Sindhu Sabhyata ke log sona kahan se prapt karte the

Sindhu Sabhyata ke log sona kahan se prapt karte the : सिंधु सभ्यता एक बहुत ही प्राचीन सभ्यता है, इस सभ्यता को सैंधव सभ्यता भी कहा जाता है सिंधु सभ्यता का चित्र अत्यंत व्यापक था सिंधु सभ्यता का क्षेत्र संसार की सभी प्राचीन सभ्यताओं के क्षेत्र से कई गुना बड़ा एवम विशाल था

सिंधु इंडस नदी के किनारे बसने वाली सभ्यता थी और अपनी भौगोलिक उच्चारण की विभिन्नताओं की वजह से इस इंडस (indus) को सिंधु कहा जाने लगा, सिंधु नदी और उसके आसपास क्षेत्रों के किनारे बसे होने के कारण इस सभ्यता का नाम सिंधु सभ्यता रखा गया

इस सभ्यता का केंद्र स्थल पंजाब तथा सिंध प्रांत में था तत्पश्चात इसका विस्तार दक्षिण पूर्व की तरफ हुआ इस प्रकार हड़प्पा संस्कृति के अंतर्गत पंजाब बलूचिस्तान और सिंध के भाग ही नही बल्कि गुजरात राजस्थान हरियाणा

और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सीमांत क्षेत्र भी शामिल थे अब तक भारतीय उपमहाद्वीप में इस संस्कृति के कुल 1500 स्थलों का पता लग चुका है

भू वैज्ञानिकों एवं विद्वानों का मानना था कि मानव सभ्यता का आविर्भाव आरएमसी हुआ लेकिन सिंधु घाटी के साक्ष्यों के बाद उनका यह भ्रम दूर हो गए और उन्हें आवाज से खाली पड़ी कि आर्यों के आने से पहले ही प्राचीन भारत की सभ्यता विकसित हो चुकी थी इस सभ्यता को सिंधु घाटी सभ्यता या सैंधव सभ्यता नाम दिया गया

कई इतिहासकार इस सभ्यता का प्रमुख केंद्र हड़प्पा होने के कारण इस सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता भी कहते हैं

 

Sindhu Sabhyata ke log sona kahan se prapt karte the
Sindhu Sabhyata ke log sona kahan se prapt karte the

 

Sindhu Sabhyata ke log sona kahan se prapt karte the | सिंधु सभ्यता के लोग सोना कहां से प्राप्त करते थे

जैसा की हमारा सवाल है कि Sindhu Sabhyata ke log sona kahan se prapt karte the तो सिंधु सभ्यता के लोग सोना  कर्नाटक से प्राप्त किया करते थे  और बहुमूल्य पत्थर, टिन का आयात गुजरात, ईरान और अफगानिस्तान से किया जाता था तांबा खेतड़ी,बलूचिस्तान और ओमान से, चांदी,अफगानिस्तान और ईरान से मंगाया जाता था

इस प्रकार हमे पता चलता है कि हड़प्पावासियों को तांबा,कांसा,स्वर्ण और चांदी की भी जानकारी थी

आगे हम सिंधु सभ्यता के बारे में अन्य आवश्यक जानकारियां भी प्राप्त करेंगे


सिंधु सभ्यता की खोज – Sindhu Sabhyata ki khoj

 

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7वीं शताब्दी में पहली बार जब लोगों ने पंजाब प्रांत में ईटों के लिए मिट्टी की खुदाई की तब उन्हें वहां से बनी बनाई ईटे मिली जिसे

लोगों ने भगवान का चमत्कार मान और उसका प्रयोग घर बनाने में किया उसके बाद 1826 में चार्ल्स मैसेन ने पहली बार इस पुरानी सभ्यता को खोजा

एस कनिंघम ने 1856 में इस सभ्यता के बारे में सर्वेक्षण किया 1861 में कनिंघम के निर्देशन में भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना की गई,

1902 में लॉर्ड कर्जन द्वारा जॉन मार्शल को भारतीय पुरातत्व विभाग का महानिदेशक बनाया गया इस प्रकार से सिंधु सभ्यता की खोज हुई

रेडियोकार्बन C14 जैसी नवीन विश्लेषण पद्धति के द्वारा सिंधु सभ्यता की सर्वमान्य तिथि 2400 ईसा पूर्व से 1700 ईसा पूर्व मानी गई है

सिंधु सभ्यता की खोज रायबहादुर दयाराम साहनी ने की थी सिंधु सभ्यता को प्राकऐतिहासिक (Protohistoric) अथवा कांस्य युग (Bronze )में रखा जा सकता है इस सभ्यता के मुख्य निवासी द्रविड़ एवं भूमध्य सागरीय थे


सिंधु सभ्यता का आर्थिक जीवन – Arthik Jeevan

सिंधु सभ्यता की अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान थी, किंतु व्यापार एवम पशुपालन भी प्रचलित था पूरे विश्व में कपास की खेती सबसे पहले यही शुरू की गई थी, यूनान के लोग इसे सिंडन भी कहते थे, यहां के लोग अनाज का भी अधिक मात्रा में उत्पादन करते थे

इसके अलावा यहां के लोग सोना, चांदी, तांबा,कांसा आदि का भी व्यापार करते थेे तो यहीं से हमे हमारे सवाल का जवाब पता चलता है कि Sindhu Sabhyata ke log sona kahan se prapt karte the तो सिंधु सभ्यता के लोग सोना कर्नाटक से प्राप्त करते थे


सिंधु सभ्यता कृषि और पशुपालन – Krishi aur Pashupalan

सिंधु प्रदेश प्राचीन काल में बहुत उपजाऊ था,यहां पर वनस्पति की अधिक मात्रा होने के करना वर्षा भी पर्याप्त मात्रा में होती थी परंतु लोगों ने अपने निवास के लिए वनों को काटना शुरू कर दिया और घरों का निर्माण करने लगे

जिसके कारण धीरे धीरे वनों का विस्तार सिमटने लगा यहां की उर्वरता का विशेष कारण सिंधु नदी से हर वर्ष आने वाली बाढ़ थी बाढ़ के चले जाने के बाद ये लोग नवंबर महीने में बाढ़ वाले मैदानी क्षेत्र में बीज बो देते थे

और अगली बाढ़ आने से पहले गेहूं तथा जौ की फसल काट लेते थे इस प्रकार इस सभ्यता के लोग अपनी कृषि करते थे राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में घग्घर नदी के किनारे स्थित कालीबंगा से जूते हुए खेत के साक्ष्य मिलते हैं

रंगपुर एवम लोथल से चावल के दाने मिले हैं जिनसे धान की खेती होने का प्रमाण मिलता है चावल के प्रथम साक्ष्य लोथल से ही प्राप्त हुए हैं यहां के लोग पशुपालन भी करते थे

इसका साक्ष्य मोहनजोदड़ो से प्राप्त कूबड़ वाले बैल से मिलता है जिसकी आकृति वहां के मुहरों पर अंकित होती थी सिंधु सभ्यता की सर्वाधिक मुहरों पर सर्वाधिक अंकन श्रृंगि बैलों का है

और उसके बाद कूबड़ वाले बैल का है सिंधु सभ्यता के लोग यातायात के लिए दो पहियों एवं चार पहियों वाली बैलगाड़ी का भैंसा गाड़ी का उपयोग करते थे


सिंधु सभ्यता के मुख्य नगर-Sindhu Sabhyata ke mukhya nagar

 

हड़प्पा (पंजाब,पाकिस्तान)

  • खोजकर्ता-दयाराम साहनी
  • वर्ष-1921

मोहनजोदड़ो (सिंध पाकिस्तान,लरकाना जिला)

  • खोजकर्ता-राखालदास बनर्जी
  • वर्ष-1922

लोथल (गुजरात)

  • खोजकर्ता-एस आर राव
  • वर्ष-1954-1955

कालीबंगा (राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में)

  • खोजकर्ता- बी.बी. लाल
  • वर्ष-1961-69

बनावली (हरियाणा के फतेहाबाद जनपद में)

  • खोजकर्ता-आर.एस.विष्ट
  • वर्ष- 1974-77

आलमगीरपुर (उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में)

  • खोजकर्ता-यज्ञदत्त शर्मा
  • वर्ष-1958

सुतकांगेडोर (पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में)

  • खोजकर्ता-ऑरेल स्टाइन
  • वर्ष-1927

मांदा (मेरठ)

  • खोजकर्ता जे.पी.जोशी
  • वर्ष-1982

धौलावीरा (गुजरात)

  • खोजकर्ता-जे.पी.जोशी
  • वर्ष-1967 68

राखीगढ़ी (हरियाणा)

  • खोजकर्ता-सूरजभान
  • वर्ष- 1968

कोटदीजी (सिंध पाकिस्तान)

  • खोजकर्ता-फजल अहमद खां
  • वर्ष-1957 58

रोपड़ (पंजाब)

  • खोजकर्ता-यज्ञदत्त शर्मा
  • वर्ष-1953-55

रंगपुर (गुजरात)

  • खोजकर्ता- एम एस वत्स
  • वर्ष- 1934-35

चन्हूदड़ो (पाकिस्तान)

  • खोजकर्ता- एन जी मजूमदार
  • वर्ष-1931

बालाकोट (पाकिस्तान)

  • खोजकर्ता-जॉर्ज एफ डेल्स
  • वर्ष- 1973-76

मिताथल (महाराष्ट्र)

  • खोजकर्ता-सूरजभान
  • वर्ष-1968

सुरकोटदा (गुजरात)

  • खोजकर्ता-जे पी जोशी
  • वर्ष-1964

सिंधु सभ्यता से जुड़ी अन्य जानकारियां-Sindhu Sabhyata se judi anya jankariyan

  • सिंधु सभ्यता या सैंधव सभ्यता नगरीय सभ्यता थी
  •  स्वतंत्रता प्राप्ति पश्चात हड़प्पा संस्कृति के सर्वाधिक स्थल गुजरात में खोजे गए थे
  •  मोहनजोदड़ो से प्राप्त स्नानागार संभवत सिंधु सभ्यता की सबसे बड़ी इमारत है
  • सिंधु सभ्यता कांस्य युगीन सभ्यता थी यहां के लोग लोहे से परिचित नहीं थे
  • सिंधु घाटी के लोग पशुपति शिव की पूजा करते थे
  • वस्त्रों के लिए कपास का उत्पादन सर्वप्रथम भारत के सिंधु सभ्यता में ही किया गया
  •  सिंधु सभ्यता में मातृ देवी की उपासना बहुत प्रचलित थी
  • सिंधु सभ्यता की लिपि भाव चित्रात्मक थी यह लिपि दाएं से बाएं और लिखी जाती थी
  •  सर्वप्रथम मानव कंकाल के साथ कुत्ते का कंकाल बुर्जहोम से प्राप्त हुआ
  •  सिंधु सभ्यता का सबसे विख्यात नगर हड़प्पा रावी नदी के किनारे था
  •  मोहनजोदड़ो नगर सिंधु नदी के किनारे बसा हुआ था
  •  मूर्ति पूजा का आरंभ पूर्व आर्य काल से ही माना जाता है
  • प्रारंभिक हड़प्पा सभ्यता में पैर से चलने वाले चाक का प्रयोग किया जाता था
  • परिपक्व हड़प्पा के दौर में हाथ से चालित चाको का प्रयोग किया जाने लगा था
  • पर्दा प्रथा वेश्यावृत्ति सैंधव सभ्यता में प्रचलित थी
  • शवों को जलाने एवम गाड़ने यानी दोनों प्रथाएं प्रचलित थी हड़प्पा में शवों को दफनाने जबकि मोहनजोदड़ो में जलाने की प्रथा विद्यमान थी
  • सिंधु सभ्यता के लोग धरती को और व्यवस्था की देवी मानकर उसकी पूजा किया करते थे
  • सैंधव वासी सूती एवं ऊनी वस्त्रों का प्रयोग करते थे
  •  सिंधु सभ्यता के लोग मनोरंजन के लिए मछली पकड़ना शिकार करना पशु पक्षियों को आपस में लड़ाना चौपड़ और पासा खेलना आदि साधनों का प्रयोग करते थे
  • सिंधु सभ्यता के लोगों ने नगरों और घरों के विन्यास के लिए ग्रीड पद्धति अपनाई थी
  • यहां के लोगों के घरों के दरवाजे और खिड़कियां सड़क की ओर ना खुलकर,घर के पीछे की ओर खुलते थे केवल लोथल नगर के घरों के दरवाजे मुख्य सड़क की ओर खुलते थे
  • मोहनजोदड़ो से नर्तकी की एक मूर्ति मिली है
  • सिंधु सभ्यता के मोहनजोदड़ो से प्राप्त एक शील पर तीन मुख वाले देवता की मूर्ति मिली है उनके चारों ओर हाथी गैंडा चीता एवम भैंसा विराजमान है
  • सिंधु सभ्यता के विनाश का संभवत सबसे प्रभावी कारण बाढ़ था

FAQs – Sindhu Sabhyata ke log sona kahan se prapt karte the

सवाल : सिंधु सभ्यता के लोग किस देवता की पूजा करते थे ?

सिंधु सभ्यता के लोग पशुपति भगवान शिव की पूजा करते थे

सवाल : सिंधु सभ्यता में मुख्यतः कौनसी फसल उगाई जाती थी ?

सिंधु सभ्यता में मुख्य रूप से गेहूं और जौ की खेती की जाती थी

सवाल : सिंधु सभ्यता का सबसे प्राचीन स्थल कौन सा था ?

भिरराणा को सिंधु सभ्यता का अब तक का सबसे प्राचीन स्थल माना जाता है

सवाल : सिंधु सभ्यता के विनाश का क्या कारण था ?

सिंधु सभ्यता के विनाश का मुख्य कारण बाढ़ था

सवाल : सिंधु सभ्यता में हल का साक्ष्य कहा से प्राप्त होता है ?

सिंधु सभ्यता में हल का साक्ष्य बनमाली से मिला है

 

Conclusion

आज का हमारा टॉपिक Sindhu Sabhyata ke log Sona kahan se prapt karte Hain था, सिंधु सभ्यता भारतीय इतिहास की सबसे प्राचीन सभ्यता थी !

जिसका इतिहास में बहुत बड़ा योगदान है अब तक हमे इस सभ्यता से लगभग 1500 प्राचीन स्थल प्राप्त हो चुके हैं सिंधु सभ्यता से कृषि, पशुपालन, व्यापार आदि के भी साक्ष्य प्राप्त हुए हैं

तो इस प्रकार हमने इन सभी जानकारियों के साथ सिंधु सभ्यता के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त की हमे आशा है की आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारियां पसंद आई होंगी इसे share करे और हमें comment box में अपने सुझाव दे धन्यवाद