Chini ka Sutra : चीनी, जिसे सुगर भी कहा जाता है, हमारे दैनिक जीवन में एक महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ है। यह मिठास्वादित होने के साथ-साथ हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। चीनी की रासायनिक संरचना और गुणों की समझ के लिए चीनी के रासायनिक सूत्र का अध्ययन महत्वपूर्ण है।
चीनी कार्बोहायड्रेट की एक किसम को कहते है जो हमें मीठा स्वाद दिलाती है यह कार्बोहायड्रेट घुलनशील होते है, साधारण चीनी को मोनोसेकेराइड कहते है इसमें भी तीन प्रकार होते है फ्रुक्टोस, गुलुकोस और गलाक्टोस
चीनी हमारी जीभ के उन भागों पर असर करती है जिससे हमें मीठेपन का एहसास होता है, आज हम आम चीनी जिसे साधारण चीनी भी कहते है उसके बारे में जानेंगे,
साधारण चीनी या किसी प्रकार की भी चीनी, कार्बोहायड्रेट ही होती है यह कार्बोहायड्रेट की एक किसम होती है जिसे हम मोनोसेकेराइड भी कहते है
Chini Ka Sutra क्या है
कार्बोहायड्रेट की किसम मोनोसेकेराइड में पाए जाने वाले तीन तत्वों में से दो के मेल से बनने वाले दिसच्चारिड को साधारण चीनी कहते है
सुक्रोस एक दिसच्चारिड है जो ग्लूकोस और फ्रुक्टोस से मिलके बना है
सुक्रोस को ही साधारण चीनी कहते है और इसके सूत्र को ही Chini ka Sutra कहते है सुक्रोस का आकार साधारण चीनी के भांति सफ़ेद क्रिस्टल के आकार का होता है
सुक्रोस = ग्लूकोस + फ्रुक्टोस
चीनी का सूत्र = C12H22O11
सुक्रोस =C12H22O11
सुक्रोस चीनी का एक रासायनिक सूत्र है इसका अर्थ यह है की एक चीनी के अणु में 12 कार्बन के परमाणु है, 22 हाइड्रोजन के परमाणु है और 11 ऑक्सीजन के परमाणु है
नाम | आणविक क्रमांक | आणविक भार | मात्रा |
कार्बन | 6 | 12.01 | 12 |
हाइड्रोजन | 1 | 1.01 | 22 |
ऑक्सीजन | 8 | 16.00 | 11 |
चीनी का सूत्र का फोटो
मोनोसेकेराइड के प्रकार
- फ्रुक्टोस
C6H12O6 रासायनिक सूत्र से बना है, इसे हम फलो में से मिलने वाली चीनी भी कहते है, फलों में जो मीठापन होता है वो इसके मौजूदगी के कारण ही होता है, यह हमें गन्ने, मधु आदि में भी मिलता है यह सबसे मीठी चीनी होती है यह भी चीनी है पर इसका सूत्र आम चीनी का सूत्र से अलग है
- गुलुकोस
C6H12O6 रासायनिक सूत्र से बना है, यह पौधों और और फलों और सब्जियों में कुदरती रूप से रहता है स्टार्च भी ग्लूकोस में बदल जाते है, इसको डेक्ट्रोस भी कहते है ग्लूकोस के दो प्रकार होते है
ग्लूकोस के सीरम को फलों से बनी चीज़ों को बनाने के लिए इस्तेमाल होता है इस का सूत्र भी चीनी का सूत्र से भिन्न है, इसको स्टार्च से भी बनाया जा सकता है
- गलाक्टोस
C6H12O6 रासायनिक सूत्र से बना है गलाक्टोस खुले में नही मौजूद होता है यह ग्लूकोस के साथ मौजूद होता है यह अकेले नही मौजूद होता है यह श्वेत रक्त कोशिकाओं में भी पाया जाता है
इससे ही खून का प्रकार भी पता चलता है इसकी श्वेत रक्त कोशिकाओं में मौजूदगी के कारण हम ब्लड ग्रुप पता कर सकते है इसका सूत्र भी चीनी का रासायनिक सूत्र से भिन्न है
- सक्करोज
C12H22O11 रासायनिक सूत्र से बना होता है जो चीनी या शुगर के रूप में जाना जाता है। यह मुख्य रूप से गन्ने के रस में पाया जाता है और व्यापक रूप से खाद्य पदार्थों, मिठाई, ड्रिंक्स, बेकरी उत्पादों, और औषधियों में उपयोग होता है।
सक्करोज एक प्रकार का डिसचाराइड होता है जो दो शक्तिशाली रासायनिक सूत्रों, ग्लुकोज और फ्रक्टोज, को जोड़कर बनता है
दिसच्चारिड क्या होता है
दिसच्चारिड एक विशेष प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है जो तीन सुगर मोलेक्यूलों के समाहरण से बना होता है। यह तीन एकाईकरणिक यौगिकों से मिलकर बना होता है जो तिन सुगर मोलेक्यूलों के एक साथ बंधन बनाते हैं
दिसच्चारिड एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट होता है जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है, लेकिन शरीर के इन्सुलिन के प्रभाव को प्रभावित नहीं करता है।
दिसच्चारिड और डबल सुगर के प्रकार
- सुक्रोस
सुक्रोस एक दिसच्चारिड है जो ग्लूकोस और फ्रुक्टोस से मिलके बना है, इसी को हम आम चीनी के रूप में जानते है
सुक्रोस = ग्लूकोस + फ्रुक्टोस
- लैक्टोस
लैक्टोस भी एक प्रकार का दिसच्चारिड है ये ग्लूकोस और गलाक्टोस से मिलके बना है
लैक्टोस = ग्लूकोस + गलाक्टोस
- माल्टोस
माल्टोस भी एक प्रकार का दिसच्चारिड है ये ग्लूकोस के दो अणु से मिलके बना है
माल्टोस = ग्लूकोस + ग्लूकोस
पौधों में पाए जाने वाला स्टार्च और हमारे शरीर को पोषित करने वाला ग्लूकोस भी मीठा ही स्वाद देता है पर इसे चीनी नही कहते न ही चीनी में इसको गिना जाता है
चीनी का आणविक भार
किसी भी चीज़ का आणविक भार उसके अणु में मौजूद होने वाले परमाणु के भार का जोड़ होता है
जैसा की हम जानते है की चीनी का सूत्र C12H22O11 है तो हम ये भी समझ सकते है की इसमें 12 कार्बन है 22 हाइड्रोजन है और 11 ऑक्सीजन है
और चीनी के अणु का भार इन तीनों तत्वों के मौजूदा भार का जोड़ होगा
चीनी के अणु का भार=12 कार्बन का भार + 22 हाइड्रोजन का भार + 11 ऑक्सीजन का भार
एक कार्बन का भार = 12.01u
12 कार्बन का भार =12X12.01
12 कार्बन का भार =144.12u
एक हाइड्रोजन का भार =1.01u
22 हाइड्रोजन का भार =22X1.01
22 हाइड्रोजन का भार =22.22u
एक ऑक्सीजन का भार =16.00u
11ऑक्सीजन का भार = 11X16
11ऑक्सीजन का भार =176u
चीनी के अणु का भार=12 कार्बन का भार + 22 हाइड्रोजन का भार + 11 ऑक्सीजन का भार
चीनी के अणु का भार=144.12 +22.22 + 176
चीनी के अणु का भार=342.34u
चीनी का रासायनिक नाम
अंग्रेजों के एक रासायनिक विज्ञानिक विलियम मिलर ने 1857 में चीनी को Sucre नाम दिया था क्योंकि Sucre का मतलब फ्रेंच में इसका तात्पर्य मीठे से है
इसके पीछे Ose लगाया गया है क्योंकि Ose हर चीनी की जाति के पीछे लगता है इन दोनों को मिला के बनता है सुक्रोस(sucrose) यह नाम चीनी का सूत्र पर भी आधारित है
इसका आईपीएससी नाम भी सुक्रोस ही है और इसको सुक्रोस नाम से ही जाना जाता है
चीनी का रौज़ा
इसको चीन का मकबरा भी कहा जाता है यह अफज़ल खान का मकबरा है जिनकी मृत्यु लाहौर में हुई थी पर उन्हें आगरा में ही दफनाया गया था यह जहाँगीर के शासन में एक कवि थे जो बाद में अपनी समझदारी के कारण वजीर भी बने थे
यह एक अंतिम संस्कार स्मारक है यह आगरा में स्थित है यह आगरा में यमुना नदी से कुछ दूर ताजमहल से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
इसमें इसके आगे वाले हिस्से को ग्लेज़ेड टाइल काम के रूप में जाना गया है इसी को चीनी या कशी कहते है
इनकी टाइल पर कमाल की कारीगरी की गयी है यहाँ के बहुरंगी मौसम के कारण टाइल पर तरह तरह के रंग दीखते है
चीनी का करवा
यह चीनी से बनाया जाने वाला करवा है इसको भारत के करवाचौथ के व्रत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है इसकी मांग दिन ब दिन बढ़ती जा रही है इसको पूरा चीनी से बनाया गया है
यह चीनी आग या पानी में बहुत देर रखने के बाद ही अपना असर दिखाएगी अन्य हालातों में ये एकदम करवे जैसा ही काम करेगी
इसको मुह लगाने से हमें चीनी का स्वाद आएगा इसपे रंग करना मुश्किल है क्योकि चीनी सोखने का स्वाभाव दिखती है और वह रंगों को कुछ हद तक सोख लेती है
क्या आप जानते है चीनी से एक तरह का खाने वाला पदार्थ भी बनता है जिसकी आकृति हाथी और घोड़े जैसी होती है जिसको होली में खरीदा जाता है इसके पीछे एक कहावत भी है हाथी घोडा पालकी जय कनैहा लाल की
चीनी का कटोरा
चीनी का कटोरा उस देश को कहा जाता है जहा से बहुत ज्यादा चीनी निर्यात की जाती है
क्यूबा को चीनी का कटोरा कहा जाता है पर इसमें और ब्राज़ील में हमेशा अदला बदली होती रहती है क्योकि ब्राज़ील में भी बहुत ज्यादा चीनी का निर्यात होता है
चीनी की सबसे ज्यादा फैक्ट्री क्यूबा और ब्राज़ील में है इन फैक्ट्री में चीनी का सूत्र के मुताबिक चीनी बनाई जाती है यह चीनी का सूत्र का एक बहुत अच्छा इस्तेमाल है
1960 तक चीनी को सबसे ज्यादा क्यूबा में बनाया और निर्यात किया जाता था जिसके कारण इसे सुगर बाउल या हिंदी में चीनी के कटोरे के नाम से भी जाना जाता है
पर 2017 के बाद सबसे ज्यादा चीनी की पैदावार और निर्यात में ब्राज़ील ने क्यूबा को पीछे छोड़ दिया है
चीनी कैसे बनती है
चीनी मुख्य रूप से गन्ने और चुकंदर से बनती है पहली बार 8000 ईसवी से पहले चीनी को बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी
120 से ज्यादा देशों में आज 80 प्रतिशत चीनी का उत्पाद गन्ने से होता है और शेष बचा चीनी का उत्पाद चुकंदर से होता है बस अमेरिका ही ऐसा देश है जहाँ चीनी ज्यादा चुकंदर से बनायीं जाती है और शेष चीनी गन्ने से बनाई जाती है
चीनी कई रूपों में आती है बड़ी दाने दार चीनी को टेबल चीनी भी कहा जाता है क्योंकि इसका उपयोग बहुत ज्यादा हमारे रसोई में होता है
ब्राउन सुगर के बारे में भी सुना ही होगा यह भूर रंग की चीनी है इसमें गुड की मात्र मौजूद होती है जिसके कारण इसका रंग भूरा होता है
चीनी की सबसे खरी किसम को कच्ची चीनी भी कहा जाता है यह चीनी का शुद्ध रूप है इसमें अशुद्दियां भी मौजूद होती है
गन्ने या चुकंदर से चीनी बनाने की प्रक्रिया
- कटाई
पहले गन्ने को खेतों में बोया जाता है उसकी देख भाल की जाती है ताकि अच्छी फसल हो सके उसके बाद जब वेह तैयार हो जाती है तो उसकी कटाई की जाती है इसमें गन्दगी भी लगी होती है इसको गन्ने के कारखाने में ले जाने से पहले धुला जाता है
इनको पेराई करने से पहले होल्डिं यार्ड में रखा जाता है जहा यह पूर्ण रूप से पेराई के लिए तैयार किये जाते है
- पेराई से पहले की प्रक्रिया
गन्ने या चुकंदर के कारखाने में आने के बाद पहला काम उनकीं धुलाई का होता है उन्हें बड़े-बड़े ड्रम की सहायता से एक बार में ही अच्छे से धुल दिया जाता है यह घूमने वाले ड्रम होते है जिन्हें ख़ास तौर पर धुलने के लिए ही बनाया गया होता है
गन्नो को हैमर या क्रेशर का इस्तेमाल करके कुचला जाता है और चुकंदर को स्लीसिंग मशीन का इस्तेमाल करके छोटे छोटे टुकड़े में काटा जाता है
इसके बाद चुकंदर के टुकडो को गर्म पानी में भिगो दिया जाता है वही दूसरी तरफ गन्ने पर गर्म पानी छिड़का जाता है
- रस निकालने की प्रक्रिया
इसमें गन्ने को टैंको के ताल में पंप किया जाता है और दूसरी तरफ चुकंदर को शाफ़्ट की सहायता से ऊपर ले जाया जाता है जहा ये पानी की विपरीत दिशा में जाता है
इस प्रक्रिया में गन्ने के जूस को खोई से अलग किया जाता है इस प्रक्रिया में गन्ने से निकलने वाले जूस का रंग गूढा हरा होता है
- जूस को शुद्ध करना
इसके बाद जूस को शुद्ध किया जाता है इसमें जूस को एक बहुत ऊँचे टावर से गिराया जाता है जिसके नीचे सुल्फेर डाइऑक्साइड मौजूद होती है यह गैस जूस में मिल जाती है
आगे की प्रक्रिया में जूस से उन तत्वों को अलग किया जाता है जो उसमे मिलते नही है
जूस को गरम किया जाता है और उसमे कैल्शियम का घोल मिलाया जाता है जिससे जूस के शुद्धता एक-एक करके बढ़ने लगती है
इस प्रक्रिया में और भी बहुत सारी रासायनिक तत्व और गैसों को मिलाया जाता है
चीनी का हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव
- उर्जा स्तर
यह उर्जा स्तर बढाने में भी काम करता है इसका विशेष इस्तेमाल हमारे दिमाग पर होता है
यह दिमाग को शांति और ख़ुशी पैदा करने वाले हॉर्मोन पैदा करने पर मजबूर करती है जिसके कारण चीनी खाने की क्रेविंग भी होती है अर्थात हमारे अन्दर तनाव होने के कारण चीनी खाने की इच्छा प्रगट होती है
इसका ज्यादा इस्तेमाल दिमाग के लिए हानिकारक भी है क्योंकि की ये दिमाग में इकठ्ठा होक ब्लॉकेज बनाने लगती है
ज्यादा चीनी का सेवन न करना एक अच्छे दिमाग की निशानी है
- प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना
हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने के लिए सही से काम करने में सक्षम बनाने के लिए विटामिन सी की आवशयकता होती है
जब हम चीनी खाते है तो यह ग्लूकोस में टूट जाते है ग्लूकोस की संरचना भी विटामिन सी जैसी ही होती है जिसके कारण यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदत करता है
चीनी का ज्यादा सेवन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को पूरी तरह से ख़राब भी कर सकता है यह एक तरफ से असरदार और वही दूसरी तरफ से हानिकारक है
- नींद पर असर
नींद का डिप्रेशन पर सीधा असर पड़ता है ज्यादा चीनी का सेवन करने से नींद आने में तकलीफ होती है और तो और डिप्रेशन से भी ये जुड़ा हुआ है इसलिए ज्यादा चीनी का सेवन नींद पर असर डालता है
- वजन पर असर पड़ना
ज्यादा चीनी का सेवन करने से वजन बढ़ता है क्योंकि चीनी एक प्रकार का कार्बोहायड्रेट है और यह हमारे शरीर में चर्बी को बढाता है
ज़रुरत से ज्यादा चीनी का सेवन करने से स्वास्थ्य पर बुरा असर ही पड़ता है इसके फायदे बहुत कम और नुक्सान बहुत ज्यादा होता है इसलिए जितना हो सके चीनी का कम सेवन करे
FAQ – Chini ka Rasayanik Sutra in Hindi
सवाल : चीनी का रासायनिक सूत्र क्या है ?
चीनी का सूत्र C12H22O11 है
सवाल : चीनी के नुक्सान क्या है ?
यह हमारे शरीर में सभी कार्यो में रुकावट पैदा करता है इसलिए इसका उपयोग दिमाग और शरीर के लिए हानिकारक है जो चीनी हमें फलों आदि से मिलती है उसके नुक्सान नही है पर जो इंसानों द्वारा बनाई गयी चीनी लेते है उसके बहुत नुक्सान है इसलिए जितना हो सके कम सेवन करे
सवाल : चीनी का रासायनिक सूत्र कैसे काम करता है
चीनी का सूत्र एक गणितीय प्रक्रिया है जो चीनी के आपूर्ति और उपयोग को नियंत्रित करता है। इस सूत्र में, चीनी की मात्रा और आपूर्ति के बीच संतुलन बनाया जाता है जो बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करता है और चीनी के बाजार में स्थिरता बनाए रखता है
सवाल : चीनी के सूत्र का उपयोग किसमें किया जाता है
चीनी के सूत्र, जिसे अंग्रेजी में “formula of sugar” कहा जाता है, उपयोग विभिन्न प्रकार की रासायनिक गतिविधियों और उत्पादों को दर्शाने में किया जाता है। यह एक प्रकार का छांटने वाला तकनीक है जिसका उपयोग विभिन्न कृषि उत्पादों, फार्मा सेक्टर, उद्योग, विज्ञान और औद्योगिक उत्पादों, उपहार वस्त्र और वस्त्रांगण उत्पादों, रंग और चित्रकला, और कॉस्मेटिक्स आदि में किया जाता है
सवाल : चीनी के रासायनिक सूत्र की गुणवत्ता क्या है
चीनी के Rasayanik सूत्र की गुणवत्ता उत्कृष्ट है। यह एक वैज्ञानिक तकनीक है जो उत्पादों की संयोजन, गुणवत्ता और योग्यता की निगरानी करने में सक्षम है। इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे कि उद्योग, कृषि उत्पादों, फार्मा सेक्टर, औद्योगिक उत्पादों, रंग और चित्रकला, और कॉस्मेटिक्स आदि
Conclusion
इस ब्लॉग में हमने चीनी का रासायनिक सूत्र के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। हमने देखा कि Chini ka Sutra एक प्रकार का छांटने वाला तकनीक है जो विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है।
यह उत्पादों के संयोजन, गुणवत्ता और योग्यता की जांच करने में मदद करता है और वैज्ञानिक गतिविधियों, उद्योग, कृषि उत्पादों, चित्रकला और कॉस्मेटिक्स आदि में व्यापक उपयोग किया जाता है।
चीनी के रासायनिक सूत्र के द्वारा उत्पादों की गुणवत्ता और योग्यता की निगरानी करने में सक्षम विज्ञानिक तकनीक है, जो विभिन्न उद्योगों में उपयोगी है।
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