kaun sa rajya kabhi kendra shasit pradesh nahin raha 

kaun sa rajya kabhi kendra shasit pradesh nahin raha : आपने यदि भारत की प्रशासनिक व्यवस्था को अच्छे से पढ़ा है तो शायद आप जानते होंगे कि भारत एक राज्यों का संघ कहलाता है, और उसके साथ भारत का निर्माण बहुत सारे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर किया गया है।

जैसे कि वर्तमान में भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश विद्यमान है, परंतु आज जैसा इनका स्वरूप है

वैसा शायद पहले ना रहा हो यानी कि जो राज्य आज हमें राज्य के रूप में दिखाई दे रहे हैं हो सकता है वह शायद पहले केंद्र शासित प्रदेश रहे हो, या फिर जो केंद्र शासित प्रदेश हमें आज दिखाई दे रहे हैं हो सकता है वह कुछ समय पहले तक एक राज्य रहे हो।

आज के इस लेख में हम यही चर्चा करने वाले हैं कि kaun sa rajya kabhi kendra shasit pradesh nahin raha और साथ ही हम उस राज्य के बारे में कुछ अन्य जानकारियां भी आपके साथ साझा करेंगे, जो शायद आपको पहले ना पता हो।

यह जानने से पहले की kaun sa rajya kabhi kendra shasit pradesh nahin raha, हमें यह जानना जरूरी है कि आखिर केंद्र शासित प्रदेश क्या होता है और साथ ही वह राज्यों से किस प्रकार भिन्न होता है।

 

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केंद्र शासित प्रदेश क्या होता है – kaun sa rajya kabhi kendra shasit pradesh nahin raha

जैसा कि शायद आप इस के नाम से ही समझ गए होंगे केंद्र शासित अर्थात कि जहां पर केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किसी प्रतिनिधि के द्वारा शासन का संचालन किया जाता है

उसे ही सामान्य भाषा में केंद्र शासित प्रदेश कहा जाता है, परंतु जिस प्रकार से राज्यों में राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में राज्यपाल की नियुक्ति की जाती है,

उसी प्रकार केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रपति या केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में उप राज्यपाल की नियुक्ति की जाती है।

अतः हम यह भी कह सकते हैं कि उपराज्यपाल ही किसी केंद्र शासित प्रदेश का संपूर्ण शासन संचालन करता होता है और कहीं-कहीं पर उपराज्यपाल के स्थान पर इसका शासन चलाने वाले व्यक्ति को प्रशासक भी कहा जाता है।

यह उपराज्यपाल अपने अधीन आने वाले केंद्र शासित प्रदेश की संपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक जानकारियों को राष्ट्रपति या केंद्र सरकार तक पहुंचाने का काम करते हैं

और साथ ही साथ यह इस बात की भी समुचित व्यवस्था करते हैं कि केंद्र शासित प्रदेशों को भी भारत का एक अभिन्न अंग मानते हुए यहां की शासन व्यवस्था को भी अन्य राज्यों की तरह ही संचालित किया जाए।

कौन सा राज्य कभी केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहा है?

जब हम भारत की राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था का अध्ययन करते हैं तो हम पाते हैं कि संपूर्ण भारत का एकीकरण अलग-अलग चरणों में किस प्रकार से किया गया था

और जैसा कि हम आपको प्रारंभ में ही बता चुके हैं कि जो राज्य आपको दिखाई दे रहे हैं हो सकता है वह किसी समय भारत के केंद्र शासित प्रदेश भी रहे हो परंतु उनमें से भी एक राज्य ऐसा है जो भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहा है और उस राज्य का नाम है सिक्किम

सिक्किम हिमालय की वादियों से गिरा हुआ भारत के उत्तर पूर्व में बसा हुआ एक बहुत ही सुंदर राज्य हैं और सिक्किम राजधानी गंगतोक हैं।

यह सिक्किम जैसा कि आप जानते भी होंगे भारत के पड़ोसी देश चाइना के बॉर्डर पर स्थित हैं और भारत को इस सिक्किम को अपना राज्य बनाने के लिए बहुत बार अपने पड़ोसी देश चाइना का विरोध भी झेलना पड़ा था।

1962 युद्ध के पश्चात जब भारत की करारी हार हो गई थी तो भारत अब किसी युद्ध के लिए चाइना के साथ तैयार नहीं था क्योंकि भारत की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति पहले ही इस युद्ध के कारण बहुत ज्यादा खराब हो चुकी थी।

भारत, सिक्किम को अपने एक अभिन्न अंग के रूप में देखता था और वहां की जनता भी भारत को बहुत ज्यादा पसंद करती थी परंतु जब भी सिक्किम को भारत में मिलाने की बात आती तो चाइना हर जगह पर भारत का प्रबल विरोध करता।

अब भारत के सामने जो मुख्य समस्या आ चुकी थी, वह यह था कि सिक्किम को भारत में किस प्रकार से विलय किया जाए ताकि चाइना बिना किसी विरोध के मान जाए।

अगर उस समय भारत  सिक्किम को अपने एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में घोषित करता तो शायद हो सकता है,

भारत और चाइना का युद्ध एक बार फिर से गरमा जाता परंतु भारत ने अपनी होशियार की और सूझबूझ दिखाते हुए सिक्किम का भारत में विलय नहीं किया बल्कि उसे एक एसोसिएट राज्य का दर्जा दे दिया।

भारत ने जब पाया कि अब सिक्किम को लेकर उसका प्रबल विरोधी चाइना अपने आंतरिक झगड़ों में उलझ गया है, तो भारत ने सिक्किम को अपना एक स्वतंत्र राज्य घोषित कर दिया और साथ ही साथ अन्य देशों द्वारा भी भारत का समर्थन किया गया था।

इस प्रकार से भारत का सिक्किम राज्य भारत का कभी भी केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहा था और 1971 में सिक्किम को भारत का एक स्वतंत्र राज्य मान लिया गया।

 

वर्तमान भारत में कितने केंद्रशासित प्रदेश हैं 

अभी तक के लेख में हमने यह तो देख लिया कि kaun sa rajya kabhi kendra shasit pradesh nahin raha परंतु आपको यह जानकारी होना भी आवश्यक है कि वर्तमान मे भारत में कुल कितने केंद्र शासित प्रदेश विद्यमान हैं।

 

वर्तमान भारत में कुल 8 केंद्र शासित प्रदेश स्थित है जो कि निम्नलिखित हैं।

1. जम्मू और कश्मीर

2. लद्दाख

3. चंडीगढ़

4. दादरा नगर हवेली और दमन और दीव

5. नई दिल्ली

6. पुडुचेरी

7. अंडमान और निकोबार

8. लक्ष्यदीप

इस प्रकार से भारत में वर्तमान में कुल 8 केंद्र शासित प्रदेश स्थित है जो कि हमने आपको बताएं।

यह सभी केंद्र शासित प्रदेश भारत के उत्तरी भाग से लगाकर इसके दक्षिणी भाग तक विस्तृत हैं, और इनमें से एक केंद्र शासित प्रदेश ऐसा भी है जो भारत की राजधानी भी है और उसका नाम है नई दिल्ली।

इसके अलावा भारत के 2 केंद्र शासित प्रदेश ऐसे भी हैं जो कि द्वीप समूह के रूप में विद्यमान हैं और उनमें से एक है अंडमान और निकोबार वह दूसरा है लक्ष्यदीप।

एक केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार भारत की समुद्री सीमा बंगाल की खाड़ी में स्थित है तो वहीं दूसरा केंद्र शासित प्रदेश लक्ष्यदीप अरब सागर में स्थित है।

 

राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में क्या अंतर हैं 

अगर बात की जाए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अंतर की तो इनमें ऐसे बहुत सारे अंतर हैं, जिनके आधारों पर इन दोनों को अलग-अलग बांटा जा सकता है

परंतु हम यहां कुछ उन प्रमुख कारणों की चर्चा करने वाले हैं जिनके आधार पर भारत में इन्हें बांटा गया है।

1) अगर हम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे पहला और सबसे प्रमुख अंतर देखें तो हम यह पाते हैं कि केंद्र शासित प्रदेशों में किसी भी प्रकार के मुख्यमंत्री का निर्वाचन या नियुक्ति नहीं की जाती है, और वहीं यदि राज्यों की बात की जाए तो वहां पर मुख्यमंत्री का निर्वाचन या नियुक्ति की जाती है।

यदि इसे राजनीति विज्ञान की भाषा में देखा जाए तो हम कह सकते हैं कि केंद्र शासित प्रदेशों में किसी भी प्रकार की विधानसभा या विधान परिषद नहीं होती हैं जो कि राज्यों में विधायिका का प्रतिनिधित्व करती हैं

परंतु वही बात की जाए राज्यों की  तो यहां पर विधानसभा व विधान परिषद पाई जाती हैं।

Note:  जैसा कि हम जानते हैं कि केंद्र शासित प्रदेशों में किसी भी प्रकार के मुख्यमंत्री का निर्वाचन नहीं किया जाता है और ना ही यहां पर विधायिका होती है परंतु भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश ऐसा भी है, जहां पर मुख्यमंत्री का निर्वाचन भी किया जाता है और यहां पर विधायिका का भी पाई जाती है।

वह केंद्र शासित प्रदेश है पुदुचेरी जो कि एक  केंद्र शासित प्रदेश होने के साथ-साथ ही एक राज्य की भांति भी दिखाई देता है, क्योंकि यहां पर मुख्यमंत्री के साथ-साथ विधानसभा भी पाई जाती हैं।

इसके अलावा भारत का एक और केंद्र शासित प्रदेश ऐसा है जहां पर मुख्यमंत्री का निर्वाचन या नियुक्ति की जाती है और साथ-साथ वहां पर विधायिका भी अस्तित्व में है और वह राज्य है नई दिल्ली।

जैसा कि आप जानते हैं नई दिल्ली भारत की राजधानी भी हैं और इसके अलावा यह केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की राजधानी भी है।


2) यदि राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में दूसरे अंतर की बात की जाए तो हम पाते हैं कि जिस प्रकार से राज्यों में राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में राज्यपाल की नियुक्ति की जाती है परंतु केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रुप में राज्यपाल की नियुक्ति नहीं की जाती हैं।

इसके बजाय केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रपति या केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में उप राज्यपाल की नियुक्ति की जाती हैं जो कि उस केंद्र शासित प्रदेश की संपूर्ण राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था का कर्ताधर्ता होता है।

3) यदि राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों मे एक और अंतर की बात की जाए तो, वह अंतर यह है कि राज्यों में केंद्र सरकार के या राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में काम करने वाले राज्यपाल के पास बहुत ही नाम मात्र की शक्तियां होती हैं।

जबकि वहीं केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्र सरकार या राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में काम करने वाले उपराज्यपाल के पास बहुत सारी ऐसी शक्तियां विद्यमान होती हैं जो कि आमतौर पर किसी राज्य के राज्यपाल के पास देखने को नहीं मिलती है।

4) राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मध्य यदि एक और अंतर की चर्चा की जाए तो हम यहां पाते हैं कि केंद्र सरकार का प्रत्यक्ष हस्तक्षेप राज्यों की बजाय केंद्र शासित प्रदेशों में ज्यादा देखने को मिलता है।

राज्यों में मुख्यमंत्री का निर्वाचन किया जाता है और संपूर्ण राज्य का शासन लगभग मुख्यमंत्री द्वारा ही संचालित किया जाता है परंतु जैसा कि हम जानते हैं कि केंद्र शासित प्रदेशों में यदि पुदुचेरी और नई दिल्ली को छोड़ दिया जाए तो किसी भी केंद्र शासित प्रदेश में मुख्यमंत्री नहीं पाया जाता है, इस कारण से यहां पर केंद्र सरकार के द्वारा ही सभी प्रकार के निर्णयों को लागू किया जाता है।

5) यदि राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मध्य अगले अंतर की बात की जाए तो राज्यों में विधानसभा पाई जाती हैं और यहां पर संपूर्ण राज्य से विधायक चुनकर आते हैं और जैसा कि आप जानते हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में भी यह विधानसभा के सदस्य भाग लेते हैं परंतु केंद्र शासित प्रदेशों में किसी भी प्रकार की विधानसभा नहीं पाई जाती हैं, इस कारण से इन केंद्र शासित प्रदेशों का राष्ट्रपति चुनाव में किसी भी प्रकार का योगदान नहीं रहता है और यहां के लोग किसी भी प्रकार से राष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेते हैं।

जैसा कि हम जानते हैं कि राष्ट्रपति चुनावों में भारत की संसद के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधानसभाओं तथा विधान परिषदों के निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं और इन्हीं के द्वारा भारत के महामहिम राष्ट्रपति का निर्वाचन किया जाता है।

 

FAQs – kaun sa rajya kendra shasit pradesh nahin raha

सवाल : भारत का कौन सा राज्य कभी भी केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहा

भारत का उत्तर पूर्वी राज्य सिक्किम भारत का केंद्र शासित प्रदेश कभी भी नहीं रहा था।

सवाल : वर्तमान में भारत में कुल कितने केंद्र शासित प्रदेश स्थित हैं

वर्तमान भारत में कुल 8 केंद्र शासित प्रदेश स्थित है।

सवाल : अरब सागर में भारत का कौन सा केंद्र शासित प्रदेश स्थित हैं

अरब सागर में भारत का केंद्र शासित प्रदेश लक्ष्यदप स्थित है।

सवाल : बंगाल की खाड़ी में भारत का कौन सा केंद्र शासित प्रदेश स्थित है

बंगाल की खाड़ी में भारत का केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार स्थित है

सवाल : ऐसा कौन सा केंद्र शासित प्रदेश है जो भारत की राजधानी भी है

भारत का केंद्र शासित प्रदेश नई दिल्ली, भारत की राजधानी भी है।

सवाल : भारत के ऐसे कौन से 2 केंद्र शासित प्रदेश हैं,जहां पर मुख्यमंत्री का निर्वाचन भी किया जाता है।

भारत के केंद्र शासित प्रदेशों नई दिल्ली और पुथुचेरी ऐसे 2 केंद्र शासित प्रदेश है, जहां पर मुख्यमंत्री का निर्वाचन भी किया जाता है।

 

conclusion 

आज के इस लेख में हमने कौन सा राज्य कभी केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहा है के बारे में वह सभी जानकारियां एकत्रित की जिन्हे जानना आपके लिए जानना बेहद जरूरी है।

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