Mitti Kitne Prakar Ki Hoti Hai | मिटटी के कितना प्रकार होती है

Mitti Kitne Prakar Ki Hoti Hai : मिट्टी भी बहुत से प्रकार की होती है, USDA यानी कृषि के संयुक्त राज्य अमेरिका विभाग द्वारा मिट्टी को उनकी अलग अलग विशेषता के हिसाब से विभाजित किया गया है

इसमें सबसे ज्यादा आम रूप से मिलने वाली मिट्टी से लेकर सबसे ज्यादा मुश्किल से मिलने वाली मिट्टी भी शामिल है, विश्व में जितने प्रकार की मिट्टी पायी जाती है वह भारत में पाई जाने वाली मिट्टी से ज्यादा है

मिट्टी के जिन गुणों को हम उनकी मात्रा से नाप सकते है वही गुण ही मिट्टी को उनके अलग अलग प्रकार में विभाजित करते है, मिट्टी में नमी, कितनी है, उसका तापमान कितना रहता है, उसमे किस तरह से पदार्थ उपस्थित है

वह किन चीज़ों से मिलके बनी है, उसमे कितनी काबोनिक पदार्थ मौजूद है और कितना नमक मौजूद है आदि वह गुण है जिनके आधार पर मिट्टी  के अलग अलग प्रकार में बांटा गया है

आज हम विश्व में पाई जाने वाली सभी प्रकार की मिट्टी तथा भारत में पाई जाने वाली सभी प्रकार की मिट्टी तथा उनके गुण के ऊपर चर्चा करेंगे

 

mitti ke prakar

 

Mitti Kitne Prakar Ki Hoti Hai | मिट्टी के प्रकार 

विश्व में वैसे तो बहुत से प्रकार की मिट्टी पायी जाती है पर मुख्य रूप से यह 12 तरह की होती है, जिनके आपको अलग अलग नाम देखने को मिल सकते है

और हो सकता है की कही पे यह भी लिखा हो की विश्व में 10 या 9 ही प्रकार की मिट्टी पायी जाती है क्योंकि मिट्टी को जिस आधार पर बांटा गया है उससे निर्धारित होता है की उसके कितने प्रकार संभव है

हमने बहुत से जगह पर रिसर्च करने के बाद इन 12 प्रकारों के बारे में जानकारी एकत्र की है जो हम आज आपसे साँझा करना चाहते है

 

विश्व में कितने प्रकार की मिट्टी पायी जाती है | Types Of Soil In World

Mitti Kitne Prakar Ki Hoti Hai अगर आपका तात्पर्य विश्व में मिलने वाली मिटटी से है तो यह 12 प्रकार की होती है जिसके बारे में हमने नीचे बताया है

 

1) माटिया मिटटी (लोम)

इस मिटटी को लोम नाम से भी जाना जाता है, यह आम रूप से पाई जाने वाली मिटटी है, इस मिटटी का प्रयोग पौधों और वनस्पतियों को अच्छा पोषण देने के लिए उपयोग किया जाता है

इसमें बहुत सी ऐसी विशेषता है जिससे यह हमारे पौधों और वनस्पतियों के लिए बहुत उपयोगी है

माटिया मिटटी (लोम) की विशेषता 

  • इस मिटटी में अच्छी द्रवीकरण क्षमता होती है जिससे यह सही रूप से पानी को संचालित कर पाती है और यह पौधों को ज़रुरत के हिसाब से नमी देने में सक्षम हो पाती है
  • इस मिटटी का टेक्सचर मुख्य रूप से बालूवी, लोमी और रेती होता है, जिससे यह पौधों को और बेहतर तरीके से पोषित कर पाती है
  • यह खेतों में डालने के भी काम आती है या हम ऐसा भी कह सकते है की इस मिटटी में खेती बहुत अच्छी होती है क्योंकि इसमें पोषण देने की और फसलों को सुखाने की अच्छी क्षमता होती है
  • इसका ph स्टार सामान्य होता है
  • यह पौधों को बहुत से ज़रूरी पोषण तत्व प्रदान करने में उपयोगी है

 

मटिया मिटटी कौन से देशों में पाई जाती है 

यह मुख्य रूप से विश्व के इन भागो में पाई जाती है पर यह बहुत आम मिटटी है जिसकी विश्व में लगभग हर देश में मिलने की संभावना है

  • भारत
  • अमेरिका
  • कनाडा
  • अफ्रीका
  • एशिया
  • यूरोप
  • ऑस्ट्रेलिया

 

2) लाल मिटटी (क्ले) 

लाल मिटटी को क्ले नाम से भी जाना जाता है, नाम से ही पता चल रहा है की यह लाल रंग की मिटटी होती है जोकि विश्व में बहुत जगह पायी जाती है यह एक आम प्रकार की मिटटी है

इसमें खासियत यह है की यह पानी को तेजी से सोख सकती है, और इनमे भी पौधों को पोषित करने के लिए बहुत से ज़रूरी पदार्थ पाए जाते है

यह मिटटी चट्टानों के पिघलने और पत्थरों के पिघलने पर बनती है, इस मिटटी को बनने में समय लगता है, यह मिटटी गीली होती है और इसका स्वभाव चिकना होता है

लाल मिटटी की विशेषता 

  • यह मिटटी पानी को बहुत तेजी से अवशोषित कर सकती है पर यह पानी को सुखा नही पाती इसलिए यह गीली गीली होती है
  • यह पौधों को पोषित करने में सक्षम है क्योंकि इसमें बहुत से ज़रूरी तत्व पाए जाते है, अजिसे की कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम आदि
  • इनका उपयोग बागों, खेतों तथा पौधों के लिए होता है
  • इसका ph स्तर अधिक होता है जिसके कारन इसका स्वभाव अम्लीय होता है, और इसे सामान्य बनाने के लिए कैल्शियम को इसमें मिलाया जाता है

 

3) बालू मिटटी (सैंडी सॉइल)

इसके नाम से ही पता चल रहा की यह ऐसी मिटटी है जिसमे रेत की मात्रा अधिक होती है, बालू रेत का ही अन्य नाम है, यह मिटटी बहुत ही खुरदुरी और सूक्ष्म होती है, रेत की मात्रा अधिक होने की वजह से यह हमारे लिए थोड़ी कम उपयोगी होती है

यह भी मिट्टी के प्रकार में से ही एक मुख्य प्रकार है

इसकी अच्छी ड्रेनेज क्षमता होती है, यह मिटटी सूखी भी होती है, इसम मिटटी की भी कुछ विशेषताएँ है

बालू मिटटी की विशेषता 

  • इसकी ड्रेनेज क्षमता अच्छी होने के कारन यह पौधों पर पकड़ बनाए रखता है
  • इसमें पानी की भी कमी होती है, और इसमें पोषण तत्वों की भी कमी होती है, जिसके कारन यह कम उपयोगी होती है
  • इसमें वायु प्रवाह अच्छे से होता है
  • इसका उपयोग मुख्य रूप से जल संचालन क्षेत्रों में किया जाता है

 

4) लालबालू मिटटी (लोमी सैंड)

यह मिटटी लाल रंग की होती है और यह मटिया मिटटी और बालू से मिलके बनती है, इसमें बालू मिटटी की भी खासियत है और मटिया मिटटी की भी खासियत है यह मिटटी सूखी होती है और इसका स्वभाव खुरदुरा होता है

इसमें ड्रेनेज क्षमता भी अच्छी होती है और साथ में यह पोषण तत्वों से युक्त भी होती है

लाल बालू मिटटी की विशेषता 

  • इसमें पानी के प्रवाह अच्छे से हो पाता है अर्थात इसमें पानी के संचालन की क्रिया अच्छे से होती है जिससे पौधों को उनकी आवशयकता के अनुसार नमी मिल जाती है
  • इसमें से हवा आसानी से प्रवाह कर सकती है
  • इसमें बहुत से पोषण तत्व मौजूद होते है

 

5) घास मिटटी (पीट मॉस)

यह मिटटी एक खास प्रकार की मिटटी होती है जोकि आम रूप से नही पाई जाती है, और यह मिटटी पौधों के विकास के लिए बहुत ज़रूरी है क्योंकि इसमें बहुत से ऐसे गुण है जो की इस मिटटी की खासियत का कारन है

इस मिटटी का उपयोग मुख्य रूप से पौधों के पालन पोषण हेतु किया जाता है

घास मिटटी की विशेषता 

  • इसकी संरचना ऐसी है की इसमें बहुत से पोषण तत्व मौजूद है, और इसमें अधिक फाइबर मौजूद है
  • इसका ड्रेनेज सिस्टम भी अच्छा है
  • यह पौधों के पालन पोषण हेतु आदर्श माना जाता है
  • इसने से हवा अच्छे से प्रवाह करती है
  • इसका ph स्तर 5.5 से 7.0  के बीच में होता है और यह ph पौधों के लिए अच्छा माना जाता है

 

6) रेगुर मिटटी (ब्लैक सॉइल)

यह एक बहुत ही खास प्रकार की मिटटी है जोकि खेती के लिए मुख्य रूप से इस्तेमाल की जाती है, इसमें ऐसे गुण है जिसके कारन यह खेती के लिए एक खास मिटटी के रूप में जानी जाती है

इसका रंग काला है जोकि इसके नाम से ही पता चल रहा है, इसमें अधिक मात्रा में स्मृति माटर होता है, और यह बालुई मिटटी है

रेगुर मिटटी की विशेषता 

  • यह खेतों के लिए अमृत मिटटी मानी जाती है
  • इसमें फुरोवी खुर्दरता होती है
  • इसका जल संचालन अच्छा है
  • इसमें तत्वों की मात्र अधिक है

 

7) वॉकेन मिटटी (वॉकेन सॉइल)

इस मिटटी का उपयोग भी खेती के लिए किया जाता है क्योंकि इसमें आर्गेनिक तत्व उपलब्ध होता है, और इसमें बहुत सी विशेषताएं होती है

वॉकेन मिटटी की विशेषताएँ

  • इस मिटटी का संगठन अच्छा होता है
  • इस मिटटी में अच्छी खुर्दरता होती है
  • इसमें जल संचालन अच्छा है
  • यह मिटटी कुछ मुख्य फसलों के लिए बहुत उपयोगी होती है
  • इसमें अच्छे से पोषण तत्व पौधों को मिल सकते है

 

8) क्रिप्टोजैम मिटटी (बोग मूड)

ये मिटटी भी एक पविशेष प्रकार की मिटटी है जोकि मुख्य रूप से जल संचालन के लिए इस्तेमाल होती है और यह भी अपने मुख्य रूप से खेती और वनस्पतियों के उत्पादन के लिए इस्तेमाल होता है

क्रिप्टोजैम मिटटी की विशेषता 

  • इसमें पोषण तत्वों की अच्छी मात्रा होती है, और यह वनस्पतियों के विकास के लिए उपयोगी है
  • यह पानी को स्टोर कर सकते है जिसके कारन यह सूखे के हालत में भी उपयोगी है
  • इनका उपयोग बहुत से सब्जियों के उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जाता है
  • इसमें अच्छे वाले आर्गेनिक तत्व उत्पन्न होते है

 

9) मैर्ल मिटटी

इसका नाम इसके अंग्रेजी नाम से बना है, जिसे marl soil कहा जाता है, क्योंकि इसमें कैल्शियम कार्बोनेट की मात्रा बहुत ज्यादा पायी जाती है, इसका इस्तेमाल खेती के लिए किया जाता है और यह बहुत तरह के पोषण तत्वों से भरपूर होती है

यह भी मिट्टी के प्रकार में से ही एक मुख्य प्रकार है

मैर्ल मिटटी की विशेषता 

  • इसमें कैल्शियम कार्बोनेट की मात्र अधिक होती है
  • इसमें अच्छी फुवेरी खुर्दरता होती है
  • यह बहुत ही उपजाऊ होती है
  • इसमें ड्रेनेज अच्छे से होता है
  • इसमें सम्पूर्ण पोषण होता है जितना पोषण पौधों के लिए आवश्यक होता है

 

10) मैन्ज़ मिटटी (सिल्ट) 

यह मिटटी बालू मिटटी और रेगुर मिटटी के बीच में आती है मतलब न ये बालू मिटटी है और न ही यह रेगुर मिटटी है यह ऐसी मिटटी है जिसमें इन दोनों मिटटी की खासियत है

मैन्ज़ मिटटी की विशेषताएं 

  • यह मिटटी भारी होती है
  • इसमें बालू के साथ साथ गिल्टी मिटटी की भी मात्रा अधिक होती है
  • यह मिटटी उपजाऊ भी होती है
  • इसमें माध्यमिक फुरोवी खुर्दरता होती है
  • इसमें जल सही से संचालित होता है
  • इसमें आर्गेनिक तत्वों की मात्रा भी अधिक होती है

 

11) पूरी मिटटी (पीट्सिल)

यह मिटटी भी दो प्रकार की मिटटी से मिलके बनती है, जिसमे गिल्टी मिटटी और बालू मिटटी शामिल है इस मिटटी में भी दोनों प्रकार के मिटटी की खूबियाँ है, यह पौधों को अच्छा पोषण प्रदान कर सकती है

इसमें पौधों को नमी प्रदान करने की क्षमता है

पूरी मिटटी की विशेषता 

  • इसमें माध्यम मात्रा में फुरोवी खुर्दरता होती है, अर्थात इसमें से पानी आसानी से गुजर सकता है और यह पौधों की जड़ों तक पहुच सकता है
  • इसमें उचित मात्रा में आर्गेनिक तत्व होता है
  • यह उपजाऊ होती है
  • यह अच्छा पोषण प्रदान करती है
  • यह पौधों को सही मात्रा में पानी अथवा नमी देने में समर्थ है

 

12 ) पीट जल मिटटी (मैर्ल-जल निकट दलदल)

इस मिटटी को पौधों के लिए अच्छा नही माना जाता है, यह पानी में बहुत गलती है और यह प्रदूषण के समय ज़्यादातर मिलती है

पीट जल मिटटी के गुण 

  • यह पौधों के लिए हानिकारक है
  • इनसे पौधों को उपयोगी पोषण नही मिलता है
  • यह उपजाऊ भी नही होती है
  • यह पनी में घुलनशील है

 

भारत में कितने प्रकार की मिटटी पाई जाती है 

भारत में कुल 8 प्रकार की मिटटी पाई जाती है, जिनके बारे में हमने नीचे विस्तार में बताया है, Mitti Kitne Prakar Ki Hoti Hai अगर आपका तात्पर्य भारत में मिलने वाली मिटटी से है तो यह 8 प्रकार की होती है जिसके बारे में हमने नीचे बताया है

1) ब्लैक साइल 

इसके बारे में हमने ऊपर बताया है, इसमें बहुत से पोषण तत्व होते है और इसका इस्तेमाल खेती के लिए मुख्य रूप से किया जाता है

2) लाल मिटटी 

इसमें कई तत्वों की कमी होती है और इसका इस्तेमाल खेती के लिए नही किया जाता है

3) जैव मिटटी तथा पीटमय मिटटी 

इस मिटटी में जौविक सामग्री ज्यादा होती है और यह बहुत उपजाऊ होती है, इसमें बहुत से ज़रूरी कीटाणु और कार्बनिक सामग्री होती है

यह नमी को बरकार रखती है जिससे पौधों को उचित पोषण मिल पाता है

4) लोमिट मिटटी 

इसे माटी भी कहते है, यह आम रूप से मिलने वाली मिटटी है, यह आम रूप से खेतों में मिलने वाली मिटटी है

5) लाटराइट मिटटी 

इस मिटटी में ज्यादा माटी मिटटी होती है और यह काले रंग की होती है जो की पूर्ण रूप से काली तो नही होती पर गाढ़ी होने के कारन दूर से काली लगती है

इसका उपयोग बहुत से कारोबारों में अलग अलग कार्यों के लिए किया जाता है

6) वन मिटटी 

यह मिटटी जंगल में मौजूद पेड़ों तथा वनस्पतियों से बनी होती है और मुख्य रूप से जंगलों में पाई जाती है

इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा नही किया जाता है

7) बालू मिटटी 

इसके बारे में भी हमने ऊपर बताया है, इसमें बालू बहुत ज्यादा होता है और यह सूखी होती है, इसका अधिक इस्तेमाल उपयुक्त नही है

8) लवण मिटटी 

इस मिटटी में जल में अधिक लवण होता है और यह सूखे इलाके में पाई जाती है और इसका इस्तेमाल अलग तरीके से किया जाता है

इसमें बहुत से पदार्थों की कमी होती है

 

FAQs : Mitti Kitne Prakar Ki Hoti Hai

Q1 : मृदा किसे कहते है ?

मृदा मिटटी का ही दूसरा नाम है

Q2 : मिटटी किससे बनती है ?

यह प्राकृतिक प्रक्रिया से बनती है और यह पृथ्वी की त्वचा जैसी होती है क्योंकि यह सबसे उपरी सतह पर पाई जाती है

Q3 : मिटटी का इस्तेमाल किस लिए होता है ?

मिटटी का इस्तेमाल खेती के लिए, पेड़ पौधों तथा वनस्पतियों के विकास के लिए और सृजन के लिए होता है

Q4 : भारत में कितने प्रकार की मिटटी पाई जाती है ?

भारत में मुख्य रूप से 8 प्रकार की मिटटी पाई जाती है

 

Conclusion 

मिट्टी भी अच्छे प्रकार की तथा बुरे प्रकार की होती है, मुख्य रूप से मिट्टी को उसके उपजाऊ पन और उसमे मिलने वाले खनिज पदार्थों के आधार पर विभाजित किया जाता है और मिट्टी भी बहुत से रंगों में मिलती है और बहुत सी मिट्टी के नाम तो उनके रंग के आधार पर ही रख दिया जाता है

आजके इस आर्टिकल में हमने विश्व में मिटटी के प्रकार तथा भारत में मिटटी के प्रकार देखे, हमें आशा है की आजका आर्टिकल Mitti Kitne Prakar Ki Hoti Hai से आपको बहुत सी ज़रूरी जानकारी मिली होगी 

हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया