Bihar ke Shiksha Mantri Kaun Hai (2024) बिहार के शिक्षा मंत्री कौन है

Bihar ke Shiksha Mantri kaun Hai : भारत का एक राज्य बिहार जिसकी साक्षरता 61 प्रतिशत है और एक समय इस राज्य की शिक्षा प्रणाली भी बहुत कमज़ोर थी, यह राज्य साक्षरता के मामले में 35 नंबर पर आता है

बिहार के शिक्षा पद का गठन बहुत पहले ही हो चूका था, क्योंकि एक शिक्षा मत्री द्वारा पूरे देश की शिक्षा व्यवस्था को बनाए रख पाना मुश्किल था, इसलिए हमारे संविधान के 174 वें संसोधन के तहत राज्य शिक्षा मंत्री पद का गठन हुआ

यानी हर राज्य का अपना एक शिक्षा मंत्री होगा और भारत देश का भी  एक शिक्षा मंत्री होगा, यह शिक्षा की महत्ता और ज़रुरत को देखते हुए और भारत में शिक्षा की हालत सुधारने के लिए किया गया था

बिहार के पुरुष  का साक्षरता दर 71 प्रतिशत है और महिला का साक्षरता दर 51 प्रतिशत है जोकि बहुत कम है, वैसे तो बड़े बड़े जगह पर काम करने वाले और बड़ी बड़ी पदवी पर पहुचने वाले ज्यादा तर लोग बिहारी होते है फिर भी बिहार में शिक्षा प्रणाली कुछ ख़ास नही है

डॉ राजेन्द्र प्रसाद, प्रकाश झा, अनिल अग्रवाल, जय प्रकाश नारायण, रविश कुमार, आनंद कुमार, शुशांत सिंह राजपूत आदि बहुत से प्रचलित लोग बिहार से ही है, Bihar ke Shiksha Mantri kaun Hai तथा कैसे काम करते है यह बिहार के भविष्य को प्रभावित करता है

आजके इस आर्टिकल में हम बिहार के शिक्षा मंत्री कौन है कैसे बने और पिछले सभी शिक्षा मंत्रियों के बारे में चर्चा करेंगे और साथ में यह भी देखेंगे की बिहार में शिक्षा की क्या हालात है और पहले के मुकाबले अब बिहार में शिक्षा प्रणाली में कितने सुधार आए है

 

Bihar ke shiksha mantri kaun hai
Bihar ke shiksha mantri ka naam kya hai

 

Bihar ke Shiksha Mantri Kaun Hai

 2023 में बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर है, 

जिनकी नियुक्ति 2022 में हुई थी और वह तब से लेकर अब तक के शिक्षा मंत्री की पदवी पर है, यह अपने रामचरितमानस के ऊपर दिए बयान को लेकर चर्चा में थे क्योंकि इन्होने रामचरितमानस को अस्वीकार कर दिया था

 

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प्रोफेसर चंद्रशेखर

इन्होने कहा की वह उस राम को मानते है जो शीतल है जो दयालु है जिन्होंने शवरी के जूठे बेर खाए और जिन्होंगे राक्षसों के आतंक से लोगो को बचाया था और माता अहिल्या को मुक्ति दी थी

उन्होंने कहा मै उस रामचरितमानस का विरोध करता हु जो जाति का भेदभाव और औरतों को नीचा दिखाता है, यह राष्ट्रीय जनता दल के मंत्री है, 16 अगस्त 2022 को इन्हों शिक्षा मंत्री के रूप में चुना गया था

 

राज्य शिक्षा मंत्री की क्या आवश्यकता होती है 

राज्य शिक्षा मंत्री की आवश्यकता उच्च शिक्षा और विद्यार्थियों के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक होती है। इस मंत्री का मुख्य उद्देश्य होता है कि स्कूल और कॉलेजों में उचित शिक्षा दी जाए ताकि विद्यार्थी अपनी भविष्य की स्थिति में सफल हो सकें

इसके अलावा राज्य शिक्षा मंत्री  की विभिन्न दायित्व होते है जैसे की

 

1) शिक्षा के लिए नीतियाँ निर्धारित करना

यह एक राज्य शिक्षा मंत्री का ही कार्य होता है की वह अपने राज्य की शिक्षा अवस्था के अनुसार नई- नई नीतियां बनाए ताकि शिक्षा तेजी से और लोगों तक पहुच सके 

 

2) संसाधन प्रदान करना

राज्य के किस हिस्से में शिक्षा के लिए जिन भी संसाधनों की आवशयकता है वह लोगो तक पहुचाना, और जहाँ पर स्कूल नही है वहां पर स्कूल बनवाना और भी सभी तरह के शिक्षा के संसाधन प्रदान करने का काम शिक्षा मंत्री का होता है

 

3) शिक्षा कार्यक्रमों की देखभाल और निगरानी

यह भी शिक्षा मंत्री का ही काम है की वह देखे की जो सेवाएं सरकार द्वारा प्रदान की गई है शिक्षा के लिए वह लोगों तक पहुच रही है या नही, और सभी स्कूलों में सही से पढाई हो रही या नही

 

4) पाठ्यक्रम के रूप में भी विकास

यह एक शिक्षा मंत्री का काम है की वह यह देखे की समय समय पर पाठ्यक्रम को भी विकसित किया जाए, छात्रों को समय के अनुसार तैयार करने के लिए जो भी ज़रूरी है वह पढाया जाए यह निर्धारित करने का काम भी शिक्षा मंत्री का होता है

इसके साथ ही वह सभी काम शिक्षा मंत्री के होते है जिससे राज्य की शिक्षा में विकास हो, उस राज्य के गाँव गाँव तक शिक्षा पहुच पाए और जितने भी स्कूल और कॉलेज हो वह सही प्रकार से चले और बच्चो को शिक्षा प्राप्त करने में कोई असुविधा न हो  आइए अब Bihar ke shiksha mantri kaun hai उनके बारे में विस्तार में जानते है

 

कौन है प्रोफेसर चंद्रशेखर ?

2023 में बिहार के शिक्षा मंत्री – प्रोफेसर चंद्रशेखर 

नाम चंद्रशेखर प्रसाद
जन्म स्थान बिहार सिवान
पिता अनिरुद्ध प्रसाद यादव
जन्मतिथि 20 सितम्बर 1964
उम्र 61 वर्ष
शैक्षिक योग्यता पोस्ट ग्रेजुएट

 

इनका जन्म 20 सितम्बर 1964 को बिहार की एक जगह सिवान में हुआ था, वह ज्यादा समय तक अपने पिता के साथ नही रह सके क्योकि जब यह 8 साल के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी, इस घटना ने इनके दिमाग पर एक गहरी छाप छोड़ी थी

 

वर्तमान शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद की शिक्षा कहा से हुई 

इन्होने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने जन्म स्थान पर ही पूरी की थी, इनके पिता भारतीय सेना में एक हवालदार थे जिनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई थी

 

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इन्होने अपनी 12 तक की शिक्षा सैनिक स्कूल से की थी जोकि झुमरी तिलैया में स्थित था, इनका चुनाव राष्ट्रीय रक्षा अकैडमी प्रसिक्षण के लिए हुआ था पर वह उससे संतुष्ट न हुए और उन्होंने पटना के विश्वविद्यालय में पढ़ाई की पर कुछ समय बाद वह उससे भी संतुष्ट न रहे

उन्होंने  एमफिल की डिग्री को प्राप्त करने के लिए जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में दाखिला लिया

 

प्रोफेसर चंद्रशेखर का राजनीतिक सफ़र 

यह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से अखिल भारतीय छात्र संघ के गठन के दौरान जुड़े और इस पार्टी का एक हिस्सा बन गए, उन्होंने भारत में स्वच्छ राजनीति लाने के लिए भी काम किया

जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में उन्हें अखिल भारतीय छात्र संघ के निर्माण का श्रेय भी दिया जाता है, उन्हें जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में एक टर्म के लिए वाईस प्रेसिडेंट और दो टर्म के लिए प्रेसिडेंट के रूप में चुना गया था

उन्होंने छात्राओं के बीच अपने अधिकारों के लिए लड़ने की नीव रखी और सबको एक समान सम्मान मिले इसका उपदेश दिया

अपनी अम्फिल की डिग्री प्राप्त करने के बाद वापस अपने जन्म स्थान आने का फैसला किया और वह पर आके राष्ट्रीय जनता पार्टी के युवा नेता के रूप में अपना राजनीतिक सफ़र शुरू किया

इन्होने 2010 में मधेपुरा के विधायक के रूप में खड़े हुए थे और वह सीट जीते भी थे, यह लगातार 3 साल तक मधेपुरा के विधायक बने रहे थे

 

विवादों में आए प्रोफेसर चंद्रशेखर

अपने एक बयान के चर्चे यह बहुत समय तक विवादों में रहे, इन्होने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी  के एक समारोह में अपने भाषण में कहा था की हमारे एक ग्रन्थ रामचरितमानस में लिखा है की नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद जहरीले हो जाते है

और उन्होंने इस बात को कहते हुए आगे कहा की यह नफरत को फैलाने वाला ग्रन्थ है, यह कैसा ग्रन्थ है जो लोगो को जाति की वजह से एक दुसरे से अलग करता है

इनके इसी बयान के कारन यह चर्चा में बने रहे इन्होने इस बात की पुष्टि भी की वह राम के खिलाफ नही है वह भी राम भगवान को पूजते है उनके कहने का अर्थ यह था की नफरत से देश आगे नही बढेगा बल्कि प्यार से बढेगा

लेकिन उनके रामचरितमानस पर उठाए सवाल के कारन बहुत से राम प्रेमी और विपरीत पार्टी के लोगों ने इनको घेरे में लिया और इसी बयान का मुद्दा बना दिया, बीजेपी ने इनके इस बयान पर इनको हिन्दू धर्म का विरोधी करार दिया और इसे बहुत ही बड़ा मुद्दा बनाने का प्रयास किया

 

नीतीश कुमार का इस पर बयान

उन्होंने कहा की किसी को भी किसी भी धर्म पर टिपण्णी देना या किसी धर्म को सही या गलत कहने का हक़ नही है, जो लोग जिस भी धर्म या ग्रंथ का पालन करते है उनको उस धर्म के लिए पूरा सम्मान मिलना चाहिए

 

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर जी के उद्देश्य

 

1) गाँवों तक शिक्षा पहुंचे 

अभी भी बिहार में बहुत से गावं ऐसे है जहाँ पर स्कूल की कोई व्यवस्था नही है जहाँ के लोगों को पढ़ाई लिखाई से कोई मतलब नही है और वह अपने बच्चो के लिए भी कुछ नही कर पा रहे है

तो ऐसी जगह पर स्कूलों की मौजूदगी और शिक्षा का पहुँच पाना ज़रूरी है यही मंत्री जी का उद्देश्य है

 

2) शिक्षा के प्रति लोगो को जागरूक करना 

बिहार की कम साक्षरता दर से अंदाज़ा लगाया जा सकता है की इस राज्य में शिक्षा की जागरूकता की कितनी आवशयकता है, इसलिए सबसे मुख्य उद्देश्य लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना है ताकि ज्यादा से लोग शिक्षा प्राप्त कर सके

 

3) लड़कियों की साक्षरता दर को बढाने का प्रयास 

लडकियों की शिक्षा पूरे राज्य के लिए ही नही देश के लिए ही चिंता का विषय है और समय के साथ इसमें सुधार भी देखने को मिल रहा है, बिहार में भी लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए

 

बिहार के पहले शिक्षा मंत्री कौन थे 

बिहार के पहले शिक्षा मंत्री का नाम आचार्य बदरीनाथ वर्मा थे

  • पार्टी – कांग्रेस
  • कार्य काल प्रारंभ – 1946
  • अंतिम कार्य काल वर्ष – 1961

यह एक स्वतंत्रता सेनानी थे उसके साथ साथ यह एक साहित्यकार, पत्रकार भी थे, इन्हें बदरी बाबु के रूप में भी जाना जाता था, उनका व्यकतित्व उनकी पहचान था उनके सरल व्यकतित्व के कारन ही वह आज हमारे इतिहास में अमर हो गए

वह हिंदी भाषा अथवा साहित्य के प्रेमी थे, वह अपने रोज मर्रा के जीवन में रामचरितमानस और गीता के लिए समय निकाल ही लेते थे, कहा जाता है की उन्हें पूरी गीता याद थी

उनके जीवन का उपदेश बहुत ही साफ़ था उनके लिए कर्म ही पूजा है,  जब बिहार में शिक्षा की नीव रखी गई तब यह हिंदी को और आगे ले जाने के लिए और शिक्षा को लोगो तक पहुचाने के लिए प्रयास करते रहे

उन्हें और भी भाषा जैसे संस्कृत, बांगला, अंग्रेजी का भी ज्ञान था, पर वह हिंदी भाषा को लेके द्रिड थे उन्होंने हिंदी भाषा को संवारा है, उन्होंने जो हिंदी के लिए किया वो कोई भुला नही सकता और वह हमारे इतिहास में सदा के लिए लिखा रहेगा

उन्होंने अपना पूरा जीवन अहिंसा के पथ पर चल कर व्यतीत किया उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र को और हिंदी भाषा को दिया, उन्होंने भारत के साहित्य में भी बहुत योगदान दिया और वह एक राजनेता के रूप में भी अपने दायित्वों का पालन करते रहे

जब भी हम बिहार के शिक्षा मंत्री कौन है इस सवाल पर विचार करेंगे तब हमारे दिमाग में इनका नाम ज़रूर आएगा

वह बिहार के पहले शिक्षा मंत्री बने और जितना हो सकता उतना उन्होंने बिहार की शिक्षा को आगे ले जाने के लिए प्रयास किया, यह एक महान इंसान थे इनके जीवन से  हमें सच्चाई और सरल और निअहंकर रहने की सीख मिलती है

 

बिहार के शिक्षा मंत्रियों की सूची

नंबर शिक्षा मंत्रियो के नाम
कार्य- काल अवधी संबंधित दल
1. आचार्य बद्रीनाथ वर्मा 1946-1961 कांग्रेस
2. सत्येंद्र नारायण सिन्हा 1961-1963 कांग्रेस
3. सत्येंद्र नारायण सिन्हा 1963-1967 कांग्रेस
4. करपूरी ठाकुर 1967-1968 जन क्रांति दल
5. सतीश प्रसाद सिंह 1968 कांग्रेस
6. डॉ रामराज सिंह 1969-1972 कांग्रेस
7. बिंदेश्वरी दुबे 1973 कांग्रेस
8. विद्याकर कवि 1973 कांग्रेस
9. डॉ रामराज सिंह 1973-1977 कांग्रेस
10. नासिरुद्दीन हैदर खान 1980-1981 कांग्रेस
11. करमचंद भगत 1981-1983 कांग्रेस
12. नागेंद्र झा 1983-1985 कांग्रेस
13. उमा पांडे 1985-1986 कांग्रेस
14. लोकेश नाथ झा 1986-1988 कांग्रेस
15. नागेंद्र झा 1988-1989 कांग्रेस
16. सत्येंद्र नारायण सिन्हा 1989-1996 कांग्रेस
17. डॉ दिवाकर प्रसाद सिंह 1996-1999 राष्ट्रीय जनता दल
18. जयप्रकाश नारायण यादव 1999-2000 राष्ट्रीय जनता दल
19. राम लखन राम रमण 2001-2004 राष्ट्रीय जनता दल
20. ब्रिसन पटेल 2005-2008 जनता दल यूनाइटेड
21. हरि नारायण सिंह 2008-2010 जनता दल यूनाइटेड
22. प्रशांत कुमार शाही 2010-2014 जनता दल यूनाइटेड
23. प्रशांत कुमार शाही 2014-2015 जनता दल यूनाइटेड
24. अशोक चौधरी 2015-2017 कांग्रेस
25. कृष्णा नंदन प्रसाद वर्मा 2017-2020 जनता दल यूनाइटेड
26. डॉ मेवालाल चौधरी 2020 जनता दल यूनाइटेड
27. अशोक कुमार चौधरी 2020 जनता दल यूनाइटेड
28. विजय कुमार चौधरी 2020-2022 जनता दल यूनाइटेड
29 प्रो चंद्रशेखर 2022-अभी तक राष्ट्रीय जनता दल

 

FAQs : Bihar ke Shiksha Mantri Kaun Hai

सवाल : भारत के पहले शिक्षा मंत्री कौन थे ?

मौलाना अबुल कलाम आज़ादपहले शिक्षा मंत्री थे

सवाल : बिहार के वर्तमान शिक्षा मंत्री कौन है ?

वर्तमान में प्रोफेसर चंद्रशेखर बिहार के शिक्षा मंत्री है

सवाल : बिहार के पहले शिक्षा मंत्री कौन है ?

पहले शिक्षा मंत्री आचार्य बद्रीनाथ वर्मा थे

सवाल : शिक्षा मंत्री का क्या काम होता है ?

शिक्षा मंत्री का काम शिक्षा व्यवस्था बनाना और उसे बनाए रखना होता है

सवाल : भारत के वर्तमान शिक्षा मंत्री कौन है ?

भारत के वर्तमान शिक्षा श्री धर्मेंद्र प्रधान है

सवाल : बिहार के गृह मंत्री कौन है?

बिहार के गृह मंत्री का नाम नीतीश कुमार है

सवाल : बिहार के राष्ट्रपति कौन है ?

राज्य का राष्ट्रपति नहीं होता है राष्ट्रपति देश का होता है और हमारे देश की राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू है

सवाल : बिहार के स्वास्थ्य मंत्री कौन है?

बिहार के स्वास्थ्य का नाम तेजस्वी यादव है

सवाल : बिहार के शिक्षा मंत्री का मोबाइल नंबर क्या है?

किसी भी मंत्री का नंबर सार्वजनिक रूप से जारी नही किया जाता है पर सहायता के लिए दिए गए नंबर का उपयोग कर सकते है

मोबाइल नंबर – 0612-2204904

सवाल : शिक्षा मंत्री को कौन नियुक्त करता है?

भारत के शिक्षा मंत्री की नियुक्ति प्रधान मंत्री करते है और राज्य के शिक्षा मंत्री की नियुक्ति मुख्य मंत्री करते है

 

Conclusion

आजके इस आर्टिकल में हमने Bihar ke Shiksha Mantri Kaun Hai के बारे में चर्चा की तथा 2023 में बिहार का शिक्षा मंत्री कौन है यह देखा

तथा बिहार के पहले शिक्षा मंत्री के बारे में भी जानकारी प्राप्त की, अंत में हमने बिहार के शिक्षा मंत्रियों की सूची को भी देखा

और जाना की बिहार के वर्तमान शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा और राजनीति से संबंधित अनुभव के आधार पर बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।

उन्होंने शैक्षणिक दक्षता को बढ़ाने के लिए विभिन्न नीतियों को लागू किया है जो बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में मदद करेंगी। इसलिए, बिहार के वर्तमान शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर का योगदान बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में बेहद महत्वपूर्ण है।