भारत में सबसे पहले सूर्यास्त कहां होता है : कहते हैं कि अच्छे दिन की शुरुआत करने के लिए सूर्योदय जरूर देखना चाहिए। और हमें सभी को सूर्य उदय देखना पसंद है
सुबह उठकर सूर्योदय के समय सैर करने से स्वास्थ्य में अच्छा असर पड़ता है। इस वजह से हम काफी सारी बीमारियों से दूर रह सकते हैं
क्या आप जानते हैं पृथ्वी पर जीवन के लिए सूर्य बहुत ही जरूरी है। आज के इस लेख में हम बताने वाले हैं सूरज के बारे में। आपके भी, मन में काफी सवाल होंगे
जैसे कि सूर्योदय सबसे पहले कहा होता है? भारत में सबसे पहले सूर्यास्त कहां होता है ? सूरज की खोज कब हुई? भारत में सूर्यास्त का सबसे सुंदर दृश्य किस क्षेत्र में देख सकते है? ऐसे और भी कई सवालों का जवाब अगर चाहिए तो यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
भारत में सबसे पहले सूर्यास्त कहां होता है
देखा जाए तो शहरों में बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों के कारण सूर्योदय या सूर्यास्त अच्छे से नहीं दिख पाता या यूं कहें सूर्यदेव या सूर्यस्त की तरफ किसी का ज्यादा ध्यान नहीं जाता
लेकिन यही नजारा गांव में काफी मनमोहक और सुंदर नजर आता है। इस बारे में बात करें तो बहुत ही कम लोगों को पता होगा भारत में सबसे पहले सूर्यास्त कहां होता है या सबसे पहले सूर्योदय कहां होता है
दरअसल भारत में सबसे पहले सूर्यास्त कहां होता है यह सोचे तो सबसे पहले सूर्यास्त गुजरात में होता है, और सबसे पहले सूर्योदय अरुणाचल प्रदेश में होता है।
दरअसल अरुणाचल प्रदेश, अंजॉ, भारत के सबसे पूर्व बिंदु पर आता है। इसलिए भारत का सबसे पहला सूर्य उदय यहां होता है
गुजरात का गुहार मोती भारत के सबसे पश्चिम बिंदु पर स्थित है। इसी कारण भारत में सूर्यास्त देखने का यह आखिरी स्थान है
हमारी पृथ्वी लगातार पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती रहती है। इसी कारण सूर्य उदय सबसे पहले पूर्व में होता है और सूर्यास्त सबसे पहले पश्चिम में दिखाई देता हैं
इसीलिए यह स्पष्ट है भारत में पूर्व की ओर सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले के छोटे से शहर डोंग में देखने मिलता है।
इसी कारण डोंग को भारत की, उगते सूरज की भूमि भी कहा जाता है। सर्दियों के मौसम में, यहां लगभग ५.४५ बजे सूरज उगता है और शाम ४.३० बजे अस्त होता है
इसी प्रकार गुजरात के गुहार मोती, भारत मे पश्चिम की ओर स्थित है। यह भारत के अन्य राज्य की तुलना में सूर्योदय का सबसे अंतिम स्थान है। सर्दियों के दौरान यहां सूरज शुभ हो लगभग ७: २० पे उगता है
भारत के सूर्यास्त के दृश्य बिंदु कहा है (sunset point)
आकाश के कैनवास पर सूर्य जो दृश्य रचता है वह सचमुच अद्भुत और बहुत ही सुंदर होता है। और भारत के इसी सूर्यास्त ने दुनिया भर के कई यात्रियों को आकर्षित किया है। सूर्यास्त के शानदार दृश्य को देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में भारत में आते हैं
भारत में सबसे सुंदर सूर्यास्त दृश्य का आनंद लेने के लिए कई पर्यटक, साफ आसमान में या नीले समंदर में डूबते सूरज के मनमोहक दृश्य को कैद करने के लिए भारत में आना पसंद करते हैं। अब जानते है कुछ ऐसे ही खूबसूरत जगह के बारे मे
१. कन्याकुमारी, तमिलनाडु
कन्याकुमारी, तमिलनाडु (sunset point kanyakumari, tamilnadu) यह भारत का दक्षिणी छोर है। यह बंगाल की खाड़ी अरब सागर और हिंदी महासागर के अद्वितीय संयोजन का गवाह है
यह जल तीनों देशों से भारत के सिरे पर इस बिंदु पर आकर मिलते हैं इसलिए यहां सूर्यास्त का दृश्य बहुत अद्भुत होता है। वास्तव में यह एक दुर्लभ दृश्य यहां आकाश आपको एक रहस्यमई अनुभव देता
तमिलनाडु में जिस समय पूर्णिमा होती है यह सनसेट व्यू प्वाइंट कन्याकुमारी की यात्रा करने के लिए पार्टकको के लिए वर्षा का सबसे अच्छा समय माना जाता है
२. जम्मू कश्मीर, डल झील
जम्मू कश्मीर, श्रीनगर की डल झील, इसे श्रीनगर का गहना भी कहा जाता है। दरअसल डल झील करिश्माई स्थान स्वर्गीय हिमालय पर्वतों से घिरा हुआ है
इसलिए कहते हैं कि डल झील में डूबते सूरज के नजारे को देखने से बेहतर कुछ नहीं है
यहां सूर्यास्त देखने के लिए हाउसबोट भी उपलब्ध है इसमें सवारी करके आप ढलते सूरज को अपना रंग बदलते हुए देख सकते हो
श्रीनगर में ज्यादातर मई से नवंबर तक सुखद जलवायु और साफ आसमान होता है इसलिए ज्यादातर यात्री इस वक्त यहां सूर्यास्त देखने आते है
३. टाइगर हिल्स
दार्जिलिंग हमेशा से ही भारत में मनमोहक दृश्य के लिए जाना जाता है। दार्जिलिंग, टाइगर हिल्स में सूर्यास्त के शानदार नजारे कैद करने के लिए काफी यात्री यहां आना पसंद करते हैं
आमतौर पर पर्यटक दार्जिलिंग में टाइगर हिल्स की चोटी से सूर्योदय देखकर अपने दौरे की शुरुआत करते हैं
यह पर्वत डूबते सूरज के प्रतिबिंब के रूप में अपने रंग बदलते है। यहां मार्च से मई या अक्टूबर से नवंबर के बीच पर्यटक आते है
४.ताज महल,
ताज महल दुनियां के सात अजूबों में से एक है। यहां पर्यटक अक्सर सूर्यास्त देखने आते है। जब सूर्यास्त होता है तब ताज महल के रंग और चमक बोहत खास होती है
५. गुजरात, कच्छ का रण
कच्छ के सफेद रेगिस्तान को, सफेद नमक का रेगिस्तान भी कहा जाता हैं। यहां सूर्यास्त का दृश्य मंत्रमुक्त कर देने वाला होता है
सूर्यास्त का दृश्य सदैव रहस्यमई सुंदर और आकर्षक होता है। जब भी आसमान साफ हो तो इनमें से किसी भी स्थान की यात्रा की योजना बनाना उचित है
सूर्य की खोज कब हुई थी
सूर्य 4.5 अरब वर्ष पुराना पीला तारा। यह तारा हमारे सौर मंडल के केंद्र में हाइड्रोजन और हीलियम का एक क्रम चमकता गोला है। यह पृथ्वी से लगभग ९३ मिलीयन मिल ( 150 million kilometers) की दूरी पे है
सूर्य की मौजूदगी के बिना हमारे ग्रह पर जीवन मौजूद नहीं रह सकेगा। सूर्य की हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण विशेषता है। पृथ्वी पर सभी के लिए सूर्य अत्यंत आवश्यक है
दरअसल सूर्य की सूरज की खोज कब हुई यह बताना असंभव है क्योंकि पृथ्वी पर पहला जीवन इसी उर्जा के ऊपर निर्भर था। मनुष्य सूर्य के बारे में हजारों वर्षों से अच्छी तरह से परिचित हैं। लेकिन आधुनिक विज्ञान से पहले यह पता नहीं था कि यह क्या है
दरअसल हमारी जैविक घड़ियां सूर्य पर प्रोग्राम की गई है इसलिए जब सूर्य आकाश में होता है तो हमारा दिन शुरू होता है और जब सूर्य क्षितिज के नीचे होता है तो रात होती है। इसी दिनचर्या के अनुसार हम अपना जीवन जीते
पहले प्राचीन लोग सोचते थे कि सूरज एक देवता है और कई सभ्यताएं इसकी पूजा करती थी। सबसे पहले यूनानी दार्शनिक एनेक्सागोरस प्रस्तावित किया था कि सूरज किसी देवता का रथ नही बल्कि एक जलती हुई आग का गोला है। और यह गोला यूनानी द्वीप से भी बड़ा है
और अन्य खगोलशास्त्री आश्चर्यजनक सटीकता के साथ सूर्य के दूरी की गणना करने में सक्षम थे। उसके बाद आधुनिक विज्ञान के युग में लॉर्ड केल्विन ने यह प्रस्तावित किया कि सूर्य गरम तलर का गोला है जो धीरे-धीरे ठंडा हो रहा है
और बीसवीं सदी के शुरुआत तक वैज्ञानिक यह पता नहीं लगा पा रहे थे कि सूरज की ऊर्जा का स्तोत्र क्या है
उसके बाद अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने प्रस्तावित किया कि सूर्य की गर्मी रेडियोधर्मी जैसे आती है और यह अल्बर्ट आइंस्टीन थे जिन्होंने अपने प्रसिद्ध द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण – ई = एमसी² (mass – energy equation E = mc2) का उपयोग करके यह सुझाव दिया कि सूर्य द्रव्यमान को ऊर्जा में परिवर्तित कर रहा है
और अंततः संलयन के सिद्धांत अवधारणा तीस के दशक में सुब्रमण्यम चंद्रशेखर और हंस बेथे द्वारा बनाई गई वे सूर्य में वास्तविक संलयन प्रक्रियाओं की गणना करने में सक्षम रहे और पता लगाया की सूर्य हाइड्रोजन को हीलियम में पर्वरित करता है
देखा जाए तो सूर्य की वास्तविक खोज 1930 के दशक में हुई थी जब खगोल भौतिकीवीदों ने अंततः सूर्य के अंदर काम करने वाले तंत्र को समझने मे सफल रहे
सूरज का अंत कब होगा
सूर्य हमारे सौर मंडल की सबसे बड़ी वस्तु है। इसका व्यास लगभग 865,000 मील (1.4 मिलियन किलोमीटर) है
इसका गुरुत्वाकर्षण सौर मंडल को एक साथ रखता है, सबसे बड़े ग्रहों से लेकर मलबे के सबसे छोटे टुकड़ों तक को इसके चारों ओर कक्षा में रखता है
सूर्य लगभग 4.6 अरब वर्ष पहले गैस और धूल के एक विशाल, घूमते हुए बादल में बना था जिसे सौर निहारिका कहा जाता है। जैसे ही निहारिका अपने गुरुत्वाकर्षण के तहत ढह गई, यह तेजी से घूमने लगी और एक डिस्क में चपटी हो गई
हमारे सूर्य को बनाने के लिए निहारिका की अधिकांश सामग्री केंद्र की ओर खींची गई, जो हमारे सौर मंडल के द्रव्यमान का 99.8% है
बची हुई अधिकांश सामग्री से ग्रह और अन्य पिंड बने जो अब सूर्य की परिक्रमा करते हैं। (शेष बची हुई गैस और धूल युवा सूर्य की शुरुआती सौर हवा से उड़ गई।
सभी तारों की तरह, हमारे सूर्य की भी अंततः ऊर्जा ख़त्म हो जाएगी। जब यह ख़त्म होने लगेगा, तो सूर्य एक लाल विशाल तारे में फैल जाएगा, और इतना बड़ा हो जाएगा कि यह बुध और शुक्र और संभवतः पृथ्वी को भी अपनी चपेट में ले लेगा
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सूर्य अपने जीवनकाल के आधे से भी कम समय में है और अगले 5 अरब वर्षों तक जीवित रहेगा
वह कौन सा शहर है, जहाँ पांच सूर्य दिखाई पड़ते है
कही बार कुछ प्राकृतिक दृश्य इतनी अद्भुत होते हैं कि खुद की आंखों पर भी विश्वास नहीं होता। इसी तरह चीन के एक शहर में आसमान में पांच सूर्य दिखाई दिए थे
यह एक अद्भुत नजारा था। चीन के उत्तरी भाग में इनर मंगोलिया में आसमान में पांच सूरज चमकते हुए दिखाई दे रहे थे।
दरअसल यह एक विस्तृत ऑप्टिकल भ्रम (elaborate optical illusion) था। इसके लिए तापमान शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस के नीचे होना आवश्यक है
इसे नकली सूरज (Sundog) भी कहा जाता है। यह दृश्य तब दिखता है जब आकाश में बड़ी संख्या में हेक्सागोनल बर्फ की क्रिस्टल करते हैं, जो किरणों को अपवर्तित करते हैं और सूर्य के दोनों और एक आभासी छवि बनाते हैं। वास्तकिकता में ब्रम्हांड मे बस एक ही सूरज मौजूद हैं
पृथ्वी पर यहां सूर्य कभी अस्त नहीं होता
भौगोलिक धारणा के आधार पर देखा जाए तो हमारे पास दिन में 24 घंटे होते हैं यानी सूर्य सुबह उगता है और शाम को अस्त होता है। 24 घंटे को 12 घंटों में विभाजित किया जाता है
दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है इसकी गोलाकार प्रकृति के कारण इसका केवल एक ही हिस्सा एक समय में सूर्य का सामना कर सकता है
लेकिन वास्तव में कई ऐसी जगह है जहां सूर्यास्त नहीं होता, इन जगहों को कई नामों से जाना जाता है जैसे कि, आधे रात के सूरज की भूमि या सूर्यास्त ना होने वाली भूमि
१. नॉर्वे
नॉर्वे को मध्य रात्रि सूर्य की भूमि भी कहा जाता है। यह संपूर्ण देश है जहां सूर्यास्त नहीं होता क्योंकि यह आर्कटिक सर्कल में स्थित है। यहां वर्ष के लगभग ७६ दिनों की अवधि में कभी सूर्यास्त नहीं होता
२. आइसलैंड
यह स्थान अरोरा के लिए जाना जाता है जो इस तथ्य को उजागर करता है कि यहां सूर्यास्त नहीं होता दरअसल इस द्वीप पर जून महीने में शाम नहीं होती क्योंकि यह सूरज डूबता ही नहीं
३. नुनावुत, कनाडा:
यह केवल 3000 लोगों वाला शहर है और आर्कटिक सर्कल से भी दो डिग्री ऊपर स्थित है। इस स्थान पर एक वर्ष में लगभग दो महीने सूर्यास्त नहीं होता है
हालाँकि सर्दियों में इस जगह पर लगातार 30 दिनों तक अंधेरा भी रहता है। टोरंटो के बाद यह कनाडा के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है
४. किरुना, स्वीडन:
स्वीडन के सबसे उत्तरी शहर में साल में लगभग 100 दिनों तक सूर्यास्त नहीं होता है। सूर्यास्त न होने का चरण हर साल मई से अगस्त तक रहता है
और यह इस गंतव्य की यात्रा के लिए सबसे लोकप्रिय समय है। साथ ही यह स्थान साल में लगभग 100 दिन रोशन रहता है
५, बैरो, अलास्का:
1825 से 2016 तक, उटकियाविक को बैरो के नाम से जाना जाता था। यह अमेरिकी राज्य अलास्का में नॉर्थ स्लोप बरो की मुख्य सीट और सबसे बड़ा शहर है
यह स्थान मई से जुलाई तक पूरी तरह जगमगाता रहता है। हालाँकि यहा हर साल नवंबर में सूर्य बिल्कुल भी उगता नहीं है
इस महीने में यहां लगभग 30 दिनों तक सूर्य उदय नहीं होता है, इस स्थिति को पोलर नाइट भी कहा जाता है
६. सेंट पीटर्सबर्ग, रूस:
रूस यह विश्व का सबसे उत्तरी शहर है। इस स्थान का अक्षांश इतना अधिक है कि डेढ़ महीने तक सूर्य क्षितिज से इतना नीचे नहीं गुज़र पाता कि उस स्थान पर अंधेरा हो सके। इस प्रकार इस स्थान पर डेढ़ महीने तक सूर्यास्त नहीं होता है
७. फ़िनलैंड:
फ़िनलैंड के अधिकांश शहरों में गर्मियों में 73 दिनों तक सूर्य सीधा दिखाई देता है, तब सूर्य अस्त नहीं होता है और लगातार 73 दिनों तक चमकता रहता है
लेकिन सर्दियों के पूरे मौसम में यहा सूर्य नहीं उगता है। यहां इग्लू में रहने के साथ-साथ ऑरोरा या नॉर्दर्न लाइट्स के नज़ारे का भी आनंद लिया जा सकता है
FAQs : भारत में सबसे पहले सूर्यास्त कहां होता है
सवाल : भारत मे सबसे पहले सूर्य कहाँ निकलता है
अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले के छोटे से शहर डोंग में सबसे पहले सूर्य कहाँ निकलता है
सवाल : भारत के किस राज्य में सूर्यास्त सबसे पहले होता है
भारत मे पश्चिम की ओर स्थित गुहार मोती, गुजरात में सूर्यास्त सबसे पहले होता है
सवाल : भारत के किस राज्य में सूर्यास्त सबसे बाद में होता है
भारत में सूर्यास्त होने वाली आखिरी जगह गुहार मोती, गुजरात है
सवाल : भारत में सबसे पहले सूर्योदय और सबसे अंतिम सूर्यास्त किस राज्य में होता है
अरुणाचल प्रदेश में डोंग में सबसे पहले और गुजरात में गुहार मोती में सूर्य सबसे अंत में उगता है
सवाल : वह कौन सा शहर है, जहाँ पांच सूर्य दिखाई पड़ते है
चीन के उत्तरी भाग में इनर मंगोलिया में आसमान में पांच सूरज चमकते हुए दिखाई दे रहे थे।
सवाल : डूबते सूरज का देश कौन सा है
ब्रिटेन को डूबते सूरज का देश कहा जाता है
सवाल : ब्रह्मांड में कितने सूर्य हैं
ब्रह्मांड में केवल एक ही सूर्य है
सवाल : ऐसा कौन सा देश है जहां सूर्योदय नहीं होता
- नॉर्वे
- आइसलैंड
- नुनावुत, कनाडा
- किरुना, स्वीडन
- बैरो, अलास्का
- सेंट पीटर्सबर्ग, रूस
- फ़िनलैंड
सवाल : सूरज का अंत कब होगा
वैज्ञानिक बताते हैं कि सूर्य 4.5 अरब वर्षों में मर जाएगा.
सवाल : दुनिया मे सबसे पहले सूर्य कहाँ निकलता है
किरिबाती का सबसे पूर्वी निर्जन द्वीप, मिलेनियम द्वीप, जिसे कैरोलिन द्वीप के नाम से भी जाना जाता है यहा दुनिया मे सबसे पहले सूर्य निकलता है।
Conclusion
आज के इस लेख मे हमने भारत में सबसे पहले सूर्यास्त कहां होता है इस बारे मे जानकारी दी है। हमे उम्मीद है की आपको आपके सवालों के जवाब के जवाब मिले होंगे।
Sabse Pehle Suryast Kaha Hota hai इसके साथ ही सबसे पहले सूर्य उदय कहा और कब होता है इस बारे मे भी विस्तार मे बताने की कोशिश की है
हमे यह उम्मीद है की आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा होगा। और आपको, आपके सभी सवालों की जानकारी विस्तार में मिली है
यह लेख अंत तक पढ़ने के लिए शुक्रिया, यह जानकारी आपको संतुष्ट और महत्वपूर्ण लगी हो तो आपके दोस्तों के साथ हमारा ब्लॉग और यह लेख जरूर शेयर करे