Sanku Ka Ayatan : अगर हम सामान्य गणित विषय की बात करें तो इसे मुख्यतः दो भागों में बांटा गया है एक अंक गणित और दूसरा बीजगणित
सामान्य गणित के एक भाग अंक गणित में मुख्यता अंकों के साथ विभिन्न प्रकार की गणना की जाती है वहीं दूसरी और सामान्य गणित के दूसरे भाग बीजगणित में अंग्रेजी के अक्षरों के साथ अंको को मिलाकर विभिन्न प्रकार की गणना की जाती है
अंग्रेजी में अंकगणित को Arthimatic कहा जाता है वहीं दूसरी और अंग्रेजी में बीजगणित को Advance Math’s कहा जाता है
- अंक गणित के विषय
अंकगणित के विषयों में मुख्यतः हानि लाभ, साधारण ब्याज और चक्रवर्ती, ब्याज, प्रतिशत, औसत, साझेदारी, अंक गणना,जोड़, घटाव, गुणा, बाकी इत्यादि विषय आते हैं
- बीजगणित के विषय
बीजगणित के विषयों को 5 भागों में बांटा गया है और इन्हीं पांच भागों में पूरी बीजगणित का सार छुपा हुआ है
- Geometry
- Coordinate geometry
- Mensuration
- Trigonometry
- Algebra
आज के इस लेख में हम बीजगणित के एक विषय Mensuration मैं आने वाले एक छोटे से टॉपिक शंकु की चर्चा करने वाले हैं और उससे संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रश्नों को कैसे हल किया जा सकता है
उसके बारे में देखने वाले हैं जैसे कि शंकु का आयतन किस प्रकार से ज्ञात किया जाता है, शंकु क्या होता है, उसकी परिधि क्या होती है इत्यादि
हमारे आज के इस लेख का मुख्य विषय रहेगा Sanku Ka Ayatan कैसे ज्ञात किया जा सकता है और शंकु से संबंधित विभिन्न प्रश्नों को कैसे आसानी से हल किया जा सकता है इत्यादि
Sanku Ka Ayatan – शंकु का आयतन
शंकु 3 भुजाओं से घिरी हुई आकृति होती है, जिसके शीर्ष बिंदु से दो रेखाएं निकलकर उसके अंतिम तल पर जाकर मिलती हैं और इस प्रकार से बनी आकृति को ही शंकु कहा जाता है
शंकु का आयतन फार्मूला क्या होता है = 1/3 πr2h
यहां पर दिए गए π का सटीक मान 22/7 होगा
यहां पर शंकु की ऊंचाई के लिए h का चिन्ह दिया गया है तथा शंकु की तिर्यक ऊंचाई के लिए l का चिह्न दिया गया है
वही r का चिन्ह शंकु के आधार की त्रिज्या को बताने के लिए दिया गया है
जब शंकु के आयतन की गणना की जाती है तो उसके पृष्ठीय क्षेत्रफल को भी ध्यान में रखा जाता है क्योंकि एक शंकुकार आकृति में उसका पृष्ठ क्षेत्रफल भी महत्वपूर्ण भाग होता है
अगर एक समान आधार और एक समान ऊंचाई वाले शंकु की तुलना एक लंब वृत्तीय बेलन के साथ की जाए तो इन दोनों का अनुपात 1: 3 होगा जो कि उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है
उदाहरण : अगर एक लंब वृत्तीय बेलन का आयतन 27 हैं तो उसी की तुलना शंकु के आयतन के साथ करने पर उसका मान 71 होगा
शंकु के आयतन (Volume) से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सवाल
शंकु के आयतन से संबंधित सूत्र को समझने के बाद हम यहां कुछ सवालों को देखने वाले हैं और जिनके द्वारा हमें आसानी से समझ पाएंगे कि शंकु के आयतन को किस प्रकार से ज्ञात किया जाता है
प्रथम सवाल : अगर किसी शंकु की त्रिज्या 11 सेंटीमीटर है और उसकी तिर्यक ऊंचाई 18 सेंटीमीटर है तो शंकु का आयतन क्या होगा? ( यहां π का मान 22/7 होगा )
प्रथम उत्तर : शंकु के आयतन का सूत्र सर्वप्रथम लगाया जाएगा
शंकु की त्रिज्या = 11 सेंटीमीटर
शंकु तिर्यक ऊंचाई = 18 सेंटीमीटर
शंकु के आयतन का सूत्र = 1/3 πr2h
1/3 × 22/7 × 11 × 2 × 1
द्वितीय प्रश्न : अगर एक शंकु की त्रिज्या 7 सेंटीमीटर और उस शंकु की ऊंचाई 12 सेंटीमीटर हैं तो शंकु का आयतन ज्ञात कीजिए?(जहां पर पाई का मान 22/7 )
द्वितीय उत्तर : यहां पर शंकु के आयतन का सूत्र का इस्तेमाल करते हुए इसका आयतन निकाला जाएगा
शंकु की त्रिज्या = 7 सेंटीमीटर
शंकु की ऊंचाई = 12 सेंटीमीटर
शंकु का आयतन प्रयुक्त सूत्र = 1/3 × π × r2 × h
जहां r बराबर शंकु की त्रिज्या और h बराबर शंकु की ऊंचाई दी गई है
1/3 × π × 7×7 × 12
616 घन सेंटीमीटर
तीसरा प्रश्न : अगर किसी लंब वृत्तीय शंकु के आधार का व्यास 14 मीटर है और उसी शंकु की ऊंचाई 3 मीटर है तो उस शंकु का कुल आयतन कितना होगा?
तीसरा उत्तर : निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए मान
शंकु के आधार का व्यास = 14 मीटर
शंकु की कुल ऊंचाई = 3 मीटर
शंकु अभीष्ट आयतन = ⅓ πr²h
= ⅓ × ²²⁄₇ × (7)² × 3
= ⅓ × ²²⁄₇ × (7)² × 3
= 154 घन मीटर
चौथा प्रश्न : एक पानी पीने वाला गिलास जो की शंकु के छिन्नक के आकार का है और उस गिलास की ऊंचाई 14 सेंटीमीटर है,
अगर उसके दोनों वृत्ताकार सिरो के व्यास 4 सेंटीमीटर तथा 2 सेंटीमीटर हैं तो इस गिलास में कितना पानी धारण किया जा सकता है तथा इस गिलास की धारिता कितनी है? ( NCERT BOOK QUESTION )
चौथा उत्तर :
शंकु के छिन्नक की ऊँचाई =14 cm
शंकु के छिन्नक का बड़ा व्यास = 4 cm
अत: शंकु के छिन्नक की त्रिज्या, r
1=42=2 cm
शंकु के छिन्नक का छोटा व्यास =2 cm
अत: शंकु के छिन्नक का छोटी वाली त्रिज्या, r2=22=1 cm
अत: गिलास का आयतन अर्थात धारिता
शंकु के छिन्नकका आयतन =13πh(r12+r22+r1⋅r2)
=13×227×14(22+12+2×1) cm3
=13×22×2(4+1+2)cm3
=443×7 cm3
=3083 cm3
=10223 cm3
गिलास की धारिता
पांचवा प्रश्न : एक शंकु से बने छिन्नक की तिर्यक ऊंचाई लगभग 4 सेंटीमीटर है और इसके दोनों वृत्तीय शिरो के परिमाप क्रमशः 18 सेंटीमीटर और 6 सेंटीमीटर है तो इस शंकु छिन्नक का वक्रीय पृष्ठ क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए? ( NCERT BOOK QUESTION )
पांचवा उत्तर :
शंकु के छिन्नक की ऊँचाई, l=4 cm
बड़े सिरे की परिधि =18 cm
छोटे सिरे की परिमाप = 6 cm
अत: शंकु के छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
वृत्त की परिधि =2πr
अत: बड़े सिरे की परिमाप
18 cm=2πr1
r1=182πcm
=r1=9π cm
और छोटे सिरे की परिमाप
वृत्त की परिधि =2πr
⇒6 cm=2πr2
⇒r2=62πcm
⇒r2=3π cm
अब शंकु के छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल =π(r1+r2)l
=π(9π+3π)×4 cm2
=π×1π(9+3)×4 cm2
=48 cm2
अत: शंकु के छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
शंकु से संबंधित कुछ अन्य सूत्र – Sanku ka Formula
शंकु के आयतन के सूत्र के अलावा भी कुछ अन्य सूत्र है जो कि शंकु के विभिन्न प्रकार के मानो को निकालने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं
- शंकु के आयतन का सूत्र : 1/3 πr2h
- शंकु की तिर्यक ऊंचाई ज्ञात करने का सूत्र : √ ( h2 + r2 )
- शंकु की ऊंचाई ज्ञात करने का सूत्र : √ ( l2 – r2 )
- शंकु के आधार की त्रिज्या ज्ञात करने का सूत्र : √ ( l2 – h2 )
- शंकु और एक लंब वृत्तीय बेलन का अनुपात : 1:3
शंकु की आकृति के गुणधर्म
एक शंकु आकृति को मुख्यतः चार भागों में बांटा जाता है जो कि उसके गुणधर्म कहलते हैं और इन चारों भागों से मिलकर एक शंकु आकृति का निर्माण होता है
- शंकु की उच्चतम भुजा
- शंकु का पूर्ण वार्ताकार आधार
- शंकु की लंबवत ऊंचाई
- शंकु की तिर्यक ऊंचाई
- शंकु का शीर्ष
यह शंकु का उच्चतम बिंदु कहलाता है और इसे मोड कर शंकु के आधार पर स्थित अन्य रेखाओं के साथ मिला दिया जाता है जिसके द्वारा एक शंकु आकार आकृति का निर्माण होता है
- शंकु का पूर्ण वार्ताकार आधार या फलक
बीजगणित की अन्य आकृतियों की तुलना में शंकु का फलक या आधार पूर्ण वृत्ताकार होता है और यह शंकु के सबसे निचले हिस्से में रहता है इस कारण से, इसे शंकु का आधार भी कहा जाता है
- शंकु की लंबवत ऊंचाई
यह शंकु की तिर्यक ऊंचाई के विपरीत होती हैं और वास्तविक लंबाई में ही इसका मापन किया जाता है, शंकु की इस लंबवत ऊंचाई का मापन शंकु के उच्चतम भुजा से लेकर आधार तक किया जाता है
- शंकु की तिर्यक ऊंचाई
यह शंकु की लंबवत ऊंचाई के विपरीत होती हैं और इसका मापन शंकु के मध्य से लेकर इसके विपरीत भुजा के मध्य तक किया जाता है
FAQs : Sanku Ka Ayatan Formula in Hindi
सवाल : शंकु का Ayatan का सूत्र क्या है?
शंकु के आयतन का सूत्र 1/3 πr2h है
सवाल : एक समान आधार एवं एक समान ऊंचाई के लंब वृत्तीय बेलन और एक लंब वृत्तीय शंकु के आयतन का अनुपात परस्पर कितना होता है?
एक समान ऊंचाई और आधार वाले एक लंब वृत्तीय बेलन और एक लंब वृत्तीय शंकु के आयतन का अनुपात परस्पर एक अनुपात तीन ( 1:3 ) होता है
सवाल : शंकु की तिर्यक ऊंचाई ज्ञात करने का सूत्र क्या है?
शंकु की तिर्यक ऊंचाई ज्ञात करने का सूत्र √ ( h2 + r2 ) है
सवाल : शंकु की एक सामान्य परिभाषा क्या है?
शंकु मुख्यता एक त्रिविमीय आकृति होती है जिसकी शीर्ष भुजा उसके तल पर आकर एक अर्ध गोलाकार आकृति का निर्माण करती है जिसे की शंकु को कहा जाता है
सवाल : एक शंकु आकृति के कितने भाग होते हैं?
एक शंकु आकृति के 4 भाग होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं :
- सिरिश्तम भुजा
- पूर्ण वार्ताकार आधार
- शंकु की ऊंचाई
- शंकु की तिर्यक ऊंचाई
सवाल : एक शंकु की त्रिज्या यदि 14 सेंटीमीटर है और उसकी तिर्यक ऊंचाई 10 सेंटीमीटर है, तो शंकु का आयतन क्या होगा?
शंकु की त्रिज्या = 14 सेंटीमीटर
शंकु की तिर्यक ऊंचाई = 10 सेंटीमीटर
शंकु के आयतन का सूत्र = 1/3 πr2h
यहां पर π का मान 22/7 होगा जो की सार्वभौमिक हैं
1/3× 22/7 × 14 × 14 × 10
1/3 × 22 × 2 × 14 × 10
शंकु का प्राप्त आयतन 2053.33 होगा
सवाल : शंकु की तिर्यक ऊंचाई ज्ञात करने का सूत्र क्या है?
शंकु की तिर्यक ऊंचाई ज्ञात करने का सूत्र √ ( h2 + r2 ) है
सवाल : शंकु की ऊंचाई ज्ञात करने का सूत्र क्या है?
शंकु की ऊंचाई ज्ञात करने का सूत्र √ ( l2 – r2 ) है
सवाल : शंकु के आधार की त्रिज्या ज्ञात करने का सूत्र क्या है?
शंकु के आधार की त्रिज्या ज्ञात करने का सूत्र √ ( l2 – h2 ) है
Conclusion
तो पाठको हम आशा करते हैं कि आपको आज का हमारा यह लेख Sanku Ka Ayatan बहुत ज्यादा पसंद आया होगा
और इसे पढ़कर आपको शंकु के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी और अब आप यह भी जान गए होंगे कि आप शंकु का आयतन और उससे जुड़े अन्य सवालों को कैसे हल कर सकते हैं
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हम यह आशा करते हैं कि आपको यह लेख बहुत पसंद आया होगा और इसमें दी गई जानकारियां भी आपके लिए सार्थक सिद्ध होगी, इस लेख को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार और धन्यवाद