमिटेड में एक खनन इंजीनियर की पोस्ट मिल पाई है

यही आकांक्षा कुमारी भारत की पहली महिला खनन इंजीनियर है जो कि बड़ी-बड़ी खानों में काम करती हैं जो कि आमतौर पर पुरुषों का काम माना जाता है

आकांक्षा कुमारी कोल इंडिया लिमिटेड की पहली महिला इंजीनियर बनी है जो की खानों में काम करती हैं, कोल इंडिया लिमिटेड के एक बड़े अधिकारी का कहना है कि आकांक्षा कुमारी खानों में वह सभी काम करती हैं जो कि एक पुरुष इंजीनियर द्वारा किया जाता है, यानी कि सुरक्षा गार्ड और यहां तक की डंपर और बेलचा जैसी भारी मशीन चलाने तक की जिम्मेदारी भी आकांक्षा कुमारी द्वारा ही निभाई जाती है


भारत की पहली महिला खनन इंजीनियर का जीवन परिचय

अब आप यह तो जान ही गए होंगे कि Bharat Ki Pahli Mahila Khanan Engineer कौन है

तो अब हम उसी इंजीनियर के जीवन परिचय के बारे में देखने वाले हैं जिसे पढ़कर आपको अपने जीवन में भी कुछ करने के लिए मोटिवेशन प्राप्त होगा

  • भारत की पहली महिला खनन इंजीनियर आकांक्षा कुमारी का जन्म झारखंड के हजारीबाग जिले के बडका गांव हुआ था
  • आकांक्षा कुमारी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा को नवोदय विद्यालय से ग्रहण किया था और उसके बाद उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा भी इसी नवोदय विद्यालय से पूर्ण की थी
  • शुरुआत से ही आकांक्षा कुमारी का मन इंजीनियरिंग में ज्यादा था इसीलिए उन्होंने 2018 में बीआईटी सिंदरी से अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और उन्होंने पहली महिला माइनिंग इंजीनियर बनने के लिए तैयारी शुरू कर दी
  • आकांक्षा कुमारी झारखंड से आती है इसीलिए उनका खदानों के प्रति शुरुआत से ही प्राकृतिक झुकाव था और उनकी रूचि भी इसी में थी इसी कारण वे इसी क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहती थी
  • 2018 में अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद आकांक्षा कुमारी ने लगभग 3 वर्षों तक हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड जो कि राजस्थान में स्थित है वहां काम किया और यही नहीं उन्होंने सबसे गहरी खदान भलारिया खदान में भी काम किया
  • आकांक्षा कुमारी 2021 में कोल इंडिया लिमिटेड की दूसरी महिला इंजीनियर भी बनी जोकि अपने आप में एक गौरवान्वित करने वाला विषय हैं
  • साथ ही आकांक्षा कुमारी कोल इंडिया लिमिटेड कंपनी की पहली महिला माइनिंग इंजीनियर भी बनी
  • भारत की पहली महिला माइनिंग इंजीनियर बनने पर भारत के केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लद जोशी द्वारा भी आकांक्षा कुमारी को सराहा गया
  • भारत के कोयला मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दी आकांक्षा कुमारी को बधाई दी और यह लिखा कि “आप हजारों महिलाओं के लिए एक प्रेरणा सौत्र का कार्य करेंगी”
  • झारखंड के एक ग्रामीण परिवेश से आने के कारण ही आकांक्षा कुमारी इस माइनिंग के क्षेत्र में आ पाई हैं और यह वक्तव्य उनके द्वारा खुद कहा गया है

खनन इंजीनियरिंग क्या होती है – What is mining engineering In Hindi 

सामान्य तौर पर देखा जाए तो खनन इंजीनियरिंग भी बहुत सारी इंजीनियरिंग की ब्रांच की तरह ही एक ब्रांच हैं

जिसमें कि पृथ्वी के आंतरिक भाग में मौजूद विभिन्न पदार्थों जैसे कि खनिज पदार्थ या फिर कोई अन्य पदार्थों को बाहर निकाला जाता है और उन्हें संशोधित करने के बाद उनका इस्तेमाल किया जाता है, खनन इंजीनियरिंग करने वाले इंजीनियर को माइनिंग इंजीनियर कहा जाता है

खनन इंजीनियरिंग में एक बात का ध्यान इन इंजीनियरस द्वारा रखा जाता है कि पृथ्वी और संपूर्ण प्राकृतिक वातावरण के साथ किसी प्रकार का खिलवाड़ ना करते हुए सावधानीपूर्वक खनिज पदार्थों को धरती से निकाला जाए और उनका इस्तेमाल किया जाए


एक माइनिंग इंजीनियर बनने के लिए आपको निम्नलिखित चरणों को पार करना होगा

  1. कक्षा 12 में आपके पास भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान और साथ ही साथ गणित विषय होना चाहिए और आपको कम से कम अपनी 12 कक्षा 50% अंकों के साथ पास की हुई होनी चाहिए
  2. उसके बाद आपको बीटेक करनी होगी या फिर माइनिंग में BE करनी होगी या फिर माइनिंग इंजीनियरिंग में बीएससी करनी होगी
  3. पूरे भारत में ऐसे कई यूनिवर्सिटी और कॉलेज है जो कि माइनिंग इंजीनियरिंग में विभिन्न प्रकार के कोर्स विद्यार्थियों के लिए ऑफर करते हैं और इसमें कैरियर बनाने के लिए एक प्लेटफार्म प्रदान करवाते हैं
  4. इन सभी कोर्सेज को करने के बाद आप विभिन्न कंपनियों के इंटरव्यू या फिर कोई कॉन्पिटिटिव एग्जाम देकर आप माइनिंग इंजीनियर के रूप में वहां नौकरी प्राप्त कर सकते हो
  5. इंडियन स्कूल ऑफ द माइंस, झारखंड तथा इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी ऑफ बनारस हिंदू विश्वविद्यालय,वाराणसी तथा बिहार इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, सिंदरी, बिहार तथा कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग,उदयपुर, राजस्थान तथा विवस्वर्या रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज,नागपुर

गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज,रायपुर छत्तीसगढ़ आदि वे कॉलेज और यूनिवर्सिटी है, जहां से आप माइनिंग इंजीनियरिंग में विभिन्न प्रकार के कोर्स को कर सकते हैं और माइनिंग के क्षेत्र में विभिन्न पदों पर अपने आप को आसीन होता हुआ देख सकते हैं

तो अब आप इस प्रकार से समझ गए होंगे कि आप भी माइनिंग इंजीनियरिंग में अपने लिए किस प्रकार से कैरियर बना सकते हैं और एक सफल माइनिंग इंजीनियर बन सकते हैं


भारत की अन्य महिला इंजीनियर्स

आप यह तो जान गए होंगे कि Bharat Ki Pahli Mahila Khanan Engineer आकांक्षा कुमारी हैं परंतु क्या आप भारत की अन्य महिला इंजीनियर के बारे में भी जानते हैं

तो अब हम भारत की अन्य महिला इंजीनियर के बारे में भी देखेंगे और यह जानेंगे कि वह किस किस क्षेत्र में पहली महिला इंजीनियर के रूप में आई थी

  • ए ए ललिता 

यह भारत की पहली महिला इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थी, इनका जन्म 27 अगस्त 1919 में हुआ था

ए ए ललिता के पिता सुब्बाराव स्वयं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर थे और उन्हीं को देखकर यह ललिता को एक आत्मविश्वास मिला, ए ललिता ने 1946 में मद्रास कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से अपनी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की और वे भारत की पहली महिला इलेक्ट्रिकल इंजीनियर बनी

  • शकुंतला भगत 

यह भारत की पहली सिविल इंजीनियर थी, इन्होंने अपने पूरी सिविल इंजीनियरिंग के करियर में लगभग 200 से ज्यादा पूलो की डिजाइन तैयार की थी

शकुंतला भगत ने कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक लगभग 70 से ज्यादा पुलों का निर्माण अपने मार्गदर्शन में पूर्ण करवाया था, शकुंतला भगत द्वारा 1953 में अपनी सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री को मुंबई में स्थित वीरमाता जीजाबाई प्रौद्योगिकी संस्थान से प्राप्त की थी

  • शिवानी मीणा 

यह भारत की पहली महिला उत्खनन इंजीनियर हैं और वर्तमान में यह कोल इंडिया लिमिटेड में पोस्टेड हैं, शिवानी मीणा राजस्थान के भरतपुर जिले की रहने वाली हैं और उन्होंने आईआईटी जोधपुर से ही इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है

शिवानी मीणा बहुत बड़ी भारी भारी मशीनों के रखरखाव और उनके मरम्मत की जिम्मेदारी को बखूबी निभाती हैं इसी कारण से उन्हें एक उपनाम यानी की “आयरन मशीन लेडी” के नाम से भी जाना जाता हैं


भारत में पहले इंजीनियर – First engineer in india

भारत के सबसे पहले इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया थे और उन्हीं की बदौलत आज भारत में प्रौद्योगिकी का क्षेत्र इतने आगे आ पाया है, इन्ही के जन्म दिवस के अवसर पर 1968 से भारत सरकार की तरफ से इंजीनियर डे मनाया जा रहा है और सभी इंजीनियर इन्हें ही अपना आदर्श मानते हैं

15 September 1860 को भारत के पहले इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया का जन्म हुआ था और इन्हीं के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में हर साल 15 सितंबर को “नेशनल इंजीनियर डे” मनाया जाता है, 1955 में भारत सरकार द्वारा उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था और 1962 में 102 साल की उम्र में उनका निधन हुआ था

उनकी दो किताबें “रिकंस्ट्रक्टिंग इंडिया” और “प्लैंड इकोनामी ऑफ़ इंडिया” आज तक भी काफी मशहूर किताबों की श्रेणी में आती हैं

अपनी अद्भुत इंजीनियरिंग की कला के लिए एम विश्वेश्वरैया को भारत में आर्थिक योजना के अग्रदूत के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि भारत का  जो ढांचा आज आपको दिखाई दे रहा है, कहीं ना कहीं उसमें एम विश्वेश्वरैया का एक महत्वपूर्ण योगदान भी रहा है


FAQs : Bharat Ki Pahli Mahila Khanan Engineer

सवाल : भारत की पहली महिला खनन इंजीनियर का नाम?

भारत की पहली महिला खनन इंजीनियर का नाम आकांक्षा कुमारी हैं और यह झारखंड की रहने वाली हैं

सवाल : पहली महिला खनन इंजीनियर आकांक्षा कुमारी का जन्म कहां हुआ?

आकांक्षा कुमारी का जन्म झारखंड के हजारीबाग जिले में हुआ था

सवाल : माइनिंग इंजीनियर बनने के लिए 12वीं कक्षा में किस विषय का होना जरूरी है?

इसके लिए 12वीं कक्षा में भौतिक और रसायन विज्ञान के साथ-साथ गणित विषय होना आवश्यक है

सवाल : भारत की पहली महिला इलेक्ट्रिकल इंजीनियर कौन हैं?

भारत की पहली महिला इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ए ए ललिता है

सवाल : भारत की पहली महिला सिविल इंजीनियर कौन हैं?

भारत की पहली महिला सिविल इंजीनियर शकुंतला भगत हैं

सवाल : भारत की पहली महिला उत्खनन इंजीनियर कौन हैं?

भारत की पहली महिला उत्खनन इंजीनियर शिवानी मीणा है


Conclusion

आशा करते हैं कि आपको आज का हमारा यह लेख Bharat Ki Pahli Mahila Khanan Engineer पसंद आया होगा और इसे पढ़कर आपको उचित जानकारी प्राप्त हुई होगी

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इस लेख को शुरवात से अंत तक पढ़ने के लिए आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया