Sri Lanka Kab Azad Hua | श्रीलंका कब आजाद हुआ ?

क्या आप को पता है Sri lanka kab azad hua अगर नहीं तो चले जानते है ” श्री लंका भारत के दक्षिण ओर बसा हुआ एक देश है | यह आकार में बहुत छोटा है और चारों तरफ से समुन्द्र से घिरा हुआ है, श्री लंका भी भारत के इतिहास जैसा ही है

पहले के समय हमारे इतिहास में भारत और श्री लंका के बीच संबंध अच्छे-बुरे, बुरे-अच्छे होते रहे है

आजके समय में भारत और श्री लंका में अच्छे रिश्ते है यह दोनों देश आपस में आयात निर्यात करते है, श्री लंका भारत का दक्षिणी पडोशी देश होते हुए भी इस देश से भारत को कोई खतरा नही है

आज हम जानते है की श्री लंका एक आज़ाद देश है पर यह सवाल अक्सर आता है की क्या श्री लंका हमेशा से आज़ाद था? या इसे भी अपनी आजादी के लिए शंघर्ष करना पड़ा और अगर संघर्ष करना भी पड़ा तो श्रीलंका कब आजाद हुआ और कैसे ?

जैसे हमारे देश भारत पर अंग्रेजों अर्थात ब्रिटिश का राज था ! वैसे उनके देश पर भी ब्रिटिश का ही राज था, श्री लंका के इतिहास में भी कई बार  स्वंत्रता के लिए संघर्ष शामिल है

श्री लंका का स्वतंत्रता संग्राम ब्रिटिश राज्य से लेके आजाद होकर  स्वशासन स्थापित करने तक का है यह एक शांति पूर्ण स्वतंत्रता संग्राम है जिस दिन श्री लंका आज़ाद हुआ उस दिन श्री लंका में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है

हम में से कई लोगों ने श्री लंका के नक़्शे को भारत के नक़्शे में देखा होगा और देख के ही समझ आता है की इसका क्षेत्र फल ज्यादा नही है

और भी बहुत कुछ जानने की इच्छा होती है आज हम आपको Sri lanka कब आजाद हुआ था, श्री लंका की राजधानी, श्री लंका का संघर्ष और भी श्री लंका से जुड़े हर सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे !

 

Sri Lanka Kab Azad Hua tha

 

Sri Lanka kab Azad Hua | श्रीलंका कब आजाद हुआ था 

 श्री लंका 4 February 1948 को आज़ाद हुआ 

यह एक द्वीपीय देश है यह भारत से 31 किलोमीटर दूर है और यह भारत के इतने पास होने के कारण इस देश पर भारत की संस्कृति का बहुत असर है

आपको बता दे की भारत के दक्षिणी हिस्से पर राज करने वाले शासकों में से कई शासकों ने श्री लंका पर भी राज किया है

श्री लंका में सबसे ज्यादा तेलगु और वहाँ की मात्र भाषा सिंघली बोली जाती है इस देश में हर वर्ष 4 फरवरी राष्ट्र दिवस के रूप में मनाया जाता है इस दिन श्री लंका में अवकाश होता है

इस दिन श्री लंका में ध्वजारोहण समारोह भी होता है, राष्ट्रपति द्वारा झंडा लहराया जाता है,  यह जान कर आपको हैरानी होगी की श्री लंका की दो राजधानी है

राष्ट्रीय दिवस के दिन श्री लंका में जगह जगह समारोह होता है और  उन लोगों को श्रन्धाली दी जाती है जिनके कारण श्री लंका आज़ाद हुआ है

अब आप जा चुके होंगे की श्री लंका को आज़ादी कब मिली थी ! आइये श्री लंका के बारे में अन्य जानकारी प्राप्त करे

 

श्री लंका की राजधानी 

श्री लंका ऐसा देश है जिसकी दो राजधानी है, हां आपने सही सुना श्री लंका की दो राजधानी है !

वैसे तो श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे को श्री लंका की ऑफिसियल राजधानी कहा जाता है पर कोलोंबो भी श्री लंका की Rajdhani है

कोलोम्बो एक पोर्ट है अर्थात यह ऐसा शहर है जहाँ से श्री लंका का पूरा आयत-निर्यात होता है इसलिए इसको श्री लंका की वाणिज्यिक राजधानी बोला जाता है

  1. कोलोंबो : वाणिज्यिक राजधानी 
  2. श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे : ऑफिसियल राजधानी 

 

sri lanka rajdhani

 

1) श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे

यह प्राचीन काल से श्री लंका की राजधानी रही है यहाँ पर राज करने वाले शासकों ने श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे को ही राजधानी बनाया था

श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे से पूरे देश की व्यवस्था संभाली जाती है पूरे देश से जुड़े सब ज़रूरी चीज़ें यहाँ पर ही बनायीं गयी है यह राजनितिक तौर पर श्री लंका का केंद्र है

 

2) कोलोंबो 

कोलोंबो को एक युद्ध के दौरान श्री लंका की राजधानी के रूप में चुना गया था, और आज के समय में जब श्री लंका की बहुत सी आर्थिक व्यवस्था आयत-निर्यात पर निर्भर करती तो उस नज़रिए से एक दम किनारे पर बसे होने के कारण कोलोंबो आयात निर्यात का केंद्र बन जाता है

इस तरह से इसे श्री लंका की वाणिज्यिक राजधानी भी बोला जाता है

यह श्री लंका की ऑफिसियल राजधानी नही है पर इसके योगदान को देखते हुए यह श्री लंका का अभिन्न अंग है इस लिए इसको श्री लंका की दूसरी राजधानी के रूप में जाना जाता है

 

श्री लंका का इतिहास 

श्री लंका का पुराना नाम लंका और उससे भी पुराना नाम सीलोन था ! जिसे बदलकर 1978 में लंका रखा गया, भारत के पास होने के कारण श्री लंका और भारत में शुरुआत से ही बहुत तरीके से जुड़े है

इस देश में ज़्यादातर लोग हिंदी अगर आंकड़ों की बात करे तो कुल 12 प्रतिशत लोग हिन्दू है यहाँ पर बसे सिंघल के लोग भारत के लोगों से जुड़े है और यहाँ की राष्ट्र भाषा का गुजराती और हिदी भाषा से सम्बन्ध है

आज हमारे पास श्री लंका का बीते 3000 साल का इतिहास है और हमारे चक्रवर्ती सम्राट अशोका की आज्ञा से उनके पुत्र ने यहाँ पर बौद्ध धर्म का प्रचार किया था !

 

history of sri lanka

 

इसलिए यहाँ पर सबसे प्रचलित धर्म बौद्ध धर्म है, यहाँ पर बौद्ध धर्म के चौथी समिति से जुडा ग्रन्थ भी मिला था

हिन्दू पुरानो की बात करे तो उसमे लिखा हुआ है की श्री लंका को भोले बाबा अर्थात शिव जी ने बसाया था और यहाँ पर सोने की लंका का निर्माण विश्वकर्मा ने किया था विश्वकर्मा ही वो भगवान् है

जिन्होंने कृष्णा की मथुरा बनाई थी, शिव जी का त्रिसूल और ब्रह्माश्त्र जैसे चीज़ों का भी निर्माण किया था

विश्वकर्मा भगवान् ने इस सोने के महल का निर्माण पारवती माता के लिये किया था पर हमारा इतिहास हमें ये गवाही देता है की जो होता है वह किसी योजना का हिस्सा है

ऋषि विश्रवा इस महल और इस लंका पूरी को देख कर लालच में आ गये थे उन्होंने भगवान शिव से आशीर्वाद में लंकापुरी मांग ली थी उस समय क्रोधित होकर माता आधिशक्ति ने श्राप दिया की यह लंका पूरी जल जाएगी एक दिन शिव जी के ही अंश द्वारा राक्षसों के अंत की शुरुआत होगी

हम जानते ही है शिव जी के अंश हनुमान जी ने लंका को आग लगा के लंका को काला कर दिया था और उसके बाद ही राम जी और रावन में युद्ध भी हुआ

जिसमे राक्षसों का समूह ही ख़त्म हो गया विश्रवा ने यह लंका पूरी अपने बेटे कुबेर को दे दी और कुबेर से लंका को उसके भाई रावन ने ले लिया

 

श्री लंका नाम से जुडी अनसुनी कहानी

श्री लंका के इतिहास से जुडी एक और भी कथा है जहाँ पर बताया गया है की लंका एक पर्वत का नाम था जहाँ पर लोग रहते थे माली यहाँ पर राज करता था,

देवों और राक्षसों ने माली को मारने के लिए साथ में मिलके पहले माली को मार दिया फिर आपसी सहमती से कुबेर को राजा बना दिया कुबेर रावण का सौतेला भाई था और रावण ने कुबेर से लंका और उसका उड़ने वाला बिमान भी ले लिया

यहाँ पर शिव, गौतम बुद्ध और संत थॉमस के पैरों के चिन्ह है ! इसलिए यहाँ पर हिन्दू, इसाई और बौद्ध धर्म के लोग हर साल दर्शन के लिए आते है

यहाँ पर रामायण से जुड़े कुल 50 स्थल है जिसे इंटरनेशनल रामायण रिसेअर्च की टीम ने ढूँढा है इन जगहों का अपना-अपना महत्त्व है

अंग्रेजों ने तमिल और सिंघलियों में फूट डाल कर भारत के साथ-साथ लंका पर भी राज किया इस जगह पर धीरे-धीरे और देश के लोग आकर बसते गये अब सवाल आता है की फिर Sri lanka कब आज़ाद हुआ ?

 श्री लंका पूर्ण रूप से 1948 में ही आज़ाद हुआ था उससे पहले वह किसी न किसी शासन का गुलाम ही था 

श्री लंका को पूर्ण स्वतंत्रता दुसरे वर्ल्ड वार अथवा विश्व युद्ध के बाद मिली समय समय पर अलग-अलग देश और आपस के लोगों में भी फूट पडती रही, बहुत से विवाद हुए पर

आजके समय में श्री लंका और भारत अपनी-अपनी सीमा में ही रहते है | दोनों में सिर्फ आयत निर्यात का काम होता है 2009 और 2012 ऐसा समय था जब समसे ज्यादा विवाद हुए पर समय के साथ सब ठीक हो गये

 

वर्तमान की श्री लंका

2022 से 2024 के हिसाब से बताये तो इस समय श्री लंका बहुत बुरे हालातों में है श्री लंका इतने बुरे हालातों में है

जिसका कभी किसी ने अंदाज़ा भी नही लगाया होगा पहले श्री लंका में आर्थिक तंगी आई और अब यही तंगी उनके राजनीतिक तंगी का कारण बन गयी है

इनके पिछले प्रधानमंत्री रानिल विक्रम सिंधे ने इस्तीफा दे दिया है वहाँ की जनता अपने हलातो के लिए अपनी सरकार को दोषी मानती है

1948  को श्री लंका को आज़ादी मिली और तबसे लेके आज तक के समय में यह श्री लंका का सबसे बुरा समय है जिसमे श्री लंका में सब लोगों के पास खाने पीने यहाँ तक की दवाइयां भी प्रचुर मात्रा में मौजूद नही है

 

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श्री लंका की आबादी अभी कुल 22 कड़ोर है और इस आबादी को इस समय बहुत बड़ी बड़ी आपदाओं का सामना करना पड रहा है श्री लंका में हर तरह की सेवा धीरे-धीरे बंद की जा रहगी है

श्री लंका के स्कूल बंद है और ट्रेनों और बस को भी बंद किया जा रहा है इधन जितना हो सके उतना बचने का प्रयास चल रहा है

श्री लंका की जनता की बुनियादी ज़रूरतें भी सही से पूरी नहीं हो पा रही है श्री लंका के लोग उनकी सरकार के खिलाफ ही हो गये है, ईधन पेट्रोल और डीजल इतना कम है की लोग दूर अस्पताल भी नही जा पा रहे है

 

श्री लंका की मौजूदा हालत का कारण 

  • चीन से रिश्ता रखना भी आज श्री लंका की इस हालत का कारण है चीन ने पहले कर्जा दिया और फिर उस कर्जे को गलत समय पर मांगने लग गया
  • एक का कर्जा चुकाने के लिए दूसरें देशों से कर्जा लिया ऐसा करते-करते श्री लंका अरबों खरबों के कर्जे में डूब गया
  • श्री लंका का विदेशी मुद्रा का भण्डार 2018 में 10 अरब डॉलर का था जो 2022 तक कर्जे के कारण घटकर 1.7 अरब डॉलर हो गया
  • श्री लंका में बहुत से टूरिस्ट प्लेस है अर्थात श्री लंका की कमाई का एक बड़ा हिस्सा टूरिस्ट से आता है कोरोना के कारण टूरिस्ट आने बंद हो गये और श्री लंका का नुक्सान बढ़ता गया

 

श्री लंका और भारत का संबंध

आज श्री लंका बहुत विकट संकटों से घिरा हुआ है और ये जान कर आपको ख़ुशी होगी की हमारा देश भारत श्री लंका की इस हालत में उसके साथ है अर्थात भारत श्री लंका की सहायता के लिए आगे गया

दोंनों देशों के रिश्ते तो सदियों पुराने है और एक पडोशी होने के कारण भारत श्री लंका की जितनी सहायता कर सकता है कर रहा है आइये श्री लंका और भारत के आपसी रिश्ते के बारें में जानते है

 

पौराणिक रिश्ते 

भारत और श्री लंका के जुड़े होने का ज़िक्र हमारे पुराणों में मौजूद है इन दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक समानता भी देखी गयी है श्री लंका में रहने वाले लोगों का संबंध उत्तर भारत के लोगों के साथ है श्री लंका की राष्ट्रीय भाषा गुजरती और हिंदी से ली गयी है

पौराणिक कथाओं के हिसाब से श्री लंका को शिव जी की आज्ञा से बसाया गया था और शिव के 5 निवास स्थलों में श्री लंका भी एक है शिव के पहले पुत्र कार्तिकय श्री लंका के सबसे प्रचलित देवता है

श्री लंका को हमने अपने पुराणों में रावन की लंका के नाम से भी पढ़ा है रामायण के इतिहास के कई सबूत यहाँ पर मौजूद है

और तो और मुस्लिम, इसाई और बौद्ध धर्म के कई प्रमाण यहाँ मौजूद है जिसके कारण यह बहुत से धर्मों के इतिहास का हिस्सा बना

 

वाणिज्यिक रिश्ते 

भारत और श्री लंका में 28 दिसम्बर 1998 में मुक्त व्यापार समझौता हुआ था ! जिसके बाद श्री लंका और भारत आपस में आयत-निर्यात करने के लिए स्वतंत्र है

दोनों देशो के बीच में व्यापार समय के साथ बढ़ने लगा 2004 में भारत और श्री लंका के बीच में व्यापार 128 प्रतिशत बढ़ गया और 2006 तक यह चार गुना हो गया 2010 दोनों देशों के व्यापार के लिए सबसे लाभकारी साल था

 

FAQ :

सवाल : श्री लंका कब स्वतंत्र हुआ

श्री लंका को  4 February 1948 को आज़ादी मिली

सवाल : श्री लंका की राजधानी क्या है 

श्री लंका की दो राजधानी है

  • कोलोंबो – वाणिज्यिक राजधानी
  • श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे – ऑफिसियल राजधानी

सवाल : श्री लंका की मौजूदा क्या हालत है

श्री लंका की मौजूदा हालत बहुत ख़राब है चीज़ से कर्जा लेने के बाद और उसको समय पर न चूका पाने के कारण आज श्री लंका कर्जे में डूब गया है और इसकी अवस्था बहुत बुरी है श्री लंका की जनता के पास अपनी आम ज़रूरते पूरी करने का साधन भी नही उपलब्ध है

और कोरोना के कारण श्री लंका की टूरिस्ट के द्वारा होने वाली कमाई  में बहुत कमी आ गयी है जिसके कारण भी श्री लंका की आर्थिक अवस्था पे असर पड़ा है

सवाल : श्री लंका और चीन के बीच में क्या सम्बन्ध है

श्री लंका और चीन के बीच नजदीकी श्री लंका की मौजूदा हालत का बहुत बड़ा कारण है चीन ने पहले श्री लंका को बड़े दरो पर कर्जा दिया और आज उसी कर्जे में श्री लंका दब कर ऐसी अवस्था में पहुच गया है मौजूदा समय में चीन और श्री लंका के बीच में भी संबंध अच्छे नही है

 

Conclusion 

आज के लेख में हम ने जाना Sri Lanka Kab Azad Hua और समझा की श्री लंका को 4 February 1948 को आज़ादी मिली और वर्तमान में श्री लंका के दो राजधानी है जैसे की कोलोंबो और श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे

इसके अलावा इस लेख में हम ने श्री लंका का इतिहास, आज़ादी, मौजूदा हालत और अन्य तथ्यों के बारे में जानने की कोशिश की ! और उम्मीद करते है आप को इस लेख में प्रदान की जानकारी पसंत आयी होगी !

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जिसका हम जरूर जवाब देने की कोशिश करेंगे | इस लेख को शुरवात से अंत तक पढ़ने के लिए आप का तहे दिल से धन्यवाद

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