Bharat Ke Pratham Pradhanmantri Kaun The– संविधान द्वारा प्रदत्त सरकार की संसदीय व्यवस्था में राष्ट्रपति केवल नाम मात्र का कार्यकारी प्रमुख होता है तथा वास्तविक कार्यकारी शक्तियां प्रधानमंत्री में निहित होती हैं भारत में प्रधानमंत्री ही भारत सरकार के कार्यपालिका का नेतृत्व करता है
दूसरे शब्दों में राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख होता जबकि प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है भारत के संविधान में प्रधानमंत्री के निर्वाचन और नियुक्ति के लिए कोई विशेष प्रक्रिया नहीं दी गई है
परंतु अनुच्छेद 75 में कहा गया है कि भारत का राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करेगा, पर इसका मतलब यह नहीं है कि राष्ट्रपति किसी भी व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त करने हेतु स्वतंत्र है
सरकार की संसदीय व्यवस्था के अनुसार राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है
प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करने से पूर्व राष्ट्रपति उसे पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाता है
प्रधानमंत्री का कार्यकाल निश्चित नहीं होता है तथा वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत अपने पद पर आसीन रहता है
हालांकि इसका अर्थ यह नहीं है कि राष्ट्रपति किसी भी समय प्रधानमंत्री को उसके पद से हटा सकता है प्रधानमंत्री को जब तक लोकसभा में बहुमत हासिल है राष्ट्रपति उसे उसके पद से बर्खास्त नहीं कर सकता है
आज के इस आर्टिकल में हम भारत के पहले प्रधानमंत्री कौन थे (Bharat Ke Pratham Pradhanmantri Kaun The) उनका जन्म कहां हुआ था, तथा उनके परिवार एवं उनके राजनीतिक जीवन से संबंधित अनेक जानकारियां प्राप्त करेंगे
इसके साथ ही आगे हम, भारत में अब तक जितने प्रधानमंत्री हो चुके हैं उनके बारे में भी कुछ विस्तृत जानकारियां इकट्ठी करेंगे जिससे आपको भारत के प्रधानमंत्री से जुड़ी सारी जानकारियां प्राप्त हो सकें.

Bharat Ke Pratham Pradhanmantri Kaun The – भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे , नेहरू जी स्वतंत्र भारत के भी पहले प्रधानमंत्री थे उन्होंने ही सबसे अधिक बार लाल किले पर हमारे राष्ट्रीय ध्वज को फहराया है उनके जन्म, जीवन, परिवार, राजनीतिक जीवन के बारे में आगे हम विस्तारपूर्वक सारी जानकारी प्राप्त करेंगे
जवाहरलाल नेहरू जी का जन्म एवं परिवार – Jawaharlal nehru ji ka janam evam parivar
जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 को ब्रिटिश भारत के इलाहाबाद में हुआ, नेहरू जी के पिता मोतीलाल नेहरू एक धनी बैरिस्टर थे जो कि एक कश्मीरी पण्डित थे
मोती लाल नेहरू जी स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष भी चुने गए थे उनकी माता का नाम स्वरूपरानी थुस्सू था, जो कि लाहौर के एक सुपरिचित कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से थी
जवाहरलाल नेहरू जी की माता मोतीलाल की दूसरी पत्नी थी एवं उनकी पहली पत्नी की प्रसव के दौरान ही मृत्यु हो गई थी जवाहरलाल तीन भाई बहन थे ये अपने भाई बहनों में सबसे बड़े थे, उनकी 2 बहनें थी
उनमें से बड़ी बहन विजया लक्षमी बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी तथा सबसे छोटी बहन, कृष्णा हठीसिंग एक प्रसिद्ध लेखिका बनी, उन्होंने अपने परिवार-जनों से संबंधित कई पुस्तकें भी लिखीं थी
सन 1916 में जवाहरलाल नेहरू जी का विवाह कमला कौल से हुआ जो कि एक कश्मीरी परिवार से थी, उनका परिवार दिल्ली में रहता था
हमने इस हेडिंग में जवाहरलाल नेहरू जी के जन्म और परिवार के बारे में बताया है तो अब तो आपको पता चल ही गया होगा कि Bharat Ke Pratham Pradhanmantri Kaun The क्योंकि अगर आप देखेंगे
जवाहरलाल नेहरू जी की शिक्षा – Jawaharlal nehru ji ki shiksha
जवाहरलाल नेहरू ने अपनी शिक्षा दुनिया के कुछ बेहतरीन स्कूलों और विश्वविद्यालयों से प्राप्त की थी उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा हैरो स्कूल से की थी और उनकी कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज (लंदन) से पूरी हुई थी
इसके बाद उन्होंने लॉ की डिग्री की, जो कि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी हुई, इंग्लैंड में उन्होंने अपने जीवन के सात साल व्यतीत किए उस समय वहां रहते हुए उन्होंने फैबियन समाजवाद और आयरिश राष्ट्रवाद के लिए एक तर्कसंगत दृष्टिकोण भी विकसित किया
जवाहर लाल नेहरू जी का राजनीतिक जीवन – Jawaharlal nehru ji ka Rajnitik jeevan
कैंब्रिज विश्वविद्यालय में अपनी स्नातक की शिक्षा पूरी करके नेहरू जी 1912 में भारत लौटे और सीधे ही राजनीति में प्रवेश कर गए
अपने छात्र जीवन के दौरान भी वे विदेशी हुकूमत के अधीन देशों में होने वाले स्वतंत्रता संघर्ष में रुचि रखते थे आयरलैंड में हुए सिनफेन आंदोलन में भी उन्होंने गहरी रुचि ली थी उसके बाद उन्हें भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी अनिवार्य रूप से शामिल होना पड़ा था
1912 में एक प्रतिनिधि के रूप में उन्होंने सम्मेलन में भाग लिया एवं वे 1919 में इलाहाबाद के होम रूल लीग के सचिव बन गए नेहरू जी महात्मा गांधी जी से पहली बार 1916 में मिले एवं उनसे बहुत अधिक प्रभावित हुए
नेहरू ने महात्मा गांधी के उपदेशों को मानते हुए उनके अनुसार अपने परिवार को भी ढाल लिया जवाहरलाल और उनके पिता मोतीलाल नेहरू ने पश्चिमी कपड़ों और महंगी संपत्ति का त्याग कर दिया तथा वे अब एक खादी कुर्ता और गांधी टोपी पहनने लगे
1920 में उनके द्वारा उत्तर प्रदेश के एक जिले प्रतापगढ़ में किसान मार्च का आयोजन किया गया 1920-22 में हुए असहयोग आंदोलन के सिलसिले में नेहरू जी को दो बार जेल भी जाना पड़ा था
सितंबर 1923 में पंडित नेहरू जी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने उन्होंने इटली, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड, बेल्जियम, जर्मनी एवं रूस का दौरा 1926 में किया
ब्रुसेल्स के बेल्जियम में दीन देशों के होने वाले सम्मेलन में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक आधिकारिक प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया
सन 1927 में उन्होंने मास्को में होने वाले अक्तूबर समाजवादी क्रांति की दसवीं वर्षगांठ समारोह में भाग लिया इससे पहले सन 1926 में, मद्रास कांग्रेस में कांग्रेस को आजादी के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध करने में भी नेहरू जी ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी
1928 में साइमन कमीशन के खिलाफ एक जुलूस का नेतृत्व करते हुए लखनऊ में उन पर लाठी चार्ज किया गया था
1928-1929 में, कांग्रेस के वार्षिक सत्र का आयोजन मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में किया गया था उस सत्र में जवाहरलाल नेहरू और सुभाष चन्द्र बोस द्वारा पूरी राजनीतिक स्वतंत्रता की मांग का समर्थन किया गया था
जबकि मोतीलाल नेहरू और अन्य नेताओं ने ब्रिटिश साम्राज्य के अंदर ही प्रभुत्व सम्पन्न राज्य का दर्जा पाने की मांग का समर्थन किया था
इस मुद्दे को हल करने के लिए, गांधी जी ने एक बीच का रास्ता निकाला और यह कहा कि ब्रिटेन को भारत के राज्य का दर्जा देने के लिए दो साल का समय दिया जाएगा परंतु यदि ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस द्वारा पूर्ण राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए एक राष्ट्रीय संघर्ष शुरू किया जाएगा
पंडित नेहरू जी और बोस ने यह मांग की कि इस समय को कम कर के एक साल का कर दिया जाए परंतु ब्रिटिश सरकार द्वारा इसपर कोई जवाब नहीं आया
29 अगस्त 1928 को नेहरू जी ने सर्वदलीय सम्मेलन में भाग लिया तथा वे उन लोगों में से एक थे जिन्होंने भारतीय संवैधानिक सुधार की नेहरू रिपोर्ट पर अपने हस्ताक्षर किये थे
उनके पिता श्री मोतीलाल नेहरू के नाम पर ही इस रिपोर्ट का नाम रखा गया था उसी वर्ष उन्होंने ‘भारतीय स्वतंत्रता लीग’ की स्थापना की एवं इसके महासचिव के रूप में कार्यभार संभाला इस लीग का मूल उद्देश्य यह था कि भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से पूर्णतः अलग कर दिया जाए
1929 में पंडित नेहरू को भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन के लाहौर सत्र के अध्यक्ष के रूप में चुना गया इस सम्मेलन का मुख्य लक्ष्य देश के लिए पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना था इसी सत्र के दौरान एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था जिसमें उनके द्वारा ‘पूर्ण स्वराज्य’ की मांग की गई
26 जनवरी 1930 को लाहौर में जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्र भारत का झंडा फहराया गांधी जी द्वारा भी 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन का आह्वान किया गया यह आंदोलन कुछ हद तक सफल भी रहा
इस आंदोलन ने ब्रिटिश सरकार को प्रमुख राजनीतिक सुधारों की आवश्यकता को स्वीकार करने के लिए विवश कर दिया
जब ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत अधिनियम 1935 प्रख्यापित किया गया तब कांग्रेस पार्टी ने चुनाव लड़ने का फैसला किया उस समय हालांकि नेहरू जी चुनाव के बाहर रहे लेकिन उन्होंने भी ज़ोरों के साथ पार्टी के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लगभग हर प्रांत में सरकारों का गठन किया और केन्द्रीय असेंबली में सबसे ज्यादा सीटों से जीत भी हासिल की
1930-35 के दौरान नमक सत्याग्रह एवं कांग्रेस के अन्य आंदोलनों के कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा 14 फ़रवरी 1935 को उन्होंने अल्मोड़ा जेल में अपनी ‘आत्मकथा’ का लेखन कार्य पूरा किया
जेल से रिहाई के बाद वे अपनी बीमार पत्नी को देखने के लिए स्विट्जरलैंड गए एवं उन्होंने 1936 फरवरी-मार्च, में लंदन का दौरा किया
उन्होंने जुलाई 1938 में स्पेन का भी दौरा किया उस समय स्पेन में गृह युद्ध चल रहा था द्वितीय विश्व युद्ध शुरू होने से कुछ समय पूर्व उन्होंने चीन का भी दौरा किया था
पंडित नेहरू ने भारत को युद्ध में भाग लेने के लिए मजबूर किए जाने का विरोध करते हुए एक व्यक्तिगत सत्याग्रह शुरू किया, जिसके कारण 31 अक्टूबर 1940 को उन्हें कई नेताओं सहित गिरफ्तार कर लिया गया फिर उन्हें दिसंबर 1941 में जेल से मुक्त भी कर दिया गया
7 अगस्त 1942 को हुई अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की मुंबई की बैठक में पंडित नेहरू ने ऐतिहासिक संकल्प ‘भारत छोड़ो’ को कार्यान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया
8 अगस्त 1942 को उन्हें अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार करके अहमदनगर जिले में ले जाया गया यह अंतिम बार था जब उन्हें जेल जाना पड़ा एवं इसी बार उन्हें सबसे लंबा समय जेल में बिताना पड़ा
अपने पूरे जीवन में वे लगभग नौ बार जेल गए थे पंडित नेहरू ने दक्षिण-पूर्व एशिया का दौरा 1946 में किया, 6 जुलाई 1946 को नेहरू जी चौथी बार कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुने गए एवं फिर 1951 से 1954 तक तीन और बार उन्हें इस पद के लिए चुना गया
स्वंतत्रता प्राप्ति के बाद, राष्ट्रपति का पद किसको मिलेगा यह आसानी से तय कर लिया गया था लेकिन प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव किया गया था
नेहरु जी से ज्यादा मत सरदार पटेल तथा आचार्य कृपलानी को मिले थे लेकिन महात्मा गांधी जी चाहते थे कि जवाहरलाल नेहरु ही देश के पहले प्रधानमंत्री बने
इस प्रकार स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री का पद संभालने के लिए कांग्रेस द्वारा नेहरू जी को निर्वाचित किया गया नेहरू जी प्रधानमन्त्री के रूप में, भारत के सपने को साकार करने के लिए चल पड़े
भारत का संविधान 1950 से लागू हुआ जिसके बाद उन्होंने सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक सुधारों के लिए एक महत्त्वाकांक्षी योजना शुरू की
विदेश नीति में, नेहरू जी द्वारा भारत को दक्षिण एशिया में एक क्षेत्रीय नायक के रूप में प्रदर्शित कर निरपेक्ष आन्दोलन में एक अग्रणी भूमिका निभाई थी
नेहरू जी के नेतृत्व में, कांग्रेस राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय चुनावों में प्रभुत्व दिखाते हुए 1952, 1957 और 1958 और 1962 के लगातार चुनाव जीतते हुए कांग्रेस एक सर्व-ग्रहण पार्टी के रूप में उभरी
उनके अन्तिम वर्षों में राजनीतिक संकटों और 1962 के चीनी-भारत युद्ध में उनके नेतृत्व की असफलता के बाद भी वे भारतीय लोगों के बीच लोकप्रिय बने रहे, भारत में बाल दिवस 14 नवंबर को जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष्य में ही मनाया जाता है
भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की सूची – Bharat ke sabhi pradhanmantriyon ki suchi
भारत में अब तक 14 प्रधानमंत्री हो चुके हैं जिनमे से आज हमने Bharat Ke Pratham Pradhanmantri Kaun The उनके बारे में ऊपर विस्तार से सारी जानकरियां प्राप्त की हैं अब हम आगे आपको भारत के सभी प्रधानमंत्रियों, उनके कार्यकाल, राजनीतिक दल तथा जन्म स्थान की सूची देंगे
1. जवाहरलाल नेहरू – Jawaharlal Nehru
- कार्यकाल आरंभ–15 अगस्त, 1947
- कार्यकाल समाप्त- 27 मई, 1964
- राजनैतिक दल- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- जन्म स्थान- इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
2) गुलजारीलाल नंदा – Gulzarilal Nanda
- कार्यकाल आरंभ- 27 मई, 1964
- कार्यकाल समाप्त- 9 जून, 1964
- राजनैतिक दल- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- जन्म स्थान- सियालकोट, पंजाब
ये भारत के अस्थाई प्रधानमंत्री थे इसलिए इनको प्रधानमत्रियों की सूची में शामिल तो किया जाता है पर इनको 14 प्रधानमंत्रियों में गिना नही जाता है
3) लालबहादुर शास्त्री – Lal Bahadur Shastri
- कार्यकाल आरंभ- 9 जून, 1964
- कार्यकाल समाप्त-11 जनवरी, 1966
- राजनैतिक दल- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- जन्म स्थान- मुगलसराय, उत्तर प्रदेश
4) इंदिरा गांधी – Indira Gandhi
- कार्यकाल आरंभ- 24 जनवरी, 1966
- कार्यकाल समाप्त- 24 मार्च, 1977
- राजनैतिक दल- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- जन्म स्थान- इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
- दूसरा कार्यकाल आरंभ- 14 जनवरी, 1980
- दूसरा कार्यकाल समाप्त- 31 अक्टूबर, 1984
5) मोरारजी देसाई – Morarji Desai
- कार्यकाल आरंभ- 24 मार्च, 1977
- कार्यकाल समाप्त- 28 जुलाई, 1979
- राजनैतिक दल- जनता पार्टी
- जन्म स्थान- भदेली, गुजरात
6) चौधरी चरण सिंह – Choudhary Charan Singh
- कार्यकाल आरंभ- 28 जुलाई, 1979
- कार्यकाल समाप्त- 14 जनवरी, 1980
- राजनैतिक दल- जनता पार्टी
- जन्म स्थान- मेरठ, उत्तर प्रदेश
7) राजीव गांधी – Rajiv Gandhi
- कार्यकाल आरंभ- 31 अक्टूबर, 1984
- कार्यकाल समाप्त- 2 दिसम्बर, 1989
- राजनैतिक दल- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- जन्म स्थान- मुंबई, महाराष्ट्र
8) विश्वनाथ प्रताप सिंह – Vishwanath Pratap Singh
- कार्यकाल आरंभ- 2 दिसम्बर, 1989
- कार्यकाल समाप्त- 10 नवंबर, 1990
- राजनैतिक दल- जनता दल
- जन्म स्थान- इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
9) चंद्रशेखर – Chandra Shekhar
- कार्यकाल आरंभ- 10 नवंबर, 1990
- कार्यकाल समाप्त- 21 जून, 1991
- राजनैतिक दल- जनता दल
- जन्म स्थान- इब्राहिमपट्टी, बलिया
10) पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव – P. V. Narasimha Rao
- कार्यकाल आरंभ- 21 जून, 1991
- कार्यकाल समाप्त- 16 मई, 1996
- राजनैतिक दल- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- जन्म स्थान- करीमनगर, आंध्र प्रदेश
11) अटल बिहारी वाजपेयी – Atal Bihari Vajpayee
- कार्यकाल आरंभ- 16 मई, 1996
- कार्यकाल समाप्त- 1 जून, 1996
- राजनैतिक दल- भारतीय जनता पार्टी
- जन्म स्थान- ग्वालियर, मध्य प्रदेश
- दूसरा कार्यकाल आरंभ- 19 अक्टूबर, 1999
- दूसरा कार्यकाल समाप्त- 22 मई, 2004
12) एच डी देवगौड़ा – H. D. Deve Gowda
- कार्यकाल आरंभ- 1 जून, 1996
- कार्यकाल समाप्त- 21 अप्रेल, 1997
- राजनैतिक दल- जनता दल
- जन्म स्थान- हरदानाहल्ली, कर्नाटक
13) इंद्रकुमार गुज़राल – Inder Kumar Gujral
- कार्यकाल आरंभ- 21 अप्रेल, 1997
- कार्यकाल समाप्त- 19 मार्च, 1998
- राजनैतिक दल- जनता दल
- जन्म स्थान- झेलम (वर्तमान पाकिस्तान)
14) मनमोहन सिंह – Manmohan Singh
- कार्यकाल आरंभ- 22 मई, 2004
- कार्यकाल समाप्त- 22 मई, 2009
- राजनैतिक दल- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- जन्म स्थान- पंजाब प्रान्त के एक गाँव (वर्तमान पाकिस्तान)
- दूसरा कार्यकाल आरंभ- 22 मई, 2009
- दूसरा कार्यकाल समाप्त- 17 मई 2014
15) नरेन्द्र मोदी – Narendra Modi
- कार्यकाल आरंभ- 26 मई, 2014
- कार्यकाल समाप्त- 30 मई, 2019
- राजनैतिक दल- भारतीय जनता पार्टी
- जन्म स्थान- वड़नगर, गुजरात
- दूसरा कार्यकाल आरंभ- 30 मई, 2019
2022 वर्तमान के प्रधानमंत्री
पूरा आर्टिकल पढ़ने के बाद अगर अब हम आपसे पूछें कि आखिर Bharat Ke Pratham Pradhanmantri Kaun The तो आप सब इसका जवाब आसानी से दे पाएंगे तो अब आगे हम हमारे वर्तमान के प्रधानमंत्री के बारे में भी कुछ आवश्यक बातों के बारे में जानेंगे
वर्तमान में हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं, इनका पूरा नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी है, इनका जन्म गुजरात के वडनगर में एक गुजराती परिवार में हुआ इनकी पार्टी का नाम भारतीय जनता पार्टी है
ये लगातार दो बार भारत के प्रधानमंत्री चुने जा चुके हैं अभी वर्तमान में उनका भारत के प्रधानमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल चल रहा है
भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी जी गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री भी रहे हैं उनके द्वारा किए गए अच्छे कामों को देखते हुए वहां की जनता ने उन्हें लगातार 4 बार (2001- 2014) गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में चुना
FAQ’s:- Bharat Ke Pratham Pradhanmantri Kaun The
सवाल : भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे?
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी थे
सवाल : भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री का नाम क्या है?
भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी थे
सवाल : भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री कौन हैं?
भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं
सवाल : भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री कौन थी?
हमारे देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी थी
सवाल : भारत में अब तक कितने प्रधानमंत्री रह चुके हैं?
भारत में अब तक कुल 14 प्रधानमंत्री अपने पद पर आसीन रह चुके हैं पर यदि गुलजारी लाल नंदा को भी इस गिनती में शामिल किया जाए तो भारत में अब तक कुल 15 प्रधानमंत्री अपनी सेवा दे चुके हैं
Conclusion
तो आइए अब हम देखते हैं कि हमारे इस पूरे आर्टिकल में हमारे मुख्य बिंदु कौन कौन से थे तथा हमें इस आर्टिकल से क्या क्या जानकारियां प्राप्त हुई
तो आज के हमारे आर्टिकल में हमने Bharat Ke Pratham Pradhanmantri Kaun The (भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे) हमने उनके जन्म, परिवार तथा उनके राजनीतिक जीवन के बारे में भी ऊपर विस्तार से पढ़ा
तथा भारत में अब तक जितने प्रधानमंत्री हो चुके हैं उनकी सूची भी ऊपर हमने आपको प्रदान कर दी है जिससे आपको भारत में प्रधानमंत्री के बारे में सारी जानकारियां एक ही स्थान पर प्राप्त हो सकें
हम आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली जानकारियां पसंद भी आती होंगी तथा इनसे आपको आपकी आवश्यकतानुसार सारी जानकारियां भी मिल जाती होंगी
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