Rajyapal ki Niyukti Kaun Karta Hai | राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है

Rajyapal ki niyukti kaun karta hai : राज्यपाल या गवर्नर किसी भी राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है और एक राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में राज्य में अपनी सेवाएं देता है एवं राज्य की संवैधानिक स्थिति के बारे में राष्ट्रपति को समय-समय पर अवगत कराता है

देखा जाए तो राज्यपाल का पद एक राज्य में मुख्यमंत्री के बराबर ही होता है क्योंकि मुख्यमंत्री मंत्री परिषद का अध्यक्ष होता है तो वही राज्यपाल राज्य का संवैधानिक अध्यक्ष माना जाता है और प्रमुख नियुक्तियां इसी राज्यपाल के द्वारा की जाती है

पर सवाल ये उठता है कि राज्यपाल जो कि राज्य में एक संवैधानिक अध्यक्ष की भूमिका निभाता है और राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है

इसकी नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है, तो आज के इस लेख में हम राज्यपाल की नियुक्ति से संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारी को आपके साथ साझा करेंगे और आज के इस लेख का हमारा मुख्य विषय रहेगा Rajyapal ki niyukti kaun karta hai

इसके अलावा गवर्नर की नियुक्ति कौन करता है, राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है, भारत में राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है इत्यादि जानकारी भी हम आपके साथ साझा करेंगे

 

Rajyapal ki Niyukti Kaun Karta Hai
 राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है

 

Rajyapal ki Niyukti kaun karta Hai

राज्यपाल किसी भी राज्य में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है और राज्य में किस प्रकार की स्थितियां विद्यमान है इसके बारे में केंद्र सरकार एवं राष्ट्रपति तक अपनी सूचनाओं को पहुंचाता है

राज्यपाल पद का उल्लेख भारत के संविधान में भी किया गया है और भारतीय संविधान के भाग 6 में अनुच्छेद 153 से लेकर अनुच्छेद 167 तक राज्य की कार्यपालिका के बारे में जानकारियां प्रदान की गई है

इन्ही जानकारियों में राज्यपाल भी सम्मिलित हैं क्योंकि राज्य की कार्यपालिका में राज्यपाल का योगदान सबसे बड़ा होता है और इस राज्य कार्यपालिका में इसकी भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है

वही संपूर्ण केंद्र की कार्यपालिका में राष्ट्रपति का योगदान सबसे महत्वपूर्ण होता है

राज्यपाल की नियुक्ति भारतीय संविधान के अनुसार राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैं हालांकि राज्यपाल का चुनाव नहीं किया जाता है यानी कि विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों की तरह राज्यपाल को जनता द्वारा नहीं चुना जाता है बल्कि यह केंद्र सरकार के एक प्रतिनिधि के रूप में राज्यों में नियुक्त किए जाते हैं

किसी भी राज्य में राज्यपाल की नियुक्ति करना राष्ट्रपति का स्व विवेक नहीं होता है यानी कि राष्ट्रपति अपनी खुद की इच्छा से किसी भी व्यक्ति को किसी भी राज्य का राज्यपाल नहीं नियुक्त कर सकता है

बल्कि राज्यपाल नियुक्त करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किसी व्यक्ति का नाम राष्ट्रपति के समक्ष रखा जाता है और उसके बाद ही केंद्र सरकार की सलाह पर ही राष्ट्रपति किसी राज्य में राज्यपाल को नियुक्त करता है

भारत का संविधान लागू होने से लेकर 1980 तक राज्यपाल को केंद्र सरकार के एक प्रतिनिधि के रूप में भी जाना जाता था और ऐसे में राज्य में होने वाली विभिन्न प्रकार की गुप्त सूचनाएं भी राज्यपाल द्वारा केंद्र सरकार के पास पहुंच जाती थी

तो ऐसे में इस व्यवस्था को खत्म करने के लिए उच्चतम न्यायालय ने एक आदेश जारी किया जिसके अंतर्गत राज्यपाल को एक स्वतंत्र संवैधानिक पद का दर्जा मिल गया अर्थात कि अब वह केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में ना काम करते हुए राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में काम करता है

और राज्य की संपूर्ण राजनीतिक मशीनरी के बारे में जानकारियों को राष्ट्रपति के साथ साझा करता है

साथ ही किसी भी प्रकार की गड़बड़ होने पर राष्ट्रपति द्वारा उस राज्य में आपातकाल को भी लागू किया जा सकता है और इस आपातकाल को लागू करने से पहले राज्यपाल ही राष्ट्रपति को उस राज्य की स्थिति के बारे में अवगत कराता है

अब आप यह समझ चुके होंगे कि Rajyapal ki niyukti kaun karta hai राज्यपाल की नियुक्ति के संदर्भ में राष्ट्रपति की क्या भूमिका रहती हैं और साथ ही केंद्र सरकार की क्या भूमिका रहती है

 

Governer ki Niyukti kaun karta hai

आमतौर पर अंग्रेजी में राज्यपाल को ही गवर्नर कहा जाता है और अंग्रेजों के जमाने में जब भारत पर अंग्रेजों का शासन था तो इन्हीं गवर्नर द्वारा शासन किया जाता था और आज भी राज्यपाल को गवर्नर के नाम से ही जाना जाता है

भारत में जिस प्रकार से राज्यपालों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है उसी प्रकार से अंग्रेजों के जमाने में गवर्नर की नियुक्ति भारत के गवर्नर जनरल द्वारा की जाती थी और उस गवर्नर जनरल को आज के राष्ट्रपति से कंपेयर किया जा सकता है

  • अंग्रेजी शासन में गवर्नर जनरल अर्थात की वर्तमान समय में भारत का राष्ट्रपति
  • अंग्रेजी शासन में गवर्नर अर्थात की वर्तमान समय में राज्यों के राज्यपाल

इस प्रकार से अगर यह सवाल भी उठे की Governer ki niyukti kaun karta hai तो इसका उत्तर भी राष्ट्रपति ही होगा क्योंकि गवर्नर और राज्यपाल दोनों शब्द एक ही हैं

 

Rajypal ki Niyukti kaise Hoti Hai

जैसा की आप सभी पूर्व में जान चुके होंगे कि किसी भी राज्य में राज्यपाल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है परंतु केवल इतनी सी प्रक्रिया में ही सारी चीजें नहीं निपटती है

एक राज्य के राज्यपाल को नियुक्त करने के लिए भारतीय संविधान में एक लंबी प्रक्रिया का जिक्र किया गया है जो कि समझने में भी काफी ज्यादा मुश्किल है

इसलिए अब हम कुछ आसान से स्टेप्स के मदद से राज्यपाल की नियुक्ति किस प्रकार से होती है इसको देखने वाले हैं :

  • राज्यपाल के पद के लिए सर्वप्रथम केंद्र सरकार द्वारा किसी व्यक्ति की अनुशंसा की जाती है और किसी भी व्यक्ति को राज्यपाल पद के लिए चुने जाने से पहले केंद्र सरकार द्वारा उसके बैकग्राउंड को भी देखा जाता है
  • आमतौर पर राज्यपाल पद के लिए उन्हीं लोगों को चुना जाता है जो अपने कैरियर में राजनीतिज्ञ रहे हो या फिर राजनीति से कहीं ना कहीं उनका जुड़ाव रहा हो क्योंकि ऐसे लोग किसी भी राज्य की राजनीतिक मशीनरी को आसानी से समझने में माहिर होते हैं और राष्ट्रपति तक वह सटीक इंफॉर्मेशन को भी पहुंचा सकते हैं
  • राज्यपाल की नियुक्ति करते समय केंद्र सरकार द्वारा यह ध्यान भी रखा जाता है कि जिस राज्य के लिए राज्यपाल चुना जा रहा है, वह व्यक्ति उसी राज्य का निवासी नहीं होना चाहिए और साथ ही उस राज्य से उसका किसी भी प्रकार से संबंध नहीं होना चाहिए क्योंकि अगर उसी व्यक्ति को उसके होमस्टेट में ही राज्यपाल बना दिया जाए तो इससे स्थान में राजनीति उत्पन्न हो जाएगी जो कि संविधान एवं लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है
  • उदाहरण के तौर पर कोई हरियाणा का व्यक्ति राज्यपाल के लिए घोषित किया गया है तो उसे हरियाणा की बजाय राजस्थान या गुजरात का राज्यपाल बनाया जाएगा जिससे कि वह स्थानीय राजनीति से अपने आप को दूर रख सके और सभी को एक नजर से देख सके
  • राज्यपाल की नियुक्ति में केवल राष्ट्रपति एवं केंद्र सरकार की भूमिका ही नहीं होती है इसके अलावा जब राष्ट्रपति द्वारा किसी राज्य में राज्यपाल की नियुक्ति की जाती है तो उस समय उस राज्य के मुख्यमंत्री से भी परामर्श लेता है
  • एक बार केंद्र सरकार द्वारा नाम अनुशंसित करने के बाद राष्ट्रपति उस पर अपना सामान्य विचार-विमर्श करता है और उस व्यक्ति को भी इसका संदेश भिजवाया जाता है कि उनको किसी राज्य के राज्यपाल हेतु नियुक्त किया जा रहा है
  • एक बार फाइनल डिसीजन होने के बाद राष्ट्रपति द्वारा ही राज्यपाल की नियुक्ति की जाती हैं और अगर राष्ट्रपति अनुपस्थित हो तो सुप्रीम कोर्ट के किसी जज द्वारा राज्यपाल को शपथ दिलाई जाती है
  • इस प्रकार से राज्यपाल अपनी नियुक्ति लेकर उस राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में अपनी कुर्सी पर विराजमान हो जाता है और राज्य में हो रही समस्त राजनीतिक गतिविधियों की जानकारियों को राष्ट्रपति के साथ साझा करता है

 

क्या कोई भी राज्यपाल बन सकता है?

राज्यपाल बनने के लिए भारतीय संविधान में कुछ विशेष प्रकार के उपबंध किए गए हैं जैसे कि भारत की न्यायपालिका से संबंधित कोई व्यक्ति राज्यपाल नहीं बनना चाहिए और साथ ही भारत के संवैधानिक संस्थाओं से रिटायर्ड लोगों को भी राज्यपाल का पद नहीं मिलना चाहिए

ऐसे प्रावधान करने के पीछे यह मनसा रही है कि न्यायपालिका से संबंधित कोई व्यक्ति यदि राज्यपाल बन जाएगा तो वह राज्यपाल बनने के लिए न्यायपालिका में रहते हुए ही केंद्र सरकार का पक्ष लेगा

उदाहरण के लिए यदि कोई सुप्रीम कोर्ट का जज किसी राज्य का राज्यपाल बनना चाहता है तो यह लाजमी बात है कि उसे अपने पद पर रहते हुए केंद्र सरकार की चाटुकारिता करनी होगी और यदि कोर्ट में केंद्र सरकार के विरुद्ध कोई मामला भी आएगा तो ऐसे में वह अपना सही डिसीजन नहीं दे पाएगा

ऐसा करना ना केवल हमारी न्यायपालिका के लिए घातक सिद्ध होगा बल्कि साथ ही भारत की कानून व्यवस्था भी चरमरा जाएगी क्योंकि ऐसी स्थिति में चोर को चोर नहीं माना जाएगा

  • राष्ट्रपति न्यायपालिका से संबंधित किसी व्यक्ति को राज्यपाल के लिए नियुक्त ना करें
  • केंद्र सरकार द्वारा न्यायपालिका या भारत के उच्चतम न्यायालय से संबंधित व्यक्तियों को राज्यपाल हेतु ना चुना जाए
  • मंत्री परिषद द्वारा राज्यपाल पदों के लिए जजों का नाम ना अनुशंसित किया जाए
  • भारत की संवैधानिक संस्थाओं जैसे कि भारतीय सिविल सेवा आयोग इत्यादि के रिटायर्ड लोगों को भी इस पद के लिए ज्यादा अनुशंसित ना किया जाए
  • संवैधानिक संस्थाओं में काम कर रहे अधिकारी बिना किसी लाभ के पद के बारे में सोचे हुए निष्पक्षता से अपना कार्य करें

हालांकि  एक अपवाद के रूप में ही कुछ सालों पहले राज्यसभा के मनोनीत सदस्य के रूप में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को चुना गया था और उस समय भी यह चर्चा में रहे थे क्योंकि न्यायपालिका के सदस्य रहते हुए इन्होंने भारत सरकार के पक्ष में फैसले किए क्योंकि उन्हें पहले से पता था कि भारत सरकार उन्हें रिटायर होने के बाद एक अच्छे पद पर जगह देगी

पर बाद में इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए इस बात को सही माना गया क्योंकि राज्यसभा का मनोनीत सांसद होना कोई लाभ का पद नहीं होता है

इसी प्रकार राज्यपाल का पद भी कहीं ना कहीं लाभ के पद के दायरे में नहीं आता है परंतु फिर भी कुछ ऐसी संस्थाओं एवं लोगों को इस पद से दूर रखना चाहिए

क्योंकि ऐसा करने से भारत की अन्य संवैधानिक संस्थाओं पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है और वे अपना कार्य से कुशलता से नहीं कर पाएगी

 

FAQs : राज्यपाल (Governor) की नियुक्ति कौन करता है

सवाल : Rajyapal की नियुक्ति कौन करता है

राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैं

सवाल : क्या राज्य में राज्यपाल की भूमिका राष्ट्रपति के समान है?

हां, जिस प्रकार से राष्ट्रपति केंद्र सरकार में संवैधानिक प्रमुख होता है उसी प्रकार से राज्यपाल भी राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है

सवाल : भारतीय संविधान के किस भाग में राज्यपाल के बारे में वर्णित किया गया है?

भारतीय संविधान के भाग 6 में राज्यपाल से संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारियों को वर्णित किया गया है

सवाल : भारतीय संविधान के किन अनुच्छेदों में राज्यपाल का वर्णन किया गया है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 153 से लगाकर 167 तक राज्यपाल के बारे में वर्णन किया गया है

सवाल : क्या आज भी राज्यपाल केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में राज्य में कार्य करता है?

नहीं, राज्यपाल वर्तमान में राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में राज्य में कार्य करता है और राज्य की राजनीतिक स्थिति के बारे में राष्ट्रपति को समय-समय पर अवगत कराता है

सवाल : भारत में राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है?

भारत में राज्यपाल की नियुक्ति भारत के संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैं

सवाल : क्या राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल की नियुक्ति अपनी इच्छा से की जाती है?

नहीं, केंद्र सरकार द्वारा नाम निर्दिष्ट किए गए व्यक्ति को ही राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल के तौर पर किसी राज्य में नियुक्त किया जाता है


Conclusion

तो पाठको हम आशा करते हैं कि आपको आज का हमारा यह लेख Rajyapal ki niyukti kaun karta Hai बहुत ज्यादा पसंद आया होगा

और इस लेख को पढ़कर आप राज्यपाल की नियुक्ति किस प्रकार से होती है एवं राज्य में राज्यपाल की भूमिका क्या है, इत्यादि जानकारियों को बहुत अच्छी तरह से समझ चुके

अगर आपको आज का हमारा यह लेख अच्छा लगा हो और इसे पढ़कर आपको ज्ञानवर्धक जानकारी मिली हो तो इस लेख के Comment Box  में अपने Valuable Suggestions जरूर लिखें ताकि आगे आने वाले समय में हम आपके लिए इसी प्रकार के ज्ञानवर्धक लेख लाते रहे और आपके ज्ञान में सकारात्मक वृद्धि करते रहे

इस लेख को पढ़ने के लिए आप सभी पाठकों का बहुत-बहुत आभार और धन्यवाद