Duniya Mein Sabse Pehle Kaun Aaya | दुनिया में सबसे पहले कौन आया

Duniya mein sabse pehle kaun aaya tha? इसका जवाब धर्म के हिसाब से और विज्ञान के हिसाब से अलग अलग हैं। हमनें दोनों तरीकों से इस प्रश्न का जवाब देने की कोशिश इस लेख में की है।

विज्ञान के हिसाब से सबसे पहले एक कीटाणु धरती पर आया था। उसके नेचुरल सिलेक्शन के जरिए अलग जीव का जन्म हुआ।

यह जीवाणु / किटाणु अंतरिक्ष से आने वाली धूल, मिट्टी और उल्का पिंडो की मदद से आए थे। वैज्ञानिकों के हिसाब से उल्का पिंडो में वह जैविक तत्व मौजूद थे जो जीवन की शुरुआत करने के लिए जरूरी थे

कहा जाता है की सबसे पहले धरती पर कदम रखने वाला जीव पानी के अंदर से आया था। उसके बाद पानी के अंदर ही इसकी आबादी बढ़ने लगी और धीरे – धीरे यह पानी के बाहर आ गया और अलग – अलग तरह के जंतुओं का जन्म होने की शुरुआत हो गई

इसी तरह अगर धर्म में लिखे गए ग्रंथ और अस्तित्व के बारे में बात करें तो क्रिश्चियन धर्म में धरती पर आने वाला पहला इंसान आदम और हव्वा थे। इन्हीं से धरती पर जीवन की शुरुआत हुई है ऐसा कहा जाता है।

उन्हीं के द्वारा घटित एक घटना है, जिसे बागे बहिश्त (बाग़-ए-बहिश्त) की कहानी से जानते हैं। इस कहानी के हिसाब से ईश्वर ने आदम और हव्वा (एडम और इव) को बनाया है और हव्वा के कहने से अदमने बागे बहिश्त की फल को तोड़ दिया। जिसे भगवान ने छूने से मना किया था।

इसी कारण भगवान ने आदम और हव्वा को दंड स्वरूप मे आजीवन धरती पर रहने की सजा सुनाई, और उसके बाद उनके बच्चों के रूप में धरती पर जीवन की शुरुआत हो गई।

इसी तरह सभी धर्मो के अनुसार पृथ्वी पर सबसे पहले कौन आया के पीछे अलग अलग कहानी है और उनकी आस्था है वही विज्ञानं की भी अपनी एक थेरी है

इन्ही सभी कहानिया और थेरी के अनुसार हम ने इस लेख में धरती के सबसे पहले कौन आया पर लेख लिखने की कोशिश की है यदि आप भी इस विषय के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख को शुरवात से अंत तक जरूर पढ़े

 

Duniya Mein Sabse Pehle Kaun Aaya

हिंदू धर्म की बात की जाए तो, ग्रंथों में भी कहीं ना कहीं विज्ञान जुड़ा है। हिंदू धर्म के ग्रंथ में भगवान विष्णु के १० अवतार के बारे में लिखा है।

 

Duniya Mein Sabse Pehle Kaun Aaya
दुनिया में सबसे पहले कौन आया

 

इसका मतलब जैसे विज्ञान में बताया है कि जीवन की शुरुआत पानी से हुई थी वैसे ही, हिंदू धर्म ग्रंथ में ऋषि-मुनियों ने यह लिखा है कि भगवान विष्णु का प्रथम अवतार मत्स्य अवतार था।

इसी आधार पर हम यह कह सकते हैं कि धरती पर सबसे पहले आने वाला पहला जीव एक मछली थी जिसे हिंदू ग्रंथ में विष्णु भगवान का अवतार मत्स्य का कहा गया है।

जीवन के इवोल्यूशन को जिस तरह से विज्ञान में समझाया गया है उसी तरह भगवान विष्णु के अलग – अलग १० अवतार के बारे में इस हिंदू ग्रंथ में बताया गया है।

इसी तरह अगर भगवान परशुराम जिसे अपने भावना पर काबू नहीं था। इनके बारे में बात करें तो यह एक आदिमानव का अवतार हुआ, और उसी के बाद संपूर्ण इंसान का जन्म हुआ जिसे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का नाम दिया गया।

इसके अलावा देखा जाए तो, डॉक्टर एलीस सिल्वर लिखित किताब ह्यूमन आर नॉट केम फ्रॉम अर्थ (Human are not came from earth) में कहां गया है कि धरती पर इंसानों को लाने में एलियन का सबसे बड़ा हाथ है।

एलियन ही इंसानों को हजारों साल पहले धरती पर लेकर आए थे। और उन्होंने ही यह बताया कि धरती पे रहने वाले प्रजातियों में मानव प्रजाति ही सबसे ज्यादा विकसित है।

दुनिया में सबसे पहले कौन आया इस बारे में अभी भी बहुत सारे तर्क लगाना बाकी है जिस पर विज्ञान अभी भी रिसर्च कर रहा है।

 

दुनिया (धरती) कैसे बनी

देखा जाए तो विज्ञान के अनुसार धरती सूर्य का ही एक अंश है। यह सूर्य और एस्ट्रॉयड के टकराने से तैयार है हुई है।

१३.७ अरब वर्ष पहले बिग बैंग नाम का एक बड़ा सा धमाका हुआ था। इसी धमाके के कारण ब्रह्मांड की रचना हुई। यह ऊर्जा इतनी अधिक थी कि इसके कारण आज भी ब्रह्मांड फैलता ही जा रहा है।

उस व्यक्त अंतरिक्ष में कोई गैस मिल जाने के क्या कारण एक भयानक विस्फोट हुआ। यह धमाका इतना जोरदार था कि चारों तरफ धूल के कण फैल गए। गुरुत्वाकर्षण के वजह से यह कन छोटे – छोटे टुकड़ों में बदल गए।

कही साल के बाद याह कन आपस में जोड़ने लगे, और काफी समय बाद सौर मंडल का जन्म हुआ। देखते ही देखते गुरुत्वाकर्षण के कारण इसी तरह चट्टाने आपस में जुड़ने लगी और धरती बनने लगी।

दरअसल तब धरती का तापमान १२००° सेल्सियस था और पृथ्वी पर सिर्फ उबलता हुआ लावा, और चट्टानी थी। ऐसे में धरती पर किसी जीव का रहना असंभव था।

उसी वक्त थिया नाम का एक ग्रह पृथ्वी की ओर ५० किलोमीटर प्रति सेकंड के स्पीड से चला आ रहा था।

थिया नाम का यह ग्रह पृथ्वी से टकरा गया। इस विस्फोटक के दुरण धरती का बहुत सारा कचरा धरती से बाहर निकल गया और थिया नाम का ग्रह पूरी तरह धरती में समा गया।

उसके बाद अंतरिक्ष की बची हुई शेष चट्टाने पृथ्वी पर गिरने लगी। वैज्ञानिकों के हिसाब से यह चट्टाने करीब करीब २० करोड़ साल तक पृथ्वी पर गिरती रही।

चट्टानों के अंदर क्रिस्टल थे जिन्हें हम नमक कहते हैं। और इन्हीं क्रिस्टल की वजह से पृथ्वी पर समंदर का पानी तैयार होने लगा।

यह पानी धरती पर इकट्ठा होता रहा और इसी कारण धरती के तापमान में बदलाव हुआ धरती की सतह ठंडी होती गई। लावा अभी भी उसी रूप में था और धरती का तापमान लगभग ७० से ८० डिग्री सेल्सियस हो चुका था।

 

पृथ्वी पर ऑक्सीजन की उत्पत्ति कैसे हुई

उस समय जब पृथ्वी के ऊपर के समुद्र के निचले स्तरों पर पत्तियां और पौधे उगना शुरू हो गया था, तब वहां पर जीवित जीवाणु उत्पन्न होने लगे थे।

या विज्ञान की भाषा में इसे स्ट्रोमैटोलाइट्स (Stromatolotite) कहते है

इस वक्त पौधे और पत्ते अपना भोजन सूर्य की किरणों से बनाने लगे जिस प्रक्रिया को वैज्ञानिक भाषा में प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) कहा जाता है।

दरअसल प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया में सूरज का प्रकाश कार्बन डाइऑक्साइड, पानी को ग्लूकोज में परिवर्तित करता है। और इसी प्रक्रिया में उपोत्पाद के रूप में ऑक्सीजन की उत्पत्ति होती गई।

काफी समय बाद महासागर में ऑक्सीजन गैस भर गई और इससे पानी में मौजूद लोहे में जंग लगने की शुरुआत हो गई और देखते ही देखते लोहे का अस्तित्व सामने आ गया। समय के साथ – साथ समुद्र की सतह पर ऑक्सीजन गैस आने लगी।

वैज्ञानिकों के अनुसार कहा जाता है कि २ अरब वर्षों तक पृथ्वी पर यह ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता रहा और तो और पृथ्वी के घूमने की सीमा भी कम होती गई।

समय के साथ – साथ समुद्र के नीचे की भूमि की सतह भी बड़ी प्लेट में बदल गई। और प्लेट के नीचे के लावा ने ऊपर की सतहों को गतिमान कर दिया।

देखते ही देखते धरती के सभी प्लेटें एक साथ जुड़ने लगी और विशाल द्वीप बन गई। और ऐसे लगभग ४० करोड़ साल पहले, सुपरकॉन्टिनेंट रोडिनिया का निर्माण हुआ। इस कारण पृथ्वी का तापमान घटकर ३०   डिग्री सेल्सियस हो गया था। कहते हैं कि उस समय पृथ्वी की स्थिति मंगल ग्रह जैसी ही हुआ करती थी।

 

पृथ्वी पर पानी कैसे आया

देखा जाए तो पृथ्वी पर सालों बाद भी ज्वालामुखी फटने की प्रक्रिया अभी भी चल रही थी।  और ज्वालामुखी की जहरीली गैसों में कार्बन डाइऑक्साइड, सूर्य से निकलने वाली किरणों को अवशोषित करने लगी और इसके वजह से पृथ्वी का तापमान फिर से बढ़ने लगा।

इस के कारण समुद्र के पानी में इतनी गर्मी पैदा होने लगी कि वह भाप बनकर बादलों का रूप लेने लगा। और जहरीली गैस के कारण यहां पर अम्लीय वर्षा (Acidic Rain) होने लगी।

यह अम्लीय वर्षा गैस चट्टानों और पत्थरों द्वारा अवशोषित हो गई और हजारों वर्षों के बाद तापमान घटने की वजह से धरती बर्फ के गोले में तब्दील हो गई। इसी दौरान ज्वालामुखी के फटने की प्रक्रिया भी बर्फ को पिघला नहीं पा रही थी।

इसके अलावा कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने के लिए अन्य कोई स्त्रोत नहीं था। काफी समय बीतने के बाद, कार्बन डाइऑक्साइड गैस ने सूर्य की गर्मी को अवशोषित करना शुरू कर दिया और बर्फ पिघलने लगी जिससे धरती पर पानी आया।

 

धरती पर इंसान कहा से आए

देखा जाए तो जीवन के इतिहास को जानना, पहचान ना बहुत ही महत्वपूर्ण और दिलचस्प है। वैज्ञानिकों के अनुसार धरती पर पहले इंसान का अस्तित्व नहीं था। लेकिन पृथ्वी पर जीवन इंसानों से पहले ही आ चुका था।

जैसे कि हमने कहा कि, धरती पर सबसे पहले जीवन अंतरिक्ष में मौजूद धूल, मिट्टी अथवा उल्का पिंडों के साथ प्रवेश कर चुका था। इंसानों के बारे में बात की जाए तो आधुनिक मानव (होमो सेपियन्स) को पृथ्वि पे मौजूद पूरी मानव जाति के पूर्वज कहा जाता है।

विज्ञानिको के मुताबिक होमो सेपियन्स (Homo sapiens) होमिनिड्स नामक समूह का एक हिस्सा है, जो सबसे पहले मानव जैसे प्राणी थे

पुरातात्विक और मानवशास्त्रीय साक्ष्यों के आधार पर, हमारा मानना ​​है कि होमिनिड्स २.५ से ४ मिलियन वर्ष पहले पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका में अन्य प्राइमेट्स से अलग हुए थे।

हालाँकि होमिनिड परिवार के बीच कुछ हद तक विविधता थी, लेकिन उन सभी में द्विपादवाद, या दो पैरों पर सीधे चलने की क्षमता की विशेषता थी।

प्रारंभिक होमिनिड्स का विकास क्यों हुआ, इसके बारे में वैज्ञानिकों के पास कई सिद्धांत हैं। एक, शुष्कता परिकल्पना, यह सुझाव देती है कि प्रारंभिक होमिनिड शुष्क जलवायु के लिए अधिक अनुकूल थे और अफ्रीका के शुष्क सवाना क्षेत्रों के विस्तार के साथ विकसित हुए

होमिनिड्स लगातार विकसित होते रहे और अद्वितीय विशेषताओं का विकास करते रहे। उनकी मस्तिष्क क्षमता में वृद्धि हुई, और लगभग २.३ मिलियन वर्ष पहले, होमो हैबिलिस नामक एक मानव ने सरल उपकरण बनाना और उपयोग करना शुरू किया।

काहते ही की एक समय में कई प्रकार के होमिनिड थे, लेकिन केवल होमो सेपियन्स ही बचा है।

 

FAQs : Duniya mein sabse pehle kaun aaya

सवाल : पृथ्वी पर सबसे पहला जीव कौन सा है

पृथ्वी का सबसे पुराना जीव नील हरित शैवाल ही है

सवाल : दुनिया में सबसे पहले इंसान कब आया था

वैज्ञानिकों का मानना है कि अफ्रीका में विकसित हुआ होमो इरेक्‍टस पहले आदिमानव थे. वैज्ञानिकों के मुताबिक, आधुनिक मानव करीब २ लाख साल पहले अफ्रीका में हुए थे.

सवाल : पृथ्वी पर ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत क्या है

वायुमण्डल में ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत पेड़-पौधे हैं।

सवाल : जमीन पर सबसे ज्यादा ऑक्सीजन कौन पैदा करता है

वायुमंडल में ऑक्सीजन की एक बड़ी मात्रा (50% से 85% तक) समुद्री पौधों द्वारा उत्पादित की जाती है।

सवाल : कौन सा पेड़ रात में ऑक्सीजन छोड़ता है

पीपल का पेड़ रात में भी ऑक्सीजन छोड़ता है।

सवाल : मानव का जन्म कब हुआ था

मानव की वर्तमान प्रजाति ३.५ लाख वर्ष पूर्व आई थी। इसका पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने २३०० से ३०० वर्ष के बीच दक्षिणी अफ्रीका में रहने वाले जीवों के जीन के समूह का अध्ययन किया।

सवाल : पहले मानव का नाम क्या था

हिंदू मान्यता के अनुसार, धरती पर पहले मानव का नाम राजा मनु था।

सवाल : क्रिश्चियन धर्म में धरती पर आने वाला पहला इंसान कोण था

क्रिश्चियन धर्म में धरती पर आने वाला पहला इंसान आदम और हव्वा (एडम और इव) थे।

सवाल : भारत में पहला मानव कब आया

भारत में पहला आधुनिक मानव करीब ६५ हजार साल पहले आया, जब अफ्रीका के निवासी इस महाद्वीप से बाहर जाकर रहने लगे

सवाल : क्या इंसानों को पृथ्वी पे लाने में एलियन का सबसे बड़ा हाथ है

यह बात डॉक्टर एलीस सिल्वर ने अपने किताब ह्यूमन आर नॉट केम फ्रॉम अर्थ (Human are not came from earth) में कहां है

सवाल : इंसानों को धरती पर कितने साल हो गए

आधुनिक मानवों की बात की जाए तो इंसानों इस धरती पर आए हुए लगभग दो से तीन लाख वर्ष हो गए हैं।

सवाल : मनुष्य पहले क्या था

विज्ञान की नजर से देखें तो मनुष्य, जीव की उत्पत्ति की एक अलग प्रक्रिया है, लेकिन हिंदू धर्म ग्रंथों विशेष तौर पर अध्ययन करें तो पता चलता है कि मनुष्य को ब्रह्माजी ने बनाया है। मनुष्य का शरीर पंचभूतों यानी अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी और आकाश से मिलकर बना है। इन पंचतत्वों को विज्ञान भी मानता है।

 

Conclusion

इस लेख में हमने आपको यह बताने का प्रयास किया कि दुनिया में सबसे पहले कौन आया साथ ही इसी से जुड़े अन्य कई सवालों के जवाब देने की भी हमने कोशिश की है

हमें उम्मीद है कि आपको, आपके सवालों का जवाब मिला होगा, और हमारी दी गई जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण होगी।

देखा जाए तो अभी भी Duniya mein sabse pehle kaun aaya इसके ऊपर बहस शुरू है। आज भी वैज्ञानिक इस जवाब के खोज में जुटे हुए हैं

इस सवाल का जवाब सभी के पास अलग होगा ईसी कारण, इस लेख में हमने सभी पहलुओं को आपके सामने सरल शब्दों में रखने का प्रयास किया है

अगर हम इस लेख के जरिए आपके जवाबों को हासिल करने में सफल हो पाए हैं, या यह जानकारी पढ़ने के बाद आप धरती पर आने वाले जीवों के बारे में समझ पाए हो, तो इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी जरूर शेर करना। लेख अंत तक पढ़ने के लिए आपका शुक्रिया