Bharat ka Pratham Governor General kaun tha

Bharat ka pratham Governor General kaun tha : भारत में इस पद को अंग्रेजो के राज के समय बनाया गया था, इस पद पर ब्रिटिश के योग्य अधिकारी को दिया जाता था और उनका कार्य पूरे भारत में ब्रिटिश राज्य को बरक़रार रखना था

इस पद को ग्रहण करने वाले व्यक्ति को पूरे भारत में राजनीतिक और प्रशासनिक कार्य को आयोजित करना था, इनके पास वह सभी अधिकार होते थे जिनके अंतर्गत वह भारत में ब्रिटिश राज्य को कायम रख सके और वह सभी निर्णय ले सके जिससे भारत में शांति और प्रशासन बना रहे

यह पद ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के समाप्ती में स्थापित हुआ जब कार्य भार बिर्टिश सरकार के हाथों में आया, इस पद की स्थापना 1858 ईसवी में की गई, इस पद हो भारत के आज़ादी के साथ ही समाप्त कर दिया गया

यानी की भारत के स्वतंत्र होने के बाद फिरसे किसी की नियुक्ति इस पद पे नही की गयी और इस पद को पूरी तरह से निष्काषित कर दिया गया

हमारे इतिहास में ब्रिटिश सरकार के राज्य के समय कौन कौन से पद थे तथा उनकी क्या भूमिका थी इससे जुडी काफी जानकारियाँ मौजूद है और कई एग्जाम की तयारी करने समय Bharat ka pratham Governor General kaun tha तथा Bharat ka antim Governor General kaun tha सवाल बहुत ज्यादा पुछा जाता है

आजके इस आर्टिकल में हम इस पद पर स्थापित लोगों के नाम और उनके कार्यकाल और सबसे ज़रूरी उन्होंने इस पद पर रहते हुए कौन से महत्वपूर्ण कार्य किये इस बारे में देखेंगे

 

Bharat ka Pratham Governor General kaun tha

 

Bharat ka pratham Governor General kaun tha

जैसा की हमने बताया इस पद का निर्माण ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के ख़त्म होते ही और ब्रिटिश शासन आते ही ब्रिटिश द्वारा स्थापित किया गया था जिसमे इस पद पर स्थापित व्यक्ति के पास पूरे देश में राजनीतिक और प्रशासनिक कार्यों को संभालने की जिम्मेदारी दी जाती थी

तथा साथ में इस पद पर स्थापित व्यक्ति के हाथों में ऐसे बहुत से अधिकार भी आते थे जिससे वह भारत में शांति तथा ब्रिटिश के राज्य को बनाए रखने के लिए कोई भी अहम नियम बना सकता था या फैसला ले सकता था

 हमारा सवाल यह था की भारत का प्रथम गवर्नर जनरल कौन था तो इसका जवाब यह है की भारत का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स थे 

जिनका कार्यकाल 20 अक्टूबर 1773  से 1 फ़रवरी 1785 तक था, जिसमे उन्होंने बहुत से ज़रूरी क़ानून बनाए और जिसके कारन भारत में बहुत तरह के परिवर्तन आए

इन्हें भारत में ब्रिटिश सरकार की नीव रखने का श्रेय दिया जाता है, इनके बनाए क़ानून तथा इनके प्रतिनिधित्व में ही कहा जाता है की ब्रिटिश सरकार भारत की जड़ो तक अपना राज्य फैला पायी

यह बंगाल के सुप्रीम कौंसिल के भी अध्यक्ष रहे, यह भारत के महाराज्यपाल भी रहे कुल मिला के हम यह कह सकते है की इनका भारत पर ब्रिटिश राज करने में बहुत बड़ा योगदान रहा है इन्होने गवर्नर जनरल होने के इलावा भी बहुत से एहम पद प्राप्त किये और अपने कार्यकाल में ब्रिटिशर्स की जड़ो को भारत में मजबूत बनाते रहे

बहुत से जगह पर भारत के पहले गवर्नर जनरल के रूप में बिलियम बैंटिक को माना जाता है, इनका शासन काल 1828 से 1825 तक था, पर विकिपीडिया या किसी भी चार्ट में इनका नाम नही है हर जगह बस वारेन हेस्टिंग्स का ही नाम है पर हम आपको इन दोनों के बारे में ही जानकारी देंगे

इनके नियम तथा निर्णय इस बात पर बिलकुल भी निर्भर नही  करते थे की इससे भारतीय का फायदा हो या न हो, कभी भी भारत पर राज करने वाले किसी भी तरह के लोगों को भारतीय के जीवन को सुधारने तथा उसमे और अच्छे बदलाव लाने की चिंता नही थी

उनको बस अपने फायदे तथा और भारतीयों के बुद्धि और बल को कैसे इस्तेमाल कर सके इसकी चिंता रहती थी, जिसके कारन बहुत से विरोध भी हुए और अंत में भारतीयों ने अपने हक़ के लिए लड़ाई की और भारत को आज़ाद बना लिया

नोट : यदि किसी सवाल में वारेन हेस्टिंग्स और बिलियम बैंटिक दोनों का ही नाम हो तो सही जवाब वारेन हेस्टिंग्स होगा और यदि किसी स्थान पर सिर्फ इन दोनों में से किसी एक ही नाम हो तो उसका जवाब वही होगा, सबसे पहले जनरल बनने वाले वारेन हेस्टिंग्स ही थे इसके बाद बिलियम बैंटिक जनरल बने

 

वारेन हेस्टिंग्स के कार्य 

वारेन हेस्टिंग्स

इनके कुछ कार्य ने भारत को सुधारा और बहुत से ऐसे कानून और योजनाए बनाई जिसका उपयोग आजके समय में भी किया जाता है

 

वारेन हेस्टिंग्स के द्वारा किए गए अच्छे कार्य 

1) प्रशासनिक सुधार

इन्होंगे अलग अलग तरीके से भारत की प्रशासनिक प्रणाली में सुधार करने का प्रयास किया, उन्होंने भारत के अलग अलग जगह पर न्यायपालिका की स्थापना की और भारत में प्रशासनिक प्रणाली को व्यवस्थित किया

इन्होने स्थानीय प्रशासन में भी सुधार किया, इन्होने समुदायों को भी सहायता दी थी

2) सामाजिक सुधार

इन्होंगे महिलाओं और बच्चों से जुड़े बहुत से कानूनों  का विरोध किया नही तो बच्चो और महिलाओं की हालत और ज्यादा ख़राब होती, इन्होने बाल विवाह को रोकने के लिए कई क़ानून बनाए और तो और महिलाओं के ऊपर अत्याचार को रोकने के लिए कई प्रयास किए

3) शिक्षा और आर्थिक व्यवस्था में सुधार 

इन्होने बहुत से संस्थानों की स्थापना की जिससे भारत में शिक्षा को प्रोत्साहन दिया और इन्होने बहुत से ऐसे सुधार किये जिसके कारन आजके शिक्षा प्रणाली में भी हम उसका इस्तेमाल करते है

इन्होने व्यापार को बढाया और बहुत से ऐसे प्रस्ताव दी जिससे समाज की आर्थिक व्यवस्था में सुधार आया

4) साम्राज्य की रक्षा और सुरक्षा के साथ साथ भारत की राजनीति में भी परिवर्तन किया 

इन्होने सेना को भारत की सीमा पर तैनाथ किया और अपने साम्राज्य की सुरक्षा के लिए बहुत से ऐसे नियम बनाए जिससे भारत और देशों के हमले से सुरक्षित हो पाया, इन्होने भारत में राजनीतिक सुधार भी किया इन्होने भारत में चल रही समस्याओं को समझ कर कुछ ऐसे सिस्टम बनाए जिससे राजनीतिक को एक नया मोड़ मिला

5) विज्ञान को प्रोत्साहन 

इन्होने विज्ञान और रिसर्च को प्रोत्साहित किया जिससे विज्ञान तथा रिसर्च में रुचि रखने वाले लोग इसके बारे में पढ़ पाए और नई नई खोजे कर पाए

 

वारेन हेस्टिंग्स से जुडी मुख्य घटनाएं 

  • इन्होने ही 1773 रेगुलेटिंग एक्ट लागू किया था
  • इनके समय में ही दूसरा मैसूर युद्ध 1780 – 84 में लड़ा गया था
  • 1774 में रोहिला युद्ध
  • 1784 में पिट्स इंडिया एक्ट

 

गवर्नर ऑफ़ बंगाल | बंगाल का गवर्नर जनरल 

सबसे पहले बंगाल के गवर्नर के रूप में ही इस गवर्नर जनरल की पोस्ट को शुरू किया गया था, जिसे बाद में पूरे भारत के लिए लागू कर दिया गया

यानी की Warren Hastings ही सबसे पहले गवर्नर जनरल बने थे और जब यह गवर्नर जनरल बने थे तब इस पद को बंगाल के गवर्नर के नाम से जाना जाता था

पर इनके किये गए कार्यों का प्रभाव तथा इनके पास पूरे भारत के अधिकार थे, इसलिए इन्हें ही प्रथम भारत का गवर्नर जनरल भी कहा जाता है

 

गवर्नर जनरल ऑफ़ इंडिया | भारत का गवर्नर जनरल 

1833 में गवर्नर जनरल ऑफ़ बंगाल के बाद को बदल कर गवर्नर जनरल ऑफ़ इंडिया रख दिया गया, और इस पद पर सबसे पहले नियुक्ति विलियम बैंटिक William Bentinck की हुई थी

जिसके कारन इनको बहुत से किताबों में भारत का प्रथम गवर्नर जनरल कहा जाता है, 1600 में व्यापार के लिए ब्रिटिश कंपनियां आई और जिन्होंने आगे चलके हमारे देश पर शासन किया

यह सब रानी एलिज़ाबेथ के कारन हुआ, इसके बाद ही गवर्नर जनरल ऑफ़ बंगाल के पद को हटा के गवर्नर जनरल ऑफ़ इंडिया कर दिया गया

गवर्नर जनरल ऑफ़ इंडिया के रूप में पहला गवर्नर जनरल विलियम बैंटिक (William Bentinck) को बनाया गया, इसलिए बहुत से जगह पर आपको इनका नाम प्रथम गवर्नर के रूप में देखने को मिल जायेगा  Bharat ka pratham Governor General kaun tha इस बारे में आपको पता लग गया होगा

 

विलियम बैंटिक के बारे में जानकारी 

विलियम बैंटिक

इनका शासन काल 1828 से 1835 तक चला, और ब्रिटिश ने अपने अधिकारों को सिर्फ बंगाल से हटा कर पूरे देश पर लागू कर दिया, यह सब एक चार्चर एक्ट 1833 की वजह से मुमकिन हो पाया

इसके चलते कानूनी रूप से गवर्नर जनरल के रूप में पूरे देश को चलाने का कार्य किया गया, इसलिए इस पद की बहुत महत्ता थी और इस पर बैठने वाले लोगों ने बहुत से ऐसे बदलाव किये है जो आज तक हमारे इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है

  • इन्होने मानव बलि पर भी रोक लगाने का पूरा प्रयास किया
  • इन्होने भारत में बहुत से सामाजिक सुधार किये, जिससे भारतीयों के जीवन पर भी प्रभाव पड़ा
  • इन्होंने भ्रूण हत्या के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाई और महिलाओं के ऊपर सति प्रथा के रूप में हो रहे अत्याचार को खत्म किया
  • इन्होने शिक्षा की तरफ भी अपना कदम बढ़ाया और शिक्षा को प्रोत्साहित किया, विश्वविद्यालय और बहुत से जगह जहाँ शिक्षा का होना नामुमकिन था वहां पर शिक्षा प्रदान की
  • इनका मेडिकल की फील्ड में बहुत रुचि थी इन्होने भारत में भी इसके विकास पर जोर दिया और बहुत से मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया

 

विलियम बैंटिक के द्वारा किये गए अच्छे कार्य 

  • इन्होने ठगी प्रथा को 1830 में बंद कर दिया
  • 1835 में इन्होंने अंग्रेजी की शिक्षा पर जोर दिया जोकि एक तरह से भारत में संस्कृत भाषा को ख़त्म करने का कदम था, जोकि भारतीयों के लिए एक नुक्सान की बात थी
  • 1835 में भारत में कोलकाता में इन्होने पहले मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया इन्होने और भी बहुत से कॉलेज स्थापित किया इसके साथ इन्होने हर तरह की शिक्षा को भी प्रोत्साहित किया
  • इन्होने 1829 में सति प्रथा पर रोक लगायी और आगे चलके ऐसा करने वाले को दण्डित करने का निर्णय लिया

 

भारत के अंतिम गवर्नर जनरल कौन थे 

स्वतंत्र भारत में इस पद को हटा दिया गया और इस पद को हटाने से पहले भारत का अंतिम गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी थे

इनका कार्यकाल 1947 से 1950 तक था और भारत में संविधान की स्थापना होते ही इस पद को निष्काषित कर दिया गया

भारत के स्वतंत्र होने के बाद भी एक बार इस पद पर नियुक्ति हुई थी जोकि सी. राजगोपालाचारी थे इनको भारत की स्वतंत्रता से जुड़े सभी ज़रूरी दस्ताबेज सौपे हुए

इन्होने महात्मा गाँधी के साथ मिलके भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई की थी, इन्होने भी महात्मा गाँधी जैसे अहिंसा को अपनाया था और शांतिपूर्ण तरीके से आन्दोलन किया था

इन्हें भारत के स्वतंत्रता के बाद पहला और आख़री गवर्नर जनरल बनाया गया,इन्होने इस पद को संभालते हुए भारत को संविधान बनने से पहले सँभालने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए

जब संविधान की स्थापना हुई तब इस पद को हटा दिया गया और इस पद की जगह राष्ट्रपति के पद को स्थापित किया गया और यह पहले राष्ट्रपति बने

 

FAQs : Bharat ka pratham Governor General kaun tha

सवाल : बंगाल के गवर्नर जनरल कौन थे ?

वारेन हेस्टिंग्स को बंगाल का गवर्नर जनरल कहा जाता है पर इनका अधिकार पूरे भारत पर था और इनके लिए गए फैसले पूरे भारत पर लागू होते थे, और यह भारत देश में बनने वाले पहले गवर्नर जनरल थे

सवाल : गवर्नर जनरल ऑफ़ इंडिया की उपाधि सबसे पहले किसे दी गई थी ?

सबसे पहले यह उपाधि वारेन हेस्टिंग्स और विलियम बैंटिक को दी गयी थी

सवाल : सी. राजगोपालाचारी कौन थे ?

यह भारत के पहले राष्टपति और आख़री गवर्नर जनरल थे, और यह ही स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल भी थे, भारत के स्वतंत्र होने के बाद सिर्फ एक बार इस पद पर नियुक्ति की गयी थी तो इस तरह यह स्वतंत्र भारत के पहले और आखरी गवर्नर जनरल बने

सवाल : सी. राजगोपालाचारी का जन्म कब हुआ था और इनकी मृत्यु कब हुई थी ?

  • जन्म – 10 दिसंबर 1878
  • मृत्यु – 25 दिसंबर 1972

सवाल : गवर्नर जनरल कौन होता है ?

यह एक राज्यपाल के रूप में काम करता है इसका कार्य राज्य में राजनीतिक और प्रशासनिक कार्यों को सँभालने की जिम्मेदारी दी जाती है इस पद पर बैठे व्यक्ति को बहुत से अधिकार भी दिए जाते है

 

Conclusion 

आज हमने गवर्नर जनरल के बारे में चर्चा की भारत के इतिहास में पहले भारत के गवर्नर जनरल के रूप में दो नाम सामने आते है और दोनों ही सही है

वारेन हेस्टिंग्स, विलियम बैंटिक यह दोनों ही भारत का पहले गवर्नर जनरल के रूप में जाने जाते है, पहले इस पद को बंगाल का  गवर्नर जनरल के रूप में जाना जाता है जिसे बाद में बदल कर भारत का गवर्नर जनरल रख दिया गया

ब्रिटिश राज में इस पद पर बैठे व्यक्ति की जिम्मेदारी होती थी की वह भारत में ब्रिटिश के राज को कायम रखे और  वह सब ज़रूरी फैसले लिए  जिससे उनका फायदा हो

हमें आशा है की Bharat ka pratham Governor General kaun tha इसके बारे में आपको सभी ज़रूरी जानकारी मिल गयी होगी

हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !