Hugli Nadi ke Sahare kaun sa Udyog Viksit Hai

Hugli Nadi ke Sahare Kaun sa Udyog Viksit Hai – भारत में बहुत सी नदियाँ बहती हैं जिनका प्राचीन काल से ही हमारे देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान रहा है जैसे गंगा, यमुना, भागीरथी, अलकनंदा, कोसी, सतलुज, रावी, दामोदर, सरयू, व्यास, झेलम, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, दामोदर आदि

ये नदियाँ हमेशा से ही लोगों के लिए अनेक-अनेक प्रकार से सहायक साबित हुई हैं प्राचीन काल में इन नदियों के नाम भले ही अलग थे परन्तु इतना महत्व उस समय भी बहुत अधिक था

पहले के समय में लोग नदियों को माता के रूप में मानते थे तथा उनकी पूजा भी करते थे जैसे गंगा नदी, हरिद्वार में विस्तृत इस नदी को अभी भी पूजा जाता है तथा माना जाता है कि इसमें स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं

यदि देखा जाये तो प्राचीन समय से ही लोग अपने अनेक कार्यों तथा व्यापार जैसे मछली पालन और कृषि आदि के लिए इन नदियों पर आश्रित रहते थे यहाँ तक कि सिन्धु घाटी सभ्यता में भी इन नदियों के अनेकों महत्व देखने को मिलते हैं

यदि आप वर्त्तमान में देखेंगे तो भी आपको इन नदियों के इतने लाभ देखने को मिल जाएँगे जितने कि शायद आपको पता भी नहीं होंगे वर्तमान में इन नदियों के सहारे और इसके माध्यम से भारत के अनेक व्यापार किये जाते हैं

यदि इन नदियों के रख रखाव पर सही से ध्यान दिया जाये जैसे यदि समय-समय पर इनकी साफ़ सफाई का ध्यान रखा जाये तो भविष्य में भी ये नदियाँ हमारे देश के व्यापार और इसकी अर्थव्यवस्था में योगदान देती रहेंगी

नदियों पर बनाये गए बाँध भी देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जिस वजह से देश की अर्थव्यवस्था में काफी बढ़ोत्तरी होती है

इसलिए इस देश का नागरिक होने के नाते हम सबका ये कर्त्तव्य है कि हम अपनी नदियों में किसी भी प्रकार की गन्दगी न फैलाएं तथा इसे साफ़ रखें

ये तो थी हमारे देश में बहने वाली नदियों के बारे में कुछ आवश्यक बातें,

आईये अब बढ़ते हैं हमारे आज के टॉपिक पर जो कि है Hugli Nadi ke Sahare kaun sa Udyog Viksit Hai तो नदियों के किनारे बहुत से उद्योग विकसित होते हैं आगे हम उन्हीं उद्योगों के बारे में विस्तार से पढेंगे

 

Hugli nadi ke sahare kaun sa udyog viksit hai 
हुगली नदी के सहारे कौन सा उद्योग विकसित है

 

Hugli nadi ke sahare kaun sa udyog viksit hai 

नदियों के किनारे अनेक प्रकार के उद्योग किये जाते हैं जिनसे बहुत से लोगों की जीविका चलती है तथा बहुत से लोग इससे व्यापार भी करते हैं तो बहुत सी ऐसी नदियाँ जिनके आस-पास बहुत से औद्योगिक केंद्र विकसित हैं

इन्हीं नदियों में से ही एक है हुगली नदी, तो आज इसी नदी के बारे में सारी बातें हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से बताएँगे

हुगली नदी के किनारे अनेकों उद्योग विकसित हैं जिनके बारे में सारी जानकारी हमने आपको नीचे दी है

 

जूट उद्योग :

जूट उद्योग हुगली नदी के किनारे विकसित एक मुख्य उद्योग है जो कि वहां के अधिकतर लोगों के व्यवसाय का मुख्य जरिया है यह उद्योग हुगली नदी के आस-पास के क्षेत्रों तक काफी भारी पैमाने पर फैला हुआ है

देश की पहली जूट मिल भी हुगली नदी के किनारे इसी क्षेत्र में ही स्थापित की गयी थी शुरुआत में तो यहाँ ज्यादा मिलें नहीं थी परन्तु अब समय के साथ-साथ यहाँ के उद्योगों में भी बढ़ावा हुआ है और अब वर्तमान में इस क्षेत्र में लगभग 60 जूट मिलें हो गयी हैं

 

मतस्य उद्योग : 

जैसा कि आपने देखा ही होगा कि नदियों के किनारे मतस्य उद्योग काफी भारी मात्रा में किया जाता है क्योंकि लोगों के लिए यह व्यापार करने और अपनी जीविका चलाने का सबसे आसान तरीका है

इसके अलावा जो लोग नदी के किनारे ही बसे हुए हैं उन्हें सबसे अधिक इसका फायदा होता है क्योंकि उनके लिए वहां से मछलियों का व्यापार करना आसान होता है

इस प्रकार मछली उद्योग भी हुगली नदी के सहारे विकसित एक उद्योग है जिससे लोगों को उनका भरण-पोषण करने और रोज़गार करने में मदद मिलती है

 

पटसन उद्योग:

पटसन उद्योग भी हुगली नदी के सहारे विकसित एक उद्योग है पश्चिम बंगाल में यह उद्योग मुख्य रूप से किया जाता है

क्योंकि पश्चिम बंगाल को पटसन की जन्मभूमि कहा जाता है जिस वजह से यहाँ पर पटसन काफी मात्रा में पाया जाता है

इस उद्योग में भारी मात्र में पानी की आवश्यकता होती है जिसकी पूरी भरपाई हुगली नदी से ही की जाती है

इसके अलावा आस-पास के क्षेत्रों से सस्ते मजदूर भी आसानी से मिल जाते हैं तथा यहाँ परिवहन की सुविधाओं में भी कोई कमी नहीं है इन सब वजहों से ही हुगली नदी के किनारे पटसन वस्त्र उद्योग काफी अधिक किया जाता है

हुगली नदी के सहारे विकसित इन सभी उद्योगों का कोलकाता शहर की अर्थव्यस्था में काफी योगदान है इस प्रकार आप देख सकते हैं कि एक नदी का कितना महत्व हो सकता है तथा इससे कितने लोगों को फायदा हो सकता है

तो अब यदि हम आपसे पूछें कि hugli nadi ke sahare kaun sa udyog viksit hai तो आप आसानी से इसका जवाब दे पाएँगे, आईये हुगली नदी के बारे में कुछ अन्य आवश्यक तथ्यों के बारे में भी कुछ जानकारियां प्राप्त कर लें

 

हुगली नदी कहां से निकलती है – Hugli nadi kahan se nikalti hai 

हुगली नदी जो कि हमारे देश भारत के एक राज्य पश्चिम बंगाल में बहने वाली एक नदी है

इसे भागीरथी-हुगली नदी भी कहा जाता है इसी नदी के तट पर अनेकों बंदरगाह और उद्योग विकसित हैं प्रसिद्ध कोलकाता बंदरगाह भी इसी नदी के तट पर बना हुआ है

हुगली नदी का उद्गम स्थल मुर्शिदाबाद में गिरिया के समीप माना जाता है

लेकिन यदि आप विस्तार से इसके बारे में पढेंगे तो आपको पता चलेगा कि इस नदी का अधिकतर जल इसके उद्गम स्थान से न होकर गंगा नदी का जल लाने वाली फरक्का फीडर नहर से आता है

यह नदी कुछ समय तक गंगा नदी के ही समानांतर मतलब साथ-साथ ही चलती है और फिर जांगीपुर में पहुंच कर भागीरथी नदी में मिल जाती है

भागीरथी फिर मुर्शिदाबाद जिले में दक्षिण की ओर कई शहरों को पार करती हुई पलाशी के उत्तर से गुजरती है और यहाँ पर कई सीमायें भी बनती है

इस प्रकार हुगली नदी कई स्थानों को पार करती हुई अंत में जाकर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है

 

हुगली नदी की लंबाई कितनी है – Hugli Nadi ki Lambayi kitni Hai 

हुगली नदी की लंबाई की तो यह 260 कि.मी. है, इसके अलावा इसकी औसत गहराई 108 फीट और इसकी अधिकतम गहराई 381 फीट है बैरकपुर और सेरामपूर में इस नदी की गहराई अधिकतम है जो कि 300 फीट है

हुगली नदी की लम्बाई बाकी नदियों जैसे कि गंगा जिसकी लम्बाई 2525 कि.मी. है, के जितनी तो नहीं है लेकिन फिर भी अगर हम देखें तो इसकी लम्बाई काफी है

हुगली नदी को गंगा की ही एक धारा के रूप में माना जाता है तथा गंगा की ही भांति इसको भी हिन्दुओं द्वारा एक पवित्र नदी की संज्ञा दी गयी है

 

हुगली नदी में प्रमुख बंदरगाह – Hugli nadi me pramukh bandargaah 

हुगली नदी के तट पर स्थित कोलकाता बंदरगाह भारत और साथ ही एशिया का भी एक प्रमुख बंदरगाह है

इसे पूर्व का London भी कहा जाता है यह बंदरगाह समुद्र तट से लगभग 203 किमी की दूरी पर उत्तर की ओर है यह बंदरगाह भारत का तीसरा प्रमुख बंदरगाह है

कुछ समय पहले इस बंदरगाह का नाम बदल कर श्यामा प्रसाद मुख़र्जी बंदरगाह कर दिया है, इस बंदरगाह का नाम भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुख़र्जी के नाम पर रखा गया है

इन्होने 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापन की थी जो कि आज यानी कि वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी ( BJP/भाजपा) के नाम से जानी जाती है

यह बंदरगाह इसलिए भी विख्यात है क्योंकि यह भारत के प्रमुख बंदरगाहों में से सबसे लंबा नौवहन चैनल है इसके साथ ही यह नौवहन चैनल दुनिया में भी सबसे लंबा है

इसके अलावा इस बंदरगाह से दक्षिण पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड के लिए आयत-निर्यात होता है

कोलकाता बंदरगाह के दक्षिण में हुगली नदी पर एक और बंदरगाह बनाया गया है जो कि हल्दिया बंदरगाह है यहाँ पर तेलशोधन कारखाने भी बनवाएं गए हैं

इस बंदरगाह से देश के कई स्थानों में भी व्यापार किया जाता है यह बंदरगाह मुगलों के समय से ही भारत के आयत और निर्यात का मुख्य साधन रहा है जिस वजह से इस बंदरगाह का ऐतिहासिक महत्व भी है

ये तो थे हुगली नदी पर बने प्रमुख बंदरगाह अब आईये देख लेते हैं कि हुगली नदी को विश्वासघाती नदी क्यों कहा जाता है

 

हुगली नदी को विश्वासघाती नदी क्यों कहा जाता है 

सबसे पहले तो हम समझ लेते हैं कि विश्वासघाती नदी किसे कहा जाता है, तो विश्वासघाती नदियाँ उन्हें कहा जाता है जो वर्ष भर अपना मार्ग बदलती रहती हैं

उदाहरण के लिए आप कोसी नदी को देख सकते हैं ये नदी अपना मार्ग बदलने और अकस्मात बाढ़ लाने के लिए देश भर में विख्यात है

इसी वजह से कोसी को बिहार का शोक भी कहा जाता है इसके अलावा आप दामोदर नदी को भी देख सकते हैं जो कि हुगली की ही सहायक नदी है जिस प्रकार कोसी को बिहार का शोक कहा जाता है उसी प्रकार दामोदर को भी बंगाल का शोक कहा जाता है

क्योंकि ये दोनों नदियाँ ही साल भर में अपना रास्ता बदलती रहती हैं जिस वजह से कई बार भयंकर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है

और जिस वजह से लोगों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है

तो अब आपने समझ ही लिया होगा कि विश्वासघाती नदियां किसे कहते हैं तो हुगली को भी विश्वासघाती नदी इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये भी हमेशा अपना मार्ग परिवर्तित करती रहती है

तो ये थी हुगली नदी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां अब आईये थोड़ा नदियों के बारे में भी बात कर लें

हम सबको यह समझने की आवश्यकता है कि अगर इन सभी नदियों से हमें इतने सारे फायदे हो रहें हैं तो हमें भी इनका ध्यान रखना चाहिए तथा इन्हें प्रदूषित नहीं करना चाहिए ताकि हम सभी का भविष्य सुरक्षित रह सके


FAQ’s – Hugli nadi ke sahare kaun sa udyog viksit hai

सवाल : हुगली नदी के किनारे कौन सा बंदरगाह है?

कोलकाता बंदरगाह देश का एकमात्र नदी बंदरगाह है जो समुद्र से 203 किमी. की दूरी पर स्थित है यह हुगली नदी पर स्थित है

सवाल : हुगली नदी के तट पर कौन सा शहर है?

हुगली नदी के तट पर कई शहर बसे हुए हैं जैसे- कोलकाता, हावड़ा, चंदननगर, बरहामपुर आदि

सवाल : हुगली नदी का उद्गम स्थल कौन सा है?

हुगली नदी का प्राकृतिक स्रोत मुर्शिदाबाद में गिरिया के समीप माना जाता है परन्तु नदी का ज्यादातर जल फरक्का फीडर नहर से आता है तथा अंत में बंगाल की खाड़ी में जाकर इस नदी का विलय हो जाता है

सवाल : हुगली नदी की लम्बाई कितनी है?

हुगली नदी की लम्बाई 260 कि.मी. मानी जाती है

सवाल : हुगली नदी के सहारे कौन सा उद्योग विकसित है?

हुगली नदी के सहारे अनेकों उद्योग विकसित हैं परन्तु उनमें से जूट उद्योग को यहाँ का मुख्य उद्योग माना जाता है


Conclusion 

आज हमने जाना कि Hugli nadi ke sahare kaun sa udyog viksit Hai, हुगली नदी कहाँ से निकलती है,

हुगली नदी की लंबाई कितनी है, हुगली नदी में प्रमुख बंदरगाह कौन-कौन से हैं तथा हुगली नदी को विश्वासघाती नदी क्यों कहा जाता है इन सबके बारे में हमने विस्तारपूर्वक सारी जानकारियां प्राप्त की

इसके अलावा हमने हुगली नदी के सहारे कौन सा उद्योग विकसित है इसके बारे में जितने भी तथ्य हो सकते थे उन सब के बारे में हमने आपको सारी जानकारियां प्रदान कर दी हैं जिससे कि भविष्य में आपको इस सवाल को लेकर कोई भी समस्या न हो

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा तथा यदि आपका कोई भी सुझाव है या फिर इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी समस्या या सवाल है तो हमें Comment box में अवश्य बताएं, हमें अपना कीमती समय देने के लिए आपका धन्यवाद