भूगोल के जनक कौन है (Father of Geography in Hindi)

भूगोल के जनक : आज हम हमारी पृथ्वी को और अपने देश को और देश को जान पाए है यह सिर्फ भूगोल की सहायता से मुमकिन हो पाया है, आज हमे पता है किस देश का क्या भूगोल है और मानचित्र आदि भी भूगोल की ही देन है

भूगोल आजके समय का एक मुख्य विषय है जो बच्चो को पढाया जाता है और जिसको पढ़ाना ज़रूरी भी है क्योंकि आज इसी के कारन हम पृथ्वी को समझ पाने में सक्षम हो पाए है, पृथ्वी पर उपलब्ध सभी प्राकृतिक संसाधनों के बारे में जान पाए है

भूगोल एक ऐसा विषय है जिसमे हमें सौरमंडल, स्थल, फलों, जीव जंतुओं, भूमि के बारे में और पूरे विश्व के आकर दूरी, क्षेत्रफल आदि के बारे में पता चलता है,  धरती की कितनी सतह है,

धरती का क्या आकार है हमारे वातावरण में गैस की कितनी सतह है यह सब जानकारी भी भूगोल विषय से ही मिलती है

इसको बनाने में किसी एक व्यक्ति का हाथ नही है बहुत से लोगों ने समय समय पर अपनी खोज और अपने प्रयासों से भूगोल के बारे में जानकारी दी है

Father of Geography और जितने भी प्रकार के भूगोल है उन सबके जनक कौन है भारतीय भूगोल के जनक कौन है, भारत का नक्शा किसने बनाया आदि चीज़ों के ऊपर चर्चा करेंगे

ग्लोब को हम सबने देखा होगा वह पृथ्वी को दर्शाता है, उसकी रचना भी सिर्फ और सिर्फ भूगोल की वजह से ही हो पायी है, भूगोल की शिक्षा से ही हमें पता चलता है की धरती गोल है और सभी देश एक दुसरे से जुड़े हुए है आदि

 

भूगोल के जनक कौन है
Father of Geography in Hindi

 

भूगोल के जनक – Father of Geography in Hindi

सबसे पहले ज़रूरी है ये जान लेना की भूगोल क्या है, इसमें नाम में ही भू शब्द भूमि यानी धरती को दर्शाता है और गोल इसके आकार को दर्शाता है तो कुल मिला के आसान भाषा में कहे तो यह पृथ्वी के भौतिक रूप आकार आदि की शिक्षा का विषय है

 भूगोल का जनक एराटोस्थनीज को माना गया है और साथ में हिकेटियस को भी Father of Geography कहा जाता है 

MCQ में कभी भी यह दोनों विकल्प साथ में नही दिए रहेंगे क्योंकि दोनों ही भूगोल के जनक है, पर यदि यह दोनों विकल्प साथ में आए तो  एराटोस्थनीज सही जवाब होगा

क्योंकि एराटोस्थनीज का भूगोल की खोज में योगदान ज्यादा रहा है और इन्हें ही सही माइनो में भूगोल का पिता कहा जाता है

 

एराटोस्थनीज को क्यों भूगोल का जनक कहा गया है

यह एक यूनानी थे जो की साइरेन के वासी थे

यह पहले व्यक्ति थे जिन्होंगे भूगोल शब्द का इस्तेमाल किया था इनका भूगोल की खोज में योगदान प्रभावशाली था, इनके कारन ही आज हमारा भूगोल इतना समृद्ध है, और उसमे कई शाखाए जुड़ पाई है जो सूर्य तक की दूरी और पृथ्वी के रेडियस का भी ज्ञान देती है

उन्होंगे पृथ्वी के परिधि की अपनी एक गणना की थी और जिसके आधार पर उन्होंने दुनिया का एक नक्शा बनाया था, उन्होंने पृथ्वी की परिधि 39,375 किलोमीटर बताया था

इन्होने ही अक्षांश (Latitude) और अक्षांश (Longitude) की खोज की थी जिसका इस्तेमाल आज भी किसी भी स्थान का पता लगाने के लिए किया जाता है

इन्होने भारत सहित बहुत से देशो के भूगोल के व्यापक रूप के बारे में जानकारी दी इनके इन्ही बड़ी बड़ी खोजो ने हमारे भूगोल की नीव रखी तो बेशक इन्हें ही भूगोल का पिता कहना चाहिए

 

एराटोस्थनीज कौन थे – Who was Eratosthenes in Hindi

 

Eratosthenes profile

Wikipedia

यह एक ग्रीक वासी थे, और यह हेलेनिस्टिक काल के दौरान ग्रीस में रहते थे और यह एक विद्वान थे, इनका जन्म 276 ईसा पूर्व एक ग्रीक उपनिवेश साइरेन में हुआ था

इन्होने भूगोल के अतिरिक्त और विषय जैसे गणित, इतिहास, खगोल विज्ञान आदि क्षेत्रों में अध्ययन किया और कई महत्त्वपूर्ण योगदान दिए, इन्होने भूगोल विज्ञान में सबसे ज्यादा योगदान दिया इन्होने धरती के आकार को समझने और इसके बारे में ज़रूरी जानकारी प्राप्त करने में योगदान दिया

 

एराटोस्थनीज की उपलब्धिया 

1) इनकी सबसे बड़ी उपलब्धि में से एक उपलब्धि धरती की परिधि का पता लगाना था

उन्होंने सूर्य की किरणों के धरती की अलग अलग सतह पर पड़ने से उनके द्वारा बने कोणों से धरती की परिधि का पता लगाया जोकि उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है

2) उन्होंने दुनिया का सबसे पहला नक्शा बनाया

3) इन्होने देशांतर और अक्षांश की खोज की जिससे दुनिया के हर हिस्से तक पंहुचा जा सके और उसके बारे में पता किया जा सके

4) इन्होने गणित में भी अपना योगदान दिया इन्होने अभाज्य संख्या जिसे हम इंग्लिश में प्राइम नंबर कहते है उसके बारे में बताया और उसे कैसे निकाले यह भी बताया

 

एराटोस्थनीज के प्रमुख कार्य 

इन्होने अलग अलग क्षेत्रों में अपनी खोज की और जिसके बारे में हमने नीचे बताया है

1) जियोग्राफिका

इनका सबसे प्रसिद्ध कार्य वह था जिसके कारन आज हम जिस विश्व को जानते है उसकी खोज हो पाई, इनके इस कार्य में नक़्शे, प्राकृतिक तत्वों की खोज, विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी आदि शामिल है

2) इंडिका

भारत के भूगोल और संस्कृति पर की गई इनकी खोज को इंडिका नाम से संबोधित किया गया है, जिसमे भारत का नक्शा और भारत के कुछ मुख्य क्षेत्रों और वनस्पतियों की जानकारी शामिल है

3) क्रोनोग्रैफिया

इसमें इन्होने ग्रीस की पौराणिक उत्पत्ति से तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व तक की जानकारी दी और उसके साथ साथ वहाँ के भूगोल और संस्कृति और प्रथाओं के बारे में भी बताया

4) पृथ्वी का माप

इसमें जैसा हमने पहले बताया इन्होने पृथ्वी की परिधि की गणना की जोकि इन्होने सूर्य की किरणों के द्वारा पृथ्वी पर बने कोणों से की थी

5) कैटैस्टरिज्म

इसमें इन्होने खगोल विज्ञान के बारे में जानकारी दी, इसमें उन्होंने नक्षत्रों (constellations) के बारे में बताते है और उनके उत्पत्ति की पौराणिक कथाओं के बारे में भी बताते है

 

हिकेटियस को क्यों भूगोल का जनक कहा जाता है 

 

kidpaw megasthenes 2010

हिकेटियस

Hecataeus एक यूनानी विशेषज्ञ थे जिन्होंने भूगोल विज्ञान में बहुत योगदान दिया, इनके योगदान के कारन ही इन्हें भी Father of Geography कहा जाता है हालाकि इनका योगदान एराटोस्थनीज  जितना नही था

यह 6 वी और 5 वी शताब्दी में रहते थे, इनका जन्म 550 ईसा पूर्व में हुआ था, यह इतिहासकार भी थे, इन्होने दुनिया का सबसे पहला नक्शा बनाया था पर वह नक्शा आगे चलके अस्वीकार कर दिया गया

उस नक़्शे में बस यूरोप, एशिया और उत्तरी अफ्रीका ही शामिल थे,  इन्होने एक किताब लिखी जिसका नाम था ‘पेरिओडोस गेस’ जिसका अर्थ होता है ‘पृथ्वी का विवरण’

इस किताब में इन्होने दुनिया के बहुत से क्षेत्रों का भूगोल, जलवायु और संस्कृति का वर्णन किया है जिससे हमें पृथ्वी के बारे में काफी कुछ जानने को मिलता है

इन्होने धरा के बारे में ज्यादा जानकारी दी है, इनको क्षेत्रीय भूगोल को विकसित करने का क्रेडिट दिया जाता है, वह ऐसे वैज्ञानिक थे जो सबूतों, अवलोकन पर भरोसा करने वाले में से थे वह कहानियों या पहले से बनी अवधारणाओं पर भरोसा नही करते थे

मानचित्रण, अनुभवजन्य साक्ष्य के उपयोग  और क्षेत्रीय भूगोल में उनके योगदान के कारन उन्हें  भूगोल के क्षेत्र में एक ख़ास व्यक्ति माना गया है, क्योकि इन्होने भी भूगोल की नीव रखने में मदद की जिसके कारन आज हम धरती को समझ पाने में सक्षम है

 

आधुनिक भूगोल का जनक किसे कहा जाता है – Father of Modern Geography in Hindi

अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट को आधुनिक भूगोल का जनक कहा जाता है, इनका जन्म बर्लिन जर्मनी में 1769 में हुआ था, इन्होने ही सबसे पहले क्लाइमेट के बारे में जानकारी प्रदान की थी और climatology  का इजाद किया था, इनकी किताब ‘cosmos’ ने आधुनिक भूगोल को स्थापित किया

इन्होने फ्रीबर्ग एकेडमी ऑफ माइन्स में अध्ययन किया, वह जेम्स कुक के वैज्ञानिक चित्रकार जॉर्ज फॉरेस्टर से मिले, और उन्होंने यूरोप का भी भ्रमण किया

22 साल की उम्र में इन्होने ने फ्रेंकोनिया में एक सरकारी खदान में नौकरी की और जब वह 27 वर्ष के हुए तब उनकी माँ की मृत्यु हो गयी, उन्होंने वनस्पति विभाग में भी काम किया

इन्होने महाद्वीप के वनस्पतियों के साथ साथ जीवों और स्थलाकृति का भी अध्ययन किया, 1803 में इनके द्वारा मक्सिको की खोज की गई,  23 साल तक इन्होने अपना जीवन फ्रांस में व्यतीत किया जहाँ पर यह बहुत से वैज्ञानिकों से मिले

लेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट ने अपने जीवन भर में पृथ्वी के बारे में एकत्र की गई सम्पूर्ण जानकारी को लिखने का फैसला किया और उन्होंगे धरती के बारे में अपनी सपूर्ण जानकारी को कॉसमॉस नाम की किताब में प्रकाशित किया

यह किताब बहुत ज्यादा बिकी, और इसे अन्य भाषाओँ में भी प्रकाशित किया गया, इसमें इन्होने भूगोल के बारे में विस्तार में जानकारी दी गई है जिसने आधुनिक भूगोल की नीव रखी

उन्होंगे अपने जीवन काल में पृथ्वी से जुडी बहुत से खोजे की और भूगोल को अपनी खोजो से सुसज्जित करते गए कहा जाता है भूगोल के बारे में विस्तार में जानने वाले वह आख़री इंसान थे

 

भारतीय भूगोल का जनक कौन है – Father of Indian Geography in Hindi

भारतीय भूगोल का जनक जेम्स रेनेल (James Rennell) को कहा जाता है, यह एक ब्रिटिश भूगोलवेत्ता थे, जिन्होंने 18 वी शाताब्दी और 19 वी शताब्दी में भारत में बहुत लम्बे समय तक काम किया था और भारत के भूगोल में रेनेल का बहुत योगदान रहा, उन्होंने सबसे पहले भारत का सम्पूर्ण मानचित्र बनाया था जोकि एकदम सही था जिसे इन्होंगे 1779 में A Bengal Atlas में प्रकाशित किया था

इन्होने भारत की नदिया गंगा, ब्रहमपुत्र आदि पर भी अध्ययन किया और बहुत से आर्टिकल भी पब्लिश किये, आज उनके योगदान के कारन ही भारत के भूगोल का निर्माण हो पाया क्योंकि उन्होंगे भारतीय भूगोल की नीव रखी, भारतीय भूगोल के निर्माण में अलेक्जेंडर कीथ जॉनस्टन का भी योगदान रहा

 

मानव भूगोल का जनक कौन है – Father of Human Geography in Hindi

मानव भूगोल का जनक पॉल विडाल डे ला ब्लाचे  को माना जाता है, यह फ्रांस के वासी थे, और इन्होने मानव भूगोल को स्थापित किया

इन्होने मानव समाज और वातावरण पर अध्ययन किया और मनाव भूगोल का निर्माण किया, इन्होने कोरोलॉजी” की स्थापना की जिसमे क्षेत्र के अनुसार वहां के लोगों और उस क्षेत्र की विशेषताओं को बताया

उन्होंने फ्रांस में एक ऐसे स्कूल को स्थापित किया जो मानव भूगोल पर ही आधारित था, इनका योगदान मानव भूगोल में बहुत ही प्रभावशाली था जिसके कारन भूगोल को संस्कृति और मानव से भी जोड़ा गया

फ्रीड्रिच रत्ज़ेल ने भी भूगोल में मानव को स्थान दिया इनका मानना था की प्रकृति और पुरुष यानी मनुष्य एक दुसरे से जुड़े हुए है और इन्होने भूगोल को एक अलग मानवी रूप दिया

इन्होने राजनीतिक भूगोल के क्षेत्र में अपना योगदान दिया और इन्होने भौतिक वातावरण और मनुष्यों के बीच सम्बन्ध को बताया, मनुष्य के रहने के स्थान से उसके रूप में बदलाव को बताया

 

भौतिक भूगोल का जनक कौन है? – Father of Physical Geography in Hindi

अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट  को ही भौतिक भूगोल का भी जनक कहा जाता है इनके बारे में हमने विस्तार में जानकारी ऊपर आधुनिक भूगोल का जनक किसे कहा जाता है में दिया है

 

भूगोल से जुड़े अन्य लोग 

भूगोल एक छोटा विषय नही है इसके भी अंग है जैसे की भौतिक भूगोल, मानव भूगोल, भू-राजनीति, भू-आकृति विज्ञान, नक्शानवीसी, आर्थिक भूगोल आदि जिसमे भूगोल की ही अलग अलग शाखा की विस्तार में जानकारी दी हुई है

अन्य लोगो की सूचि जिन्होंने भूगोल को स्थापित करने में योगदान दिया

अमेरिकी भूगोल के जनक विलियम मॉरिस डेविड
भूविज्ञान के जनक सर चार्ल्स लियेल
आधुनिक भू-आकृति विज्ञान के जनक ग्रोव कार्ल गिल्बर्ट
फाइटोगोग्राफी के जनक अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट
आधुनिक मानचित्रकला के जनक हेनरिक सीज़र बेरन
वैज्ञानिक जलवायु विज्ञान के जनक रीड ब्रायसन

गणितीय भूगोल के जनक कौन है

जेरार्डस मर्केटर

 

FAQs : Father of Geography in Hindi

सवाल : भूगोल का पूरा नाम क्या है

भूगोल का पूरा नाम भूगोल ही है इसे इंग्लिश में जियोग्राफी कहते है जिसका अर्थ होता है पृथ्वी की शिक्षा

सवाल : भौतिक भूगोल का पिता कौन है

कई जगह  पोलिडोनियन  को भौतिक भूगोल का पिता कहा गया है पर विकिपीडिया के अनुसार अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट को भौतिक भूगोल का पिता कहा गया है

सवाल : भूगोल के गुरु कौन है

हिकेटियस जी भूगोल का गुरु कहा जाता है

सवाल : भूगोल की खोज कब हुई थी

भूगोल की खोज इराटोस्थनीज ने 276 ईसा पूर्व की थी

 

Conclusion

भूगोल के जनक ने भूगोल विज्ञान को विस्तार से समझाने का प्रयास किया है। वे इस विज्ञान को महत्वपूर्ण और उपयोगी बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं

भूगोल न केवल हमारे समाज की स्थिति को समझने में मदद करता है, बल्कि यह हमें विभिन्न संसाधनों की उपलब्धता, जीव जंतु जैसे जीवन पद्धति, वनस्पति आदि के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है।

भूगोल विज्ञान अब एक बड़ा विषय हो गया है जो हमारे समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, हमें भूगोल के अध्ययन को बढ़ावा देना चाहिए। हमें अपने आसपास के पर्यावरण को संरक्षित रखने और उसकी समस्याओं को हल करने के लिए भूगोल के अध्ययन का समय निकालना चाहिए

हमें आशा है की आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी अच्छी लगी होगी हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढने के लिए धन्यवाद