लक्ष्मी लकरा ने किस पद को प्राप्त किया ? Lakshmi Lakra kis Pad ko Prapt kiya

लक्ष्मी लकरा ने किस पद को प्राप्त किया : हम जब भी रेल इंजन को देखते हैं तो यह सोचते हैं कि उसे चलाने वाला केवल एक पुरुष से होगा और जब हम यह सुनते हैं कि उस रेल इंजन को कोई महिला चला रही है तो हमें पहली बार में विश्वास भी नहीं होता है

आज के इस लेख में हम उसी एक भारतीय महिला की बात कर रहे हैं जो कि हमारे भारत की पहली महिला लोको पायलट यानी की रेल इंजन ड्राइवर बनी

आज के इस लेख में हम श्रीमती लक्ष्मी लकरा के बारे में विभिन्न प्रकार की जानकारियों को आपके साथ साझा करेंगे और उनकी उपलब्धियों के बारे में भी आपको बताएंगे साथ ही आज के इसलिए का मुख्य विषय रहेगा कि लक्ष्मी लकरा ने किस पद को प्राप्त किया

एक आदिवासी महिला होने के साथ-साथ ही इन्होंने बहुत ही कम संसाधनों का प्रयोग करते हुए इस उपलब्धि को हासिल किया और भारत की पहली महिला रेल इंजन ड्राइवर बन कर हमारे सामने आई

 

Lakshmi Lakra kis Pad ko Prapt kiya
Lakshmi Lakra kis Pad ko Prapt kiya

 

लक्ष्मी लकरा ने किस पद को प्राप्त किया 

 श्रीमती लक्ष्मी लकरा भारत के नॉर्दन रेलवे सेक्टर में कार्यरत एक महिला लोको पायलट हैं  और उनकी उपलब्धि है कि वह भारत की पहली महिला रेल इंजन ड्राइवर भी हैं

लक्ष्मी लकरा का संबंध भारत के उत्तरी राज्य झारखंड से हैं और यह झारखंड में ही पली-बढ़ी हैं और एक आदिवासी समुदाय से आने के बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और संसाधनों के अभाव में भी अपनी मेहनत पर विश्वास करते हुए आगे बढ़ती गई

हालांकि आज तो अनेक महिलाएं भारतीय रेलवे में अपनी सेवाएं प्रदान करा रही है परंतु आज से 20 साल पहले तक भारतीय रेलवे में इतनी ज्यादा महिलाएं कार्यरत नहीं हुआ करती थी और एक महिला लोको पायलट बनना सबसे ज्यादा मुश्किल काम था

ऐसा इसलिए भी है क्योंकि लोको पायलट के रूप में कार्यरत पुरुष भी इस जॉब प्रोफाइल को बहुत ज्यादा मुश्किल मानते हैं

क्योंकि इस जॉब के दौरान आपको अचानक से कई सारी मुसीबतों का सामना भी करना पड़ जाता है और जिन्हें झेलना शायद महिलाओं के बस की बात नहीं ऐसा माना जाता था

पर लक्ष्मी लकरा ने अपने आत्मविश्वास और अपनी मेहनती पढ़ाई के दम पर रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली असिस्टेंट लोको पायलट की भर्ती में अपने पहले ही प्रयास में बाजी मार कर भारत की पहली महिला लोको पायलट का खिताब अपने नाम किया

 

लक्ष्मी लकरा का जीवन परिचय

लक्ष्मी लकरा का जन्म झारखंड के एक आदिवासी समुदाय में 14 मार्च 1979 को हुआ था और उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा झारखंड राज्य से ही प्राप्त की है

अपनी स्कूली शिक्षा से ही लक्ष्मी लकरा बहुत ही ज्यादा आत्मविश्वास से परिपूर्ण और बेहद होशियार छात्रा रही हैं और यही कारण रहा कि वह अपने पहले ही प्रयास में भारतीय रेलवे की परीक्षा में पास हो गई

जैसा कि भारतीय रेलवे में एक लोको पायलट बनने के लिए यह जरूरी है कि कोई भी कैंडिडेट को इलेक्ट्रिकल में एक डिप्लोमा होना चाहिए या आईटीआई का सर्टिफिकेट होना चाहिए और इसके आधार पर ही कोई व्यक्ति परीक्षा देकर भारतीय रेलवे में लोको पायलट बन सकता है

Laxmi lakara koun hai

तो लक्ष्मी लकरा ने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए हाई सेकेंडरी क्लास में अच्छे अंकों को प्राप्त कर इलेक्ट्रिक फील्ड में डिप्लोमा प्राप्त करने के लिए एक अच्छे से कॉलेज में एडमिशन ले लिया

और अपनी पढ़ाई के दौरान ही इन्होंने भारतीय रेलवे के द्वारा आयोजित होने वाली असिस्टेंट लोको पायलट की वैकेंसी का फॉर्म भी भर दिया

इस प्रकार से लक्ष्मी लकरा ने अपने पहले ही प्रयास में इस एग्जाम को क्वालीफाई कर अपना एक सबसे बड़ा सपना साकार कर दिया जो कि था भारतीय रेलवे में भारत की पहली महिला लोको पायलट बनना और जब उन्हें इस बात का पता चला तो वह स्वयं भी बहुत ज्यादा अचंभित थी

जब लक्ष्मी लकरा असिस्टेंट लोको पायलट की भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेनिंग ले रही थी तो वहां पर 350 कैंडीडेट्स में से वह इकलौती महिला ही अभ्यर्थी थी जो कि इस पद पर चुनी गई थी

27 वर्ष की उम्र में लक्ष्मी लकरा ने अपने जीवन को भारतीय रेलवे में एक महिला लोको पायलट के रूप में शुरू किया और आज भी वह अपनी सेवाएं दे रही है

 

लक्ष्मी लकरा है, महिलाओं की रोल मॉडल

आज भी भारतीय समाज में महिलाओं को पुरुषों के बराबर नहीं समझा जाता है और कुछ विशेष कार्य में महिलाओं की पुरुषों के बराबर भागीदारी को भी नहीं अपनाया जाता है

पर भारत की पहली महिला लोको पायलट लक्ष्मी लकरा ने यह सिद्ध कर दिया कि अपने आत्मविश्वास के बल पर कोई भी महिला किसी भी पद पर पहुंच सकती हैं

भारतीय रेलवे में इंजन ड्राइवर के पद को कुछ समय तक एक पुरुष प्रधान पद के रूप में ही देखा जाता था क्योंकि इसकी जॉब प्रोफाइल भी बहुत ज्यादा कठिन हुआ करती थी तो ऐसे समय में किसी महिला का रेल इंजन ड्राइवर बन पाना और भी ज्यादा मुश्किल था

पर लक्ष्मी लकरा के आने के बाद यह धारणा धीरे-धीरे खत्म होने लगी और आज हजारों भारतीय महिलाएं भारतीय रेलवे में एक महिला लोको पायलट के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान करा रही हैं

और जो लोग संसाधनों को या संसाधनों की कमी को अपने आगे ना बढ़ पाने का कारण बताते हैं, उनके मुंह पर लक्ष्मी लकरा का जीवन एक तमाचा है क्योंकि एक झारखंडी आदिवासी समुदाय से आने के बावजूद और बहुत ही कम संसाधनों को अपने काम में लेते हुए वह इस पद पर पहुंची हैं

लक्ष्मी लकरा ने यह बता दिया कि महिलाएं केवल घरों में काम करने के लिए ही नहीं बनी है, अगर उन्हें आगे बढ़ने के अच्छे मौके प्रदान कराए जाए तो वह भी भारत के विकास में अपनी भागीदारी को सुनिश्चित कर सकती हैं और इसे आगे बढ़ाने में अपना योगदान भी दे सकती हैं

 

एक महिला कैसे बन सकती हैं भारतीय रेलवे में लोको पायलट

भारतीय रेलवे में लोको पायलट बनने के लिए बहुत ज्यादा एजुकेशनल क्वालीफिकेशन की आवश्यकता नहीं होती है

कोई भी व्यक्ति दसवीं क्लास पास करके इस एग्जाम को दे सकता है परंतु उसके पास आईटीआई का एक सर्टिफिकेट होना चाहिए जो कि 1 वर्ष एवं 2 वर्ष का होता है

अगर किसी व्यक्ति के पास आईटीआई का सर्टिफिकेट नहीं है तो वह बाहर भी कक्षा पास करके कोई भी इलेक्ट्रिकल फील्ड में डिप्लोमा प्राप्त कर सकता है जैसा कि लक्ष्मी लकरा ने किया था

अपनी इस एजुकेशनल क्वालीफिकेशन को पूरा करने के बाद जब भी भारतीय रेलवे द्वारा असिस्टेंट लोको पायलट की वैकेंसी निकाली जाती है तो वह महिला या पुरुष इसमें अपना फॉर्म लगा सकते हैं

इस वैकेंसी में फॉर्म लगाने के बाद आवश्यकता होती है, गहन तैयारी की और आत्मविश्वास की क्योंकि इनके बिना इस परीक्षा को पास करना बहुत मुश्किल है

इस प्रकार से भारतीय रेलवे में कोई भी महिला या पुरुष अपने आपको एक लोको पायलट के रूप में देख सकता है और अपने सपने को साकार कर सकता है


FAQs : Lakshmi Lakra kis Pad ko Prapt kiya

सवाल : लक्ष्मी लकरा ने किस पद को प्राप्त किया है?

लक्ष्मी लकरा भारत की पहली महिला लोको पायलट का पद प्राप्त करने वाली महिला हैं

सवाल : भारत की पहली महिला रेल इंजन ड्राइवर लक्ष्मी लकरा कौन से समुदाय से आती हैं?

लक्ष्मी लकरा एक आदिवासी समुदाय की बेटी हैं और बहुत ही कम संसाधनों के बल पर इन्होंने भारतीय रेलवे की परीक्षा को पास किया

सवाल : लक्ष्मी लकरा का संबंध भारत के किस राज्य से हैं?

लक्ष्मी लकरा का संबंध भारत के झारखंड राज्य से हैं

सवाल :  लक्ष्मी लकरा का जन्म कब और कहां हुआ था?

भारत की पहली महिला लोको पायलट लक्ष्मी लकरा का जन्म 14 मार्च 1979 को झारखंड राज्य के एक आदिवासी समुदाय में हुआ था

सवाल :  लक्ष्मी लकरा किस उम्र में पहली लोको पायलट महिला बनी?

श्रीमती लक्ष्मी लकरा 27 साल की उम्र में अपने आत्मविश्वास और पढ़ाई की बदौलत भारत की पहली महिला लोको पायलट बनी

सवाल : वर्तमान में लक्ष्मी लकरा भारत के कौन से हिस्से में एक लोको पायलट के तौर पर तैनात हैं?

वर्तमान में लक्ष्मी लकरा भारत के नॉर्दन रेलवे में एक महिला लोको पायलट के रूप में सेवाएं दे रही हैं

सवाल :  लक्ष्मी लकरा की एजुकेशन बैकग्राउंड क्या है?

भारत की पहली महिला लोको पायलट बनने के लिए लक्ष्मी लकरा ने इलेक्ट्रॉनिक्स के फील्ड में एक डिप्लोमा किया था

सवाल : लक्ष्मी लकरा का जीवन सभी महिलाओं के लिए क्या संदेश देता है?

लक्ष्मी लकरा का जीवन सभी महिलाओं में इस संदेश का प्रचार करता है कि कोई भी काम को पुरुषों के बराबर महिलाएं भी कर सकती हैं, आवश्यकता है तो केवल आत्मविश्वास की


Conclusion

हम आशा करते हैं कि आपको आज का हमारा यह लेख लक्ष्मी लकरा ने किस पद को प्राप्त किया बहुत ज्यादा पसंद आया होगा और इस लेख को पढ़कर आप भारत की पहली महिला इंजन ड्राइवर के बारे में बहुत सी जानकारियों को जान गए होंगे

अगर आपको हमारा यह आज का लेख पसंद आया हो तो इस लेख के Comment Box में अपने Valuable Suggestions जरूर लिखें, ताकि आगे आने वाले समय में हम आपके इन्हीं सुझाव के मुताबिक विभिन्न प्रकार के ज्ञानवर्धक लेख लाते रहे और आपके ज्ञान में सकारात्मक वृद्धि करते रहें

इस लेख को पढ़ने के लिए आप सभी पाठकों का बहुत-बहुत आभार एवं धन्यवाद