Gadar Party Ki Sthapna Kisane Ki ( गदर पार्टी की स्थापना कब और किसने की )

Gadar Party Ki Sthapna : पहले के समय में भी लोग कमाने के लिए अपनी रोजी रोटी के लिए बाहर के देश में जाते थे और ऐसे ही बहार के देश जैसे अमेरिका और कनाडा और अफ्रीका जैसे देशों में भी बहुत से भारतीय बस चुके थे

वहां पर उनके साथ सही से सलूक नही किया जाता था और साथ में उनके साथ शोषण भी किया जाता था जिसके कारन भारतीयों ने अपने अधिकारों के लिए बहुत से संगठन किये जिनमे से सबसे प्रसिद्ध संगठन का नाम है ग़दर पार्टी

ग़दर नाम से कुछ लोगों को लगता है जैसे यह ग़दर फिल्म की कहानी से मेल खाता होगा पर ऐसा नही है यह गद्दारी शब्द से लिया गया है

क्योंकि जिस देश में इस संगठन का निर्माण हुआ वहाँ की सरकार ने भारतीय के व्यवहार को गद्दारी समझा जिससे आगे चलके यह संगठन ग़दर पार्टी के नाम से जाना जाने लगा

इससे पहले भी बहुत से सगठन बने थे पर इस संगठन ने बाकी सब ही संगठनों को जोड़ दिया और एक बड़ा संगठन का रूप लिया

जिसमे बाहर के देश अमेरिका में रहने वाले बहुत से भारतीयों ने अपने ऊपर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध आवाज़ उठाई और इस संगठन का हिस्सा बने

 

Gadar Party Ki Sthapna Kisane Ki
Gadar Party Ki Sthapna Kisane Ki thi ?

 

Gadar Party Ki Sthapna Kisane Ki

  • ग़दर पार्टी की स्थापना का वर्ष – 15 जुलाई 1913
  • संथापक – लाला हरदयाल और सोहन सिंह भाखना
  • उद्देश्य – सशस्त्र विद्रोह
  • पत्रिका – ग़दर पत्रिका

इस पार्टी को बहुत सारे छोटे छोटे अंग्रेजों के विरुद्ध अमेरिका में हो रहे संघर्षों के बाद बनाया गया था इसका उद्देश्य भी अंग्रेजों के विरुद्ध हथियार बंद संघर्ष करना था

इस पार्टी का निर्माण अमेरिका के सैनफ्रांसिस्को में हुआ था जहाँ पर इसे प्रशांत तट का हिंदी संघ नाम भी दिया गया

क्योंकि बाहर के देशों में भारतीयों और अन्य देश के लोगों को अधीन रखा जाता था और उनके साथ सही से व्यवहार भी नही किया जाता था इसी अत्याचार का परिणाम था यह ग़दर पार्टी आन्दोलन

ग़दर पत्रिका के द्वारा यह एक जगह के लोग दुसरे जगह के लोगों तक अपनी बात पंहुचा पाते थे और यह उनके लिए एक माध्यम था जिससे दूर दूर बसे भारतीय उनके जुड़ पाए

इसे लाला हर दयाल जी द्वारा निकाला गया था पर इसके संपादक राम चन्द्र पेशावरी थे, यह पत्रिका मुख्य रूप से गुरुमुखी, उर्दू, हिंदी, गुजराती भाषा में निकाला जाता था

Gadar Party Ki Sthapna से जुड़े लोगों ने धीरे धीरे अपने लोग इकट्ठे किये और हथियार आदि चीज़ें भी इकट्ठी कर ली थे पर अगले ही साल विश्व युद्ध हो गया जिसके कारन यह जो अलग से अंग्रेजों से अपनी लड़ाई करना चाहते थे वह नही कर सके

 

ग़दर पार्टी की स्थापना का कारण 

अमेरिका और अफ्रीका में रह रहे लोगों ने अपने ऊपर और अपने जैसे लोगों के ऊपर हो रहे अत्याचार और दुर्व्यवहार को देखते हुए सबसे पहले अमेरिका में धीरे धीरे एक एक करके कुछ संगठनों की स्थापना की जोकि इस प्रकार है

  • 1906 में बरकतुल्ला ने अमेरिका के नेव्योर्क में एक संगठन स्थापित किया जिसका नाम था सोसाइटी फॉर एडवांसमेंट ऑफ़ इंडिया 

यह पहली बार था की भारतीयों ने अंग्रेजो  के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाई थी यह आन्दोलन उतना प्रसिद्ध और सफल नही हो पाया पर इसने चिंगारी लगाने का काम किया

यह भारतीयों द्वारा दुसरे देश में स्थापित पहला क्रांतिकारी संगठन था, जिसका उद्देश्य अमेरिका में रह रहे भारतीयों को अंग्रेजों के अत्याचारों से मुक्त करना और उनको एक साथ संगठित करना था

  • 1907 में फिरसे द्वारका नाथ दास द्वारा कैलिफ़ोर्निया में एक और सगठन स्थापित किया गया जिसका नाम था इंडिया इंडिपेंडेंट लीग 

इसका उद्देश्य भी वही था की अमेरिका में भारतीयों को इकठा करके अंग्रेजो के खिलाफ आवाज़ उठाई जा सके

  • 1908 में दो लोग तारक नाथ दास और जी डी कुमार द्वारा एक संगठन की शुरुआत की गई जिसका नाम था यूनाइटेड इंडिया हाउस 

इनका भी उद्देश्य वही था जो और सगठनों का था और इसकी स्थापना अमेरिका में हुई थी यह एक पत्रिका भी संचालिक करते थे जिससे यह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुच सके

इनके पत्रिका का नाम था फ्री हिन्दुस्तान पत्रिका, इससे यह जगह जगह के लोगों को अपने इस संगठन के बारे में बताते थे और लोगों को अपने संगठन के साथ जोड़ते थे Gadar Party Ki Sthapna से जुडी और ज़रूरी चीज़ों के बारे में आये नज़र डालते है

  •  कनाडा में स्वदेश सेवक गृह की स्थापना 

अमेरिका और कनाडा एक दुसरे के आस पास है जिसके कारन इन दोनों देशों में आना जाना होता रहता था और अमेरिका जैसे ही कनाडा में बहुत से हिन्दुस्तानी जिसमे ज्यादातर पंजाबी और गुजराती लोग शामिक है वह रहते थे

कनाडा में भी भारतीयों के साथ सही व्यवहार नही होता था जिसके कारन कनाडा में भी एक संगठन किया गया जोकि जी डी कुमार द्वारा ही किया गया था

इन संगठनों के कारन ही कनाडा और अमेरिका में रह रहे भारतीय यह बात समझ सके की जो उनके साथ हो रहा है वह गलत हो रहा है और उनको इसके खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए, जिसके कारन ही एक एक करके यह संगठन बने और ज्यादा से ज्यादा भारतीय इस संगठन से जुड़ते गए

यह सब संगठन एक ही चीज़ चाहते थे सबका एक ही उद्देश्य था इसलिए एक एक करके यह संगठन मिलते गए और एक बड़ी पार्टी बन गयी जिसे ही हम ग़दर पार्टी के नाम से जानते है

 

ग़दर पार्टी के रास्ते में आने वाली रूकावटे 

असल में ग़दर पार्टी की लडाई अंग्रेजों के खिलाफ थी यानी मुख्य रूप से इंग्लैंड के खिलाफ थी और इन्होने अपनी पार्टी अमेरिका में बनाई

अमेरिका और इंग्लैंड एक दुसरे के मित्र थे, इंग्लैंड के कहने पर अमेरिका ने अपने देश में बसे सभी संगठनों को गैर कानूनी घोषित कर दिया, इनके ऊपर निगरानी राखी जाने लगी और इनके कार्यों में रुकावट पैदा करने की कोशिश की जाने लगी

जिसके कारन एक समय के बाद सब कार्य रुक गया और लाला हर दायक जिन्होने इस संगठन की शुरुआत की थी उनको अमेरिका छोड़ना पड़ा और वह अमेरिका छोड़ कर जर्मनी चले गए

जर्मनी इंग्लैंड और अमेरिका का दुश्मन देश था, और इन्होने वहां जाकर भिकाजी कामा के साथ मिलके भारतीय स्वतंत्रता समीति नामक एक नए संगठन की स्थापना की गई  इस समीति की स्थापना 1916 में हुई थी

जर्मनी की सरकार भारतीयों का साथ देती थी इसलिए जब 1914 में प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ और अंग्रेजों ने अमेरिका में रह रहे क्रांतिकारियों पर रोक लगाईं तो जर्मनी में जाके अपने देश के लिए लड़ाई जारी रखना ही एक मात्र उपाय था

क्योंकि जर्मनी भी अंग्रेजों का दुश्मन था और यह हमारे देश के सहयोग में था

 

गदर पार्टी की स्थापना के समय कार्यकारिणी सदस्य

इसके संस्थापक के इलावा भी इसके बहुत से मुख्य सदस्य है जिनके नाम इस प्रकार है

  • संतोख सिंह
  • पण्डित जगत राम
  • करम सिंह चीमा
  • अरूण सिंह, पृथी सिंह
  • संत वसाखा सिंह
  • पण्डित मुंशी राम
  • हरनाम सिंह कोटला
  • करतार सिंह सराभा
  • संत वसाखा सिंह
  • अरूण सिंह, पृथी सिंह
  • नोध सिंह
  • निधान सिंह चुघ

यह मुख्य लोग है जिनके नेत्रित्व में ग़दर पार्टी की शुरुआत हुई और जिनके कारन क्रांति शुरू हुई

इनके इलावा बहुत से नेता भी शामिल है जिनमे से मुख्य नेताओं के नाम इस प्रकार है

  • मास्टर उधम सिंह
  • बाबा छतर सिंह अहलूवालिया
  • बाबा हरनाम सिंह
  • रसबेहरी बोस
  • बलवंत सिंह
  • पंडित कांशीराम
  • भाई परमानंद
  • संतोख सिंह
  • संत बाबा वशाखा सिंह दादेहर
  • भगवान सिंह ज्ञानी
  • रहमत अली सोहन सिंह भकना
  •  केसर सिंह
  • मंगू राम मुगोवालिया
  • करीम बख्श
  • अमरचंद
  • गुलाब कौर
  • करतार सिंह सराभा
  • सुलामन चौधरी
  • निधान सिंह चुघ
  • लाला हरदयाल
  • बाबा ज्वाला सिंह

 

ग़दर पार्टी के बारे में मुख्य तथ्य 

  1. ग़दर पत्रिका को भी चलाया गया था जिससे इस आन्दोलन में और लोग जुड़ सके
  2. लाला हरदयाल 1911 में एक अध्यापक के रूप में काम कर रहे थे
  3. ग़दर पार्टी का नाम अंग्रेजों ने रखा क्योंकि उनके हिसाब से यह लोग गद्दार थे
  4. फ्री हिन्दुस्तान अखबार को 1907 में रामनाथपूरी ए आज़ादी सरकार द्वारा किया गया, यह देश के हित तथा देश के लिए क्रांति को बढाने के लिए लिखा जाता था
  5. इन छोटे – छोटे संगठनों के कारन ही आज हमारा देश अंग्रेजो से आज़ाद है
  6. बहुत से पत्रिका अथवा अखबार भी शुरू किये गए थे
  7. बहुत से लोगों ने इन सब आन्दोलन के चलते अपनी जान गवाई जिनका नाम भी शायद हमें अपने इतिहास में न मिले
  8. पहले विश्व युद्ध के कारण ही ग़दर पार्टी कामियाब नही हो पाई
  9. ग़दर पार्टी के लोगों ने हथियार की भी एक अच्छे मात्रा में व्यवस्था कर ली थी
  10. भारत के इस क्रांति में अंग्रेजों के दुश्मन राज्यों ने भी सहायता की है

 

लाला हरदयाल कौन थे ?

 

लाला हर दयाल

 

यह एक बहुत प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे इन्होने अपने जीवन काल में भारत की आज़ादी के लिए बहुत आन्दोलन किये, इन्ही ने ग़दर पार्टी की शुरुआत की और साथ में दुसरे देश जाके भारत के लिए लड़ाई जारी रखी इनका जन्म 14 अक्टूबर 1884 में हुआ था, इनका जन्म स्थान दिल्ली है, और यह अमेरिका में मरे थे

यह एक अध्यापक थे इन्होने दिल्ली के स्कूलों से अपनी पढ़ाई शुरू की और लाहौर में उच्च शिक्षा प्राप्त की, देशभक्ति की भावना उनके अंदर बचपन से ही थी,यह पढने के लिए लन्दन गए थे, और यह अमेरिका में एक अध्यापक के रूप में कुछ समय तक कार्य भी किये

इनको अंग्रेजो की दी गई स्कालरशिप पर पढ़ाई करना स्वीकार नही था जिसके लिए इन्होने एक संस्था बनाई, जिससे भारतीय विद्यार्थियों को पढ़ाई में सहायता मिल सके कुछ साल विदेश में रहने के बाद यह वापस भारत आ गए

यह एक पंजाब नाम पात्र के सपादक बने, उनके पत्रों के कारन उस समय की सरकार उनके खिलाफ चली गयी और एक समय के बाद सरकार के गिरफ्तारी के दर से उन्हें पेरिस जाना पड़ा और वहाँ जाकर भी वह अपने पत्रों का संपादक जारी रखा

उनकी कुछ महत्वपूर्ण रचनाए इस प्रकार है 

  • स्वाधीन विचार
  • लाला हरदयाल जी के स्वाधीन विचार
  • अमृत में विष
  • युगान्तर सरकुलर
  • राजद्रोही प्रतिबन्धित साहित्य(गदर,ऐलाने-जंग,जंग-दा-हांका)
  • व्यक्तित्व विकास (संघर्ष और सफलता)

लाला हरदयाल द्वारा शुरू किये गए मुख्य क्रांति संगठन

 

ग़दर पार्टी

इन्होने गदर पार्टी के स्थापना कैसे की और किन किन  मुश्किलों का इन्हें सामना करना पड़ा यह तो हम इस पूरे आर्टिकल में जान ही चुके है


सशस्त्र क्रान्ति

यह क्रांति की शुरुआत इन्होने तब की जब गदर पार्टी को रोक दिया गया इस क्रांति के लिए इन्हें जर्मनी से सहायता लेनी पड़ी, इन्होने जर्मनी में इस क्रांति की शुरुआत की और वही से भारत के लिए युद्ध किया

जर्मनी से बंदूके बम आदि भारत में बंगाल राज्य भेजे गए, इन्होने बहुत से देशो की यात्रा के जो हमारी सहायता कर सकते थे और उनसे सहायता ली, हम ऐसा कह सकते है की भारत की स्वतंत्रता में इनका बहुत बड़ा रोल था, इन्होने अपना पूरा जीवन भारत को समर्पित कर दिया

यह दुसरे देश में रहकर भी अपने देश के लिए लगातार लड़ते रहे जिसके कारन यह भारत के सबसे महान क्रातिकारियों से से एक गिने जाते है


FAQs : Gadar Party Ki Sthapna in Hindi 

सवाल : गदर पार्टी के प्रथम अध्यक्ष कौन थे ?

सरदार सोहन सिंह भाकना ग़दर पार्टी के प्रथम अध्यक्ष थे

सवाल : अमेरिका में गदर पार्टी की स्थापना किसने की थी ?

इसकी स्थापना मुख्य रूप से दो लोगों द्वारा की गई लाला हर दयाल और सरदार सोहन सिंह भाकना

सवाल : गदर पार्टी के प्रमुख नेता थे ?

  • मास्टर उधम सिंह
  • बाबा छतर सिंह अहलूवालिया
  • बाबा हरनाम सिंह
  • रसबेहरी बोस
  • बलवंत सिंह
  • पंडित कांशीराम
  • भाई परमानंद
  • संतोख सिंह
  • संत बाबा वशाखा सिंह दादेहर
  • भगवान सिंह ज्ञानी
  • रहमत अली सोहन सिंह भकना
  •  केसर सिंह
  • मंगू राम मुगोवालिया
  • करीम बख्श
  • अमरचंद
  • गुलाब कौर
  • करतार सिंह सराभा
  • सुलामन चौधरी
  • निधान सिंह चुघ
  • लाला हरदयाल
  • बाबा ज्वाला सिंह

 

सवाल : गदर पार्टी के सदस्य कौन थे ?

  • संतोख सिंह
  • पण्डित जगत राम
  • करम सिंह चीमा
  • अरूण सिंह, पृथी सिंह
  • संत वसाखा सिंह
  • पण्डित मुंशी राम
  • हरनाम सिंह कोटला
  • करतार सिंह सराभा
  • संत वसाखा सिंह
  • अरूण सिंह, पृथी सिंह
  • नोध सिंह
  • निधान सिंह चुघ

 

सवाल : गदर आंदोलन का महत्व ?

यह भारत की आज़ादी के लिए भारत के लोगों का भारत के देश में रहते हुए भी योगदान था इसके कारन बहुत से भारतीय देश की आज़ादी का हिस्सा बने और देश को आज़ाद करवाने में योगदान दिया

हम ऐसा कह सकते है इस आन्दोलन का हमारे देश की आज़ादी में बहुत बड़ा योगदान था

 

Conclusion

हमें आशा है की आपको हमारा यह आर्टिकल Gadar Party Ki Sthapna अच्छा लगा होगा आप जो जानकारी प्राप्त करना चाह रहे होंगे वह आपको मिल गई होगी

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इस लेख को पढ़ने के लिए आप सभी पाठकों का बहुत-बहुत आभार और धन्यवाद